पटना: बिहार में लगातार कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. अब तक कुल 1442 करोना पॉजिटिव पाए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान आम जनता के साथ-साथ खास लोगों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी पटना के रहने वाले सुदामा जो कि सामान्य दिनों में टेलर का काम किया करते थे. लॉकडाउन के दौरान काम बंद होने की वजह से मजबूरन परिवार के भरण-पोषण के लिए मजदूरी कर रहे हैं.
'परिवार चलाने में हो रही है काफी परेशानी'
कंकड़बाग के मकान में लेबर का काम कर रहे सुदामा जो कि सामान्य दिनों में कपड़ा सील कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करता था और प्रतिदिन हजार रुपय कमा लिया करते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान सरकार के निर्देशों के बाद सभी तरह के दुकान बंद होने की वजह से परिवार चलाने में काफी मुश्किल हो रही थी. इस वजह से वे मजबूरन लेबर का काम करने को मजबूर है.
सुदामा ने बताया कि पहले की अपेक्षा आधे से भी कम पैसे मिल रहे हैं. पहले जंहा 1 हजार प्रतिदिन कमा लेते थे, पर आज मात्र 400 रुपय मजदूरी करने के बाद मिल रहा है. इस लॉकडाउन के दौरान सभी वर्गों के लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.
दुकानदारों को दी जा रही है रियायतें
कुल मिलाकर बात करे. तो इस महामारी के समय में आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. आम जनता के कामकाज ठप होने के वजह से ज्यादातर लोगे मजदूरी या सब्जी बेचने का काम कर रहे हैं. देश मे बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि को 31 मई तक बढ़ा दी गई है वहीं, धीरे-धीरे करके केंद्र सरकार के निर्देशों पर राज्य सरकार ने छोटे दुकानदारों को रियायतें भी देनी शुरू कर दी है.