रायपुर: मुंबई में मानसून आम तौर पर 11 जून तक आता है लेकिन इस बार अब तक इसने दस्तक नहीं दी है. वहीं छत्तीसगढ़ वासियों का मानसून का इंतजार 23 जून को खत्म हुआ. छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के साथ ही मौसम सुहाना हो गया है. खास बात यह है कि अब पूरे छत्तीसगढ़ में मानसून छा गया है. छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के साथ ही कई इलाके तरबतर हो गए हैं.
मानसून से उफान पर सोंढूर नदी: धमतरी की सोंढूर नदी में उफान आने से कुछ गांवों का संपर्क शहर से टूट गया है. वहीं बीजापुर और बलरामपुर में भी तेज बारिश हुई है. धमतरी के नगरी ब्लॉक के 6 गांवों का संपर्क भी जिला मुख्यालय से टूट गया है. गुरुवार रात भारी बारिश के बाद सोंढुर नदी में उफान के कारण नदी के उस पार बसे रिसगांव, गादुल बाहर, करही, जोरताराई, करका और आमा बाहरा गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट गया. इस दौरान गांव से बाहर जरूरी काम के लिए गए लोगों को वापस आने में काफी मुसीबत उठानी पड़ रही है.
मानसून से बलरामपुर में बाढ़ जैसे हालात: छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री के दूसरे दिन बलरामपुर में जोरदार बारिश हुई. दोपहर से शुरू हुई बारिश के बाद से कई क्षेत्रों में पानी उफान मारने लगा. घने जंगलों में मौजूद प्राचीन धार्मिक स्थल बाबा बच्छराज कुंवर धाम में बाढ़ जेसे हालात बन गए. दरअसल, शनिवार दोपहर अचानक मौसम बदला और तेज आंधी तूफान के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. मंदिर के आसपास कुछ झोपड़ी भी पानी में बह गए. हालांकि इससे किसी के जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है.
घने जंगल के बीज है बच्छराज कुंवर धाम: बाबा बच्छराज कुंवर धाम चलगली थाना क्षेत्र में घने जंगलों के बीच पड़ता है. बारिश के मौसम में यहां अक्सर बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं. साल 2016 और 2018 में भी बच्छराज कुंवर धाम में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी. इसमें एक मासूम की जान भी चली गई थी.