काठमांडू: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले नेपाल के जनकपुर में कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के साथ उत्सव मनाया जाएगा. जनकपुर को भगवान राम की पत्नी सीता का जन्मस्थान माना जाता है. सीता का दूसरा नाम जानकी है, जो जनकपुर के राजा जनक की पुत्री थीं. जनकपुर काठमांडू से 220 किलोमीटर दक्षिणपूर्व और अयोध्या से लगभग 500 किलोमीटर पूर्व में स्थित है.
नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने कहा- माता जानकी हमारी बेटी है
नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने शनिवार को कहा कि हमारी बेटी, माता जानकी का विवाह भगवान श्री राम से हुआ था. हम बहुत उत्साहित हैं कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा। भारत के उच्चतम न्यायालय ने (अयोध्या मामले में) जब अपना अंतिम फैसला सुनाया तो जनकपुर के लोग बहुत खुश थे. भारत में नेपाल के राजदूत शंकर प्रसाद शर्मा ने अयोध्या में राम मंदिर के साथ नेपाली लोगों के मजबूत पारंपरिक संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए कई लोग अयोध्या आएंगे. उन्होंने अयोध्या-जनकपुर को सिस्टर सिटी के रूप में स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी जोर दिया.
नेपाल के प्रतिष्ठित पुजारी को किया गया आमंत्रित
नेपाल के अत्यंत प्रतिष्ठित पुजारी आचार्य दुर्गा प्रसाद गौतम को भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के समर्पण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है. प्राण प्रतिष्ठा के रूप में जाना जाने वाला अभिषेक अनुष्ठान 16 से 22 जनवरी तक होने वाला है, जिसमें 22 जनवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में मंदिर का उद्घाटन होगा. मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रबंधन के तहत है, और अनुमानित लागत 1,400 करोड़ से 1,800 करोड़ रुपये के बीच है.
गर्भगृह में रामलला का अभिषेक समारोह ट्रस्ट के वर्षों के प्रयास और समर्पण की पराकाष्ठा का प्रतीक है और लाखों भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षण है. बता दें कि 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह 22 जनवरी को होने वाला है. इसके साथ ही नेपाल में माता सीता के गृहनगर जनकपुर से आभूषणों, मिठाइयों, फलों, कपड़ों और बर्तनों सहित उपहारों की 3000 टोकरियां लेकर लगभग 500 मेहमान अयोध्या पहुंचे है.