नई दिल्ली : एनडीएमसी में नौकरी का झांसा देने वाले एक नकली आईएएस को उसके चार साथियों सहित क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने अभी तक 30 से ज्यादा लोगों से लगभग 60 लाख रुपये की ठगी की है. पुलिस ने इनके पास से पीड़ित को दिया गया एनडीएमसी का नकली आई-कार्ड भी बरामद किया है. गैंग का सरगना राकेश एनडीएमसी में माली रहा है. लेकिन वह आईएएस अफसर बनकर बेरोजगार युवाओं से ठगी करता था.
डीसीपी अमित गोयल के अनुसार पालम में रहने वाले अंकित नामक युवक ने क्राइम ब्रांच को शिकायत दी थी. उसने बताया कि कुछ समय पहले उसकी एक रिश्तेदार ने सुनील मलिक और विनोद से परिचय की बात कही. उसने बताया कि इन दोनों के एनडीएमसी में अच्छे कनेक्शन हैं. वह एनडीएमसी में सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं. एक महीने बाद विनोद ने उसकी मां को कॉल कर बताया कि एनडीएमसी में नौकरी निकली है. वह उन्हें राकेश नामक युवक से मिलवाने ले गया जिसने खुद को एनडीएमसी में तैनात आईएएस अधिकारी बताया. उसके साथ कुछ अन्य लोग भी थे जिन्होंने परिवार को विश्वास दिलवाया कि राकेश आईएएस अधिकारी है. उन्होंने नौकरी लगवाने के नाम पर उससे 10 लाख रुपये की मांग की.
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गिरफ्तार किया गया राकेश भड़ाना गाजियाबाद का रहने वाला है. उसके पिता एनडीएमसी में काम करते थे. वह भी एनडीएमसी में माली का काम करता था. यह नौकरी उसने छोड़ दी थी. वह विनोद के संपर्क में आया और लोगों के साथ ठगी करने लगा. वह आईएएस अधिकारी बनकर इस ठगी में भाग लेता था. दूसरा आरोपी रोहतास कसाना गाजियाबाद का रहने वाला है. राकेश के साथ मिलकर वह ठगी में उसका साथ देता था. उसका काम शिकार से रुपए लेने का था. तीसरा आरोपी प्रकाश भड़ाना गाजियाबाद का रहने वाला है. राकेश के साथ मिलकर वह भी ठगी में उसका साथ देता था. चौथा आरोपी विनोद कुमार इग्नू से ग्रेजुएट है. उस पर काफी कर्ज था. वह पहले भी ठगी में शामिल रहा है. राकेश से लगभग एक साल पहले उसकी मुलाकात हुई थी. इसके बाद दोनों मिलकर ठगी करने लगे. पांचवां आरोपी योगेश गोयला डेरी का रहने वाला है. ठगी के उसका काम फर्जी आई कार्ड तैयार करने का था.