बिलासपुर/रायपुर: जिला मुख्यालय बिलासपुर से 30 किलोमीटर दूर रतनपुर में आदिशक्ति मां महामाया मंदिर इतिहास के पन्नों में खास महत्व रखता है. 5 सदी पुराने इस मंदिर का निर्माण कलचुरी राजाओं ने कराया था. एक सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महामाया देवी के दर्शन करेंगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पहले राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, एपीजे अब्दुल कलाम और रामनाथ कोविंद भी अपने कार्यकाल में बिलासपुर आ चुके हैं. लेकिन द्रौपदी मुर्मू पहली राष्ट्रपति हैं, जो देवी महामाया के तीनों रूपों का दर्शन करेंगी.
देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है महामाया मंदिर: महामाया देवी को शक्ति स्वरूपा और देवी दुर्गा का रूप माना जाता है. देश के 52 शक्तिपीठों में रतनपुर का महामाया मंदिर भी एक शक्तिपीठ है. राष्ट्रपति बिलासपुर पहुंचने ही सबसे पहले महामाया देवी के दर्शन के लिए जाएंगी. मां महामाया के तीनों रूपों का दर्शन करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी. राष्ट्रपति के दौरे को लेकर रतनपुर मंदिर और गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में तैयारी पूरी कर ली गई है. एसपीजी और पुलिस प्रशासन ने मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है औऱ मंदिर परिसर छावनी में तब्दील हो चुका है.
तीन रूपों में विराजमान हैं महामाया देवी: महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि, "देवी दुर्गा यहां महामाया देवी के रूप में विराजमान है. यहां उनके तीन रूपों की पूजा की जाती है. मां महामाया यहां महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के रूपों में अपने भक्तों को दर्शन देती हैं. दुर्गा सप्तशती के साथ ही देवी पुराण में देवी महामाया के बारे में जो कुछ लिखा है, ठीक उन्हीं रूपों के दर्शन रतनपुर महामाया मंदिर में होते हैं. महामाया मंदिर में शक्ति के तीनों रूप दिखाई देते हैं. तीनो रूपों में समाहित मां के स्वरूप को महामाया देवी की संज्ञा दी गई है.
ये समिति के लिए गौरव की बात है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंदिर में दर्शन के लिए आ रही हैं. ट्रस्ट के सदस्य और भक्त मंदिर में उनके आने के यादगार पल को संजोकर रखेंगे. -आशीष सिंह, अध्यक्ष, महामाया मंदिर ट्रस्ट
पहाड़ों की शृंखला के बीच कुलचुरी राजाओं ने बनवाया था मंदिर: रतनपुर धर्मनगरी है. अंग्रेजों के मराठाओं से मध्य प्रांत छीन लेने से पहले तक रतनपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी रही. रतनपुर को देवी और आस्था की नगरी के रूप में भी जाना जाता है. यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां गर्भ गृह के नीचे महामाया यानी धन की देवी लक्ष्मी विराजमान हैं. वहीं उनके दाहिने तरफ ऊपर की ओर ज्ञान की देवी मां सरस्वती विराजित हैं. 14वीं शताब्दी में बना यह मंदिर रतनपुर के कलचुरी राजाओं के शासनकाल में बना था. मान्यता यह भी है कि राजा रत्नदेव ने देवी काली के दर्शन किए थे और उसी स्थान पर मंदिर बनवाया.
इतिहासकारों से जानिए मंदिर का इतिहास: इतिहास के जानकार राजेश अग्रवाल और हबीब खान ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण 1492 ईस्वी में हुआ था. मंदिर के पास एक बड़ा तालाब हैं. परंपरागत रूप से महामाया रतनपुर राज्य की कुलदेवी हैं. मंदिर का जीर्णोद्धार वास्तुकला विभाग द्वारा कराया गया है. मां महामाया मंदिर 5 सौ साल पुराना बताया जाता है. कल्चुरी काल में निर्मित इस मंदिर को लेकर कई किस्से कहानियां हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 अगस्त को पहुंचेंगी रायपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 अगस्त को सुबह 11.05 बजे विशेष विमान से रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी. एयरपोर्ट पर गॉड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. रायपुर में भगवान जगन्नाथ मंदिर जाएंगी और आरती पूजा में शामिल होंगी. इसके रायपुर में ब्रह्मकुमारी केंद्र में 'सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष' (Year of Positive Change) कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी. फिर दोपहर 3 बजे महंत घासीदास संग्रहालय का दौरा करेंगी. प्राचीन कलाकृतियों को देखने के बाद राष्ट्रपति का काफिला राजभवन जाएगा. छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विष्णुभूषण हरिचंदन के साथ रात्रि भोज कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगी.
एक सितंबर को बिलासपुर में इन कार्यक्रम में करेंगी शिरकत: दूसरे दिन यानी 1 सितंबर को सुबह 9.45 बजे हेलीकॉप्टर से बिलासपुर के लिए रवाना होगी. राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर कोनी के पंडित सुंदरलाल शर्मा यूनिवर्सिटी परिसर के हेलीपैड पर उतरेगा. यहां से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रतनपुर के महामाया मंदिर जाएंगी. महामाया देवी के दर्शन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुबह 10 बजे गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के 10वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी. दोपहर 1 बजे राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर रायपुर के लिए उड़ान भरेगा. दोपहर 2 बजे रायपुर राजभवन लौटेंगी, जहां आदिवासी प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगी. फिर शाम 6.15 बजे उनका विशेष विमान दिल्ली के लिए उड़ान भरेगा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे को लेकर रायपुर में की गई तैयारी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर रायपुर में ट्रैफिक रूट को डायवर्ट किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर, शांति सरोवर सड्डू, महंत घासीदास संग्रहालय और राजभवन में प्रस्तावित है. इस वजह से रायपुर एयरपोर्ट से पीटीएस चौक फिर टेमरी उसके बाद फुंडहर, श्रीराम मंदिर, महासमुंद बैरियर, तेलीबांधा चौका, आनंद नगर, भारतमाला चौक से लेकर शांतिर सरोवर तक रूट तय किया गया है. इधर से ही राष्ट्रपति मुर्मू जाएंगी. वीआईपी मूवमेंट से 15 मिनट पहले सड़क मार्ग के दोनों तरफ के यातायात को रोका जाएगा. एयरपोर्ट से वीआईपी रोड होकर श्रीराम मंदिर टर्निंग तक सुबह 11.15 से 11. 25 बजे तक आम लोगों के लिए बंद रहेगा. श्रीराम मंदिर टर्निंग से तेलीबांधा फिर आनंद नगर और भारतमाता चौक तक 11.25 से 11.35 बजे तक आम लोगों के लिए यहां आवागमन बंद रहेगा.
रायपुर से लेकर बिलासपुर तक अलर्ट मोड पर पुलिस: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे को देखते हुए पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े और पुख्ता इंतजाम किए हैं. शहर के तमाम चौक चौराहों के साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप और अन्य जगहों पर पुलिस ने बुधवार को सघन चेकिंग की. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा के लिए एसपी, डीएसपी, एडिशनल एसपी, टीआई सहित लगभग 1100 जवान तैनात रहेंगे.