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कोविड-19 एंटीबॉडी : सेलट्रॉन ग्रुप की एंटीवायरल दवा के सामने आए सकारात्मक परिणाम

दक्षिण कोरिया की एक बायोफार्मास्युटिकल कंपनी, सेलट्रॉन ने घोषणा की है कि उसके एंटीवायरल एंटीबॉडी उपचार ने पूर्व-नैदानिक ​​परीक्षणों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं. एंटीवायरल एंटीबॉडी उपचार के लिए एक परीक्षण किया गया. अनुसंधान टीम ने उपचार के पहले दिन के बाद कुछ नैदानिक ​​लक्षण के मामलों में सुधार देखा. पढ़ें हमारी यह खास पेशकश...

Celltrion announces positive pre-clinical results for COVID-19 antiviral antibody treatment
कोविड-19 एंटीबॉडी उपचार
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Published : Jun 6, 2020, 2:32 PM IST

हैदराबाद : सेलट्रॉन ग्रुप ने कोविड-19 के एंटीवायरल एंटीबॉडी उपचार के लिए सकारात्मक पूर्व-नैदानिक ​​परिणाम घोषित किए. आपको बता दें कि इस उपचार के बाद पशुओं में एक सामान्य स्तर तक फेफड़ों के घावों में सुधार देखने को मिला.

प्री-क्लिनिकल अध्ययन एक पशुओं में कोरियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, चुंगबुक नेशनल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के सहयोग से किया गया था.

एंटीवायरल एंटीबॉडी उपचार के लिए एक परीक्षण किया गया. अनुसंधान टीम ने उपचार के पहले दिन के बाद नैदानिक ​​लक्षण जैसे कि जुकाम (बहती नाक), खांसी और शरीर में दर्द के मामलों में सुधार देखा गया.

रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस-पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) माप और सेल कल्चर-आधारित वायरल डायग्नोसिस का इस्तेमाल ऊपरी श्वसन पथ (नाक डिस्चार्ज) और फेफड़ों के नमूनों का विश्लेषण करने के लिए किया गया था.

पढे़ं : भारत में कोरोना : मामले बढ़कर 2.28 लाख, कुछ राज्यों में एक मई से दस गुना इजाफा

वहीं उच्च-खुराक वाले पशुओं में वायरल में 100 गुना की कमी देखी गई.

हैदराबाद : सेलट्रॉन ग्रुप ने कोविड-19 के एंटीवायरल एंटीबॉडी उपचार के लिए सकारात्मक पूर्व-नैदानिक ​​परिणाम घोषित किए. आपको बता दें कि इस उपचार के बाद पशुओं में एक सामान्य स्तर तक फेफड़ों के घावों में सुधार देखने को मिला.

प्री-क्लिनिकल अध्ययन एक पशुओं में कोरियाई राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, चुंगबुक नेशनल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के सहयोग से किया गया था.

एंटीवायरल एंटीबॉडी उपचार के लिए एक परीक्षण किया गया. अनुसंधान टीम ने उपचार के पहले दिन के बाद नैदानिक ​​लक्षण जैसे कि जुकाम (बहती नाक), खांसी और शरीर में दर्द के मामलों में सुधार देखा गया.

रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस-पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) माप और सेल कल्चर-आधारित वायरल डायग्नोसिस का इस्तेमाल ऊपरी श्वसन पथ (नाक डिस्चार्ज) और फेफड़ों के नमूनों का विश्लेषण करने के लिए किया गया था.

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