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जम्मू-कश्मीर: NH पर आम लोगों की आवाजाही रोके जाने से भड़के महबूबा-फारूक - राजमार्ग प्रतिबंध की अवहेलना करें

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के लिए लिया अहम फैसला. महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुल्ला ने किया विरोध. जानें क्या है मामला...

फारुख अब्दुल्ला पीएम मोदी और महबूबा मुफ्ती ( फाइल फोटो)
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Published : Apr 7, 2019, 5:12 PM IST

Updated : Apr 7, 2019, 9:59 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि कश्मीर के लोगों को दबाने की कोशिश की जा रही है. महबूबा ने लोगों से केंद्र के फैसले का विरोध करने की बात कही है.

मीडिया से बात करती हुई महबूबा मुफ्ती

दरअसल, महबूबा जम्मू-श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम नागरिकों की आवाजाही रोके जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया दे रही थीं. प्रतिबंध का फैसला आज रविवार से लागू हो गया.

महबूबा मुफ्ती ने कहा 'आपने देखा कि इसके कारण छात्रों को कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मैं लोगों से अपील करती हूं कि लोग इस प्रतिबंध को स्वीकार न करें. इसका विरोध करें, जहां चाहें वहां जाएं. हम इस प्रतिबंध के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.'

पढ़ें- जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर आम नागरिकों के लिए प्रति सप्ताह दो दिन यातायात बंद रहने का फैसला लागू

प्रतिबंध लगने के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये गलत है. हम सरकार को बताना चाहते हैं कि आप कश्मीरी लोगों को इस तरह दबा नहीं सकते. ये हमारा राज्य है, हमारी सड़कें हैं. जब भी हम चाहें, इनका प्रयोग हमारा अधिकार है.

प्रतिबंध के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि ट्रेडर्स फेडरेशन के अध्यक्ष ने मुझसे कहा कि 'यह सड़क हमारी जीवन रेखा है. इसे बंद करने से हमें नुकसान होगा.' उन्होंने कहा कि ये एक तानाशाह के कानून जैसा लगता है.

उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों की आवाजाही के लिए ट्रेन का उपयोग किया जाना चाहिए. इससे आम लोगों पर असर नहीं पड़ेगा. आदेश वापस लिया जाना चाहिए.

बता दें कि सुरक्षा बलों के काफिले की सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू-श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. हर बुधवार और रविवार को सुबह चार बजे से शाम पांच बजे तक ये पाबंदी लागू की जाएगी.

गत 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये फैसला लिया है. बता दें कि पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हुए थे.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि कश्मीर के लोगों को दबाने की कोशिश की जा रही है. महबूबा ने लोगों से केंद्र के फैसले का विरोध करने की बात कही है.

मीडिया से बात करती हुई महबूबा मुफ्ती

दरअसल, महबूबा जम्मू-श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम नागरिकों की आवाजाही रोके जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया दे रही थीं. प्रतिबंध का फैसला आज रविवार से लागू हो गया.

महबूबा मुफ्ती ने कहा 'आपने देखा कि इसके कारण छात्रों को कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मैं लोगों से अपील करती हूं कि लोग इस प्रतिबंध को स्वीकार न करें. इसका विरोध करें, जहां चाहें वहां जाएं. हम इस प्रतिबंध के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.'

पढ़ें- जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर आम नागरिकों के लिए प्रति सप्ताह दो दिन यातायात बंद रहने का फैसला लागू

प्रतिबंध लगने के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये गलत है. हम सरकार को बताना चाहते हैं कि आप कश्मीरी लोगों को इस तरह दबा नहीं सकते. ये हमारा राज्य है, हमारी सड़कें हैं. जब भी हम चाहें, इनका प्रयोग हमारा अधिकार है.

प्रतिबंध के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि ट्रेडर्स फेडरेशन के अध्यक्ष ने मुझसे कहा कि 'यह सड़क हमारी जीवन रेखा है. इसे बंद करने से हमें नुकसान होगा.' उन्होंने कहा कि ये एक तानाशाह के कानून जैसा लगता है.

उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों की आवाजाही के लिए ट्रेन का उपयोग किया जाना चाहिए. इससे आम लोगों पर असर नहीं पड़ेगा. आदेश वापस लिया जाना चाहिए.

बता दें कि सुरक्षा बलों के काफिले की सुरक्षा के मद्देनजर जम्मू-श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. हर बुधवार और रविवार को सुबह चार बजे से शाम पांच बजे तक ये पाबंदी लागू की जाएगी.

गत 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये फैसला लिया है. बता दें कि पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हुए थे.

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Last Updated : Apr 7, 2019, 9:59 PM IST
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