पटना: पटना विश्वविद्यालय को जल्द ही नैक मान्यता मिलने वाली है. इसके लिए नैक टीम 22 जुलाई को वि.वि. का निरीक्षण करने आ रही है. इस दौरान नैक टीम कुलपति, शिक्षक और वर्तमान एवं पूर्ववर्ती विद्यार्थियों से मुलाकात करेंगी.
जरूरी कदम उठाने की दी सलाह
कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में नैक मूल्यांकन का कार्य कराया जा रहा है. कुलपति ने वि.वि. के सभी कर्मियों को बेहतर रैंक के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है. सदस्यों को बताया गया है कि टीम निरीक्षण के दौरान 30 फीसद अंकों की मार्किंग करेगी बाकि शेष 70 फीसद अंक पहले ही ऑनलाइन भेज दी गयी है.
कार्यों में लायी गयी तेजी
नैक मूल्यांकन को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में चलाए जा रहे निर्माण कार्यों में तेजी लायी गयी है. दरभंगा हॉउस के साथ-साथ प्रशासनिक भवन की मरम्मत के कार्य को 15 जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं 16 जुलाई से यूजी एवं पीजी की कक्षाएं भी प्रारंभ होने वाली हैं. इसके साथ हीं विश्वविद्यालय को बेहतर अंक मिले इसके लिए सभी अपनी-अपनी भागीदारी निभा रहे हैं.
अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा
शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षण कार्य के ऑडिट का प्रस्ताव लाया गया, जिसका कई सदस्यों ने समर्थन किया है. साथ ही शिक्षक कक्षाओं में कितना समय देते हैं इसकी जांच की भी मांग उठी. लॉ कॉलेज में बगैर पीएचडी की डिग्री प्राप्त किए गेस्ट फैकेल्टी को रखने का प्रस्ताव भी पारित हुआ है. इसके अलावा विश्वविद्यालय के पुराने सामानों की नीलामी पर रोक लगाने पर भी चर्चा हुई.
क्या है नैक?
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की शाखा है.यह भारत सरकार के विश्विविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त निकाय है.जो विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों की गुणवत्ता का विभिन्न आधारों पर मूल्यांकन करती है.संसाधन एवं परफार्मेंस के आधार पर नैक विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को ग्रेड देता है. जिसका फायदा कॉलेजों को यूजीसी द्वारा अनुदान प्राप्त करने में होता है.