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जादू-टोना का आरोप लगा महिला से मारपीट, पुलिस ने बचाया - बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स

असम के गोलाघाट जिले में जादू-टोना करने के आरोप में एक बूढ़ी महिला के साथ मारपीट करने की घटना सामने आई है. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और महिला को बचाया. फिलहाल महिला को अस्पताल मे भर्ती करवाया गया है.

महिला के साथ मारपीट
महिला के साथ मारपीट
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Published : Nov 19, 2020, 7:52 PM IST

गुवाहाटी : असम के गोलाघाट जिले में पुलिस ने एक महिला को गांव वालों के चंगुल से बचाया. घटना डेरगांव नंबर 12 मिस्समारा बागान लाइन की है, जहां ग्रामीणों के समूह ने एक बूढ़ी महिला पर जादू-टोना करने का आरोप लगाते हुए प्रताड़ित किया.

इस मामले में पुलिस का कहना है कि स्थानीय लोगों ने महिला को एक बिजली के खंभे से बांध दिया और उसके साथ मारपीट की. सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत हरकत में आई और मौके पर पहुंच कर महिला को बचाया. घायल महिला को धेमाजी डेरगाव सिविल अस्पताल ले जाया गया.

महिला के साथ मारपीट

पुलिस ने कहा कि महिला की हालत गंभीर है. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

उल्लेखनीय है कि सामाजिक कुरीति के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए असम सरकार ने असम शिकारी चुड़ैल (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम 2015 पारित किया था, लेकिन इस तरह की घटनाएं अभी भी राज्य से कम नहीं हो रही हैं.

पढ़ें - पश्चिम बंगाल की प्लास्टिक फैक्ट्री में विस्फोट, पांच की मौत 10 घायल

असम सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2011 से 2019 के बीच इस तरह की घटनाओं में 107 लोग मारे जा चुके हैं. बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (BTAD) में की सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं.

गुवाहाटी : असम के गोलाघाट जिले में पुलिस ने एक महिला को गांव वालों के चंगुल से बचाया. घटना डेरगांव नंबर 12 मिस्समारा बागान लाइन की है, जहां ग्रामीणों के समूह ने एक बूढ़ी महिला पर जादू-टोना करने का आरोप लगाते हुए प्रताड़ित किया.

इस मामले में पुलिस का कहना है कि स्थानीय लोगों ने महिला को एक बिजली के खंभे से बांध दिया और उसके साथ मारपीट की. सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत हरकत में आई और मौके पर पहुंच कर महिला को बचाया. घायल महिला को धेमाजी डेरगाव सिविल अस्पताल ले जाया गया.

महिला के साथ मारपीट

पुलिस ने कहा कि महिला की हालत गंभीर है. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

उल्लेखनीय है कि सामाजिक कुरीति के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए असम सरकार ने असम शिकारी चुड़ैल (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम 2015 पारित किया था, लेकिन इस तरह की घटनाएं अभी भी राज्य से कम नहीं हो रही हैं.

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असम सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2011 से 2019 के बीच इस तरह की घटनाओं में 107 लोग मारे जा चुके हैं. बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (BTAD) में की सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं.

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