पटना: बिहार में पांच वर्षों से सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों की नियुक्ति की प्रक्रिया बंद पड़ी हुई है. इसके विरोध में खिलाड़ियों ने कैंडल मार्च निकाला. बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राज्य में खिलाड़ियों के भविष्य के साथ मजाक हो रहा है. यहां खिलाड़ियों को नौकरी नहीं दी जा रही है, जिसके कारण उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है.
नियुक्ति प्रक्रिया बंद होने से हैं नाराज
बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खिलाड़ियों से कहते हैं कि पदक लाओ और नौकरी पाओ लेकिन बिहार में खिलाड़ियों की सरकारी नौकरी में नियुक्ति में प्रक्रिया बंद पड़ी है. उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के साथ कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कहा कि शहर में स्टेडियम बनेंगे लेकिन पहले से जो स्टेडियम मौजूद है, वहां ताला बंद पड़ा हुआ है.
स्टेडियम की कमी
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकारी अफसर दूध पी रहे हैं और खिलाड़ी माड़ पी रहे हैं. इसके बावजूद खिलाड़ी पदक भी ला रहे हैं और उन्हें फिर भी नौकरी नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि मोइनुल हक जैसे स्टेडियम में ताला बंद है और शहर में स्टेडियम की भी कमी है. ऐसे में खिलाड़ी कहां खेलेंगे यह गंभीर बात है.
आत्मदाह की चेतावनी
सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों के कारण फाइलें लंबित पड़ी है और खिलाड़ियों की नियुक्ति नहीं हो रही है. ऐसे अधिकारियों पर सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है और खिलाड़ी परेशान है अगर इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया तो खिलाड़ी आत्मदाह भी करेंगे.
निकाला कैंडल मार्च
बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के बैनर तले खिलाड़ियों ने पटना के जेपी गोलंबर से डाकबंगला चौराहे तक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करते हुए कैंडल मार्च निकाला. इस कैंडल मार्च का नेतृत्व आरजेडी नेता और बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने किया.