पटना: सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janta Darbar) में कई फरियादी अपनी फरियाद लेकर पहुंचे. सीएम से फरियाद लगाने मुजफ्फरपुर के राजन और उनकी पत्नी भी हाथों में बैनर लेकर पहुंचे. दरअसल 16 फरवरी को इनकी 5 साल की बेटी खुशी का अपहरण कर लिया गया था जिसका सुराग आज तक नहीं मिला है. लगभग पांच महीने से न्याय की गुहार लगा रहे परिजनों को रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण जनता दरबार में नहीं जाने दिया गया.
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मुजफ्फरपुर के राजन साह और मेनका देवी अपनी 5 वर्षीय मासूम खुशी के अपहरण का मामला लेकर जनता दरबार के बाहर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी शिकायत उन्हें सुनाना चाहते थे, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण जनता दरबार तक पहुंच नहीं सके.
'हमलोग पिछले बार भी सीएम के जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर आए थे और आज फिर आए हैं. घर के दरवाजे से पड़ोसी अमन बच्ची को लेकर चला गया. थाना से लेकर बड़े-बड़े पदाधिकारियों तक गुहार लगाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ. अपराधी को बचाने में किसी बड़े आदमी का हाथ है. हमें तो यह भी नहीं पता कि अपहरण के पीछे की मंशा क्या है.'- राजन साह, अपहृत बच्ची के पिता
राजन साह हाथों में बैनर लेकर पहुंचे थे जिसके जरिये वे खुशी की सकुशल रिहाई की मांग कर रहे थे. पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस इस मामले को लेकर उदासीन बनी हुई है. बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई आज तक नहीं किया गया.
'16 फरवरी को अपहरण हुआ. बच्ची कैसी है पता नहीं चल पाया है. अमन तो जेल में है. रजिस्ट्रेशन नहीं कराए हैं फिर भी इस आस में आए हैं कि सीएम तक अपनी फरियाद किसी तरह से पहुंचा सके.'- मेनका देवी, अपहृत बच्ची की मां
पीड़ित परिवार इससे पहले भी मुजफ्फरपुर में कई बार बैनर पोस्टर के साथ प्रदर्शन कर चुका है, लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है. राजन साह सब्जी बेचते हैं और इनके चार बच्चे हैं तीन बेटे और एक बेटी है जिसका अपहरण हो गया है. राजन साह का यह भी कहना है कि नीतीश कुमार बेटी बचाओ की बात करते हैं लेकिन उनकी सरकार में ही बेटी का अपहरण हो जाता है और पुलिस प्रशासन उसे ढूंढने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही है.