सागर। जिले के बीना क्षेत्र मिशनरी स्कूल निर्मल ज्योति हायर सेकेंडरी स्कूल में धर्म विशेष की प्रार्थना कराए जाने के मामले की शिकायत पाए जाने के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग की 2 सदस्य टीम ने गुरुवार को स्कूल पहुंचकर जांच पड़ताल की. दरअसल आयोग को एक छात्र द्वारा धर्म विशेष की प्रार्थना करने की शिकायत मिली थी. आयोग के सदस्यों को स्कूल में कई गड़बड़ियां मिली हैं. स्कूल की बायोलॉजी लैब में मानव भ्रूण पाया गया है. जिसे आयोग द्वारा जब्त कर जांच के लिए भेजा है. वहीं स्कूल में आरटीई के तहत होने वाले एडमिशन में भी गड़बड़ियां पाई गई हैं. इन गड़बड़ियों के आधार पर राज्य बाल संरक्षण आयोग ने बीना बीआरसी को एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
मिशनरी स्कूल की लैब में मानव भ्रूण: जिले के बीना के मिशनरी स्कूल निर्मल ज्योति हायर सेकंडरी के खिलाफ शिकायत मिलने पर गुरुवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग की दो सदस्यीय टीम ने बीना पहुंचकर जांच की. राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह और डॉ. निवेदिता शर्मा ने स्कूल पहुंचकर निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान स्कूल की बायोलॉजी लैब में एक मानव भ्रूण पाया गया. जिसको लेकर स्कूल प्रबंधन उचित जबाव नहीं दे सका. स्कूल प्रबंधन के टालमटोल रवैए और भ्रूण प्लास्टिक का बताए जाने पर आयोग की महिला सदस्य निवेदिता शर्मा ने जब प्रिजर्व रखने की वजह पूंछी, तो प्रबंधन उचित जबाव नहीं दे सका. तब आयोग के सदस्यों लेब्रोटरी के भ्रूण को जब्त कर जांच के लिए भेजा है.
ये भी पढ़ें |
आरटीई का नहीं हो रहा पालन: राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह और डॉ. निवेदिता शर्मा बीना के प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस के साथ गुरुवार करीब 4 बजे निर्मल ज्योति स्कूल पहुंचे. स्कूल की मान्यता से संबंधित कागजात, आय-व्यय का लेखा-जोखा, फीस स्ट्रक्चर और स्टाफ की योग्यता से संबंधित दस्तावेजों की जांच की. जांच में पाया गया कि स्कूल में पदस्थ शिक्षकों और बस चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया. वहीं स्कूल में आरटीई कानून के पालन में गड़बड़ी सामने आई है.
आयोग के सदस्यों ने प्रबंधन से पूंछतांछ की तो स्कूल ने 178 गरीब बच्चों को फीस में छूट देने की बात की और बताया कि करीब 16 लाख फीस माफ की है. लेकिन जब आयोग ने दस्तावेज मांगे तो सिर्फ तो सिर्फ एक विद्यार्थी का आवेदन मिला और विद्यार्थी की आर्थिक स्थिति के कोई सबूत नहीं मिले.
क्या कहना है जिम्मदारों का: स्कूल की प्राचार्या सिस्टर ग्रेस का कहना है कि उन्होंने कुछ समय पहले ही यहां ज्वाइन किया है और मानव भ्रूण के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. आयोग ने शिकायतकर्ता छात्र के बयान लेने के बाद बीआरसी को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ धर्म विशेष की प्रार्थना कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.