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बिहार में विपक्ष है ताकतवर, विधानसभा सत्र में कई मुद्दों पर सरकार की बढ़ाएगा मुश्किलें?

बिहार में विपक्ष ताकतवर है और विधानसभा सत्र में कई मुद्दों पर सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाला है. 24 मार्च तक चलने वाले विधानसभा बजट सत्र में कई विधेयक भी पेश होंगे.

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Published : Feb 11, 2021, 4:45 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा के चुनाव में इस बार एनडीए को तो बहुमत मिल गयी है. लेकिन विपक्ष भी संख्या बल के हिसाब से बहुत ताकतवर है. आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 विधायक नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ाएंगे. अपराध, शिक्षक और किसान जैसे बड़े मुद्दे होंगे. खासकर विपक्ष अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर न केवल सदन के अंदर बल्कि सदन के बाहर भी अपनी दमखम दिखाने की कोशिश करेगा.

सबसे बड़ी पार्टी है आरजेडी
विधानसभा चुनाव में 75 सीट लेकर आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. तो वहीं कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 सीट सरकार की चुनौती बढ़ाने वाले हैं. ऐसे तो 2015 में भी आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन उस समय महागठबंधन की सरकार बनी थी. बाद में नीतीश कुमार बीजेपी में आ गए. इसलिए वह सरकार गिर गई और इस बार आरजेडी सत्ता से बाहर है.

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जानकारी देते राजद प्रवक्ता

इस बार सत्ता में एनडीए पहुंच तो गई. लेकिन संख्या बल की बात करें तो बीजेपी 74 सीट लेकर दूसरी पार्टी बनी है. तो वहीं जदयू 43 सीट लेकर तीसरी पार्टी है. हालांकि अब बसपा विधायक भी शामिल हो चुके हैं, यानी 44 सीट हो चुकी है.


बिहार में विपक्ष की स्थिति

पार्टी सीट
राजद75
कांग्रेस19
माले12
सीपीआई2
सीपीएम2
एआईएमआईएम 5
लोजपा 1

बिहार में सत्ता पक्ष की स्थिति

पार्टी सीट
बीजेपी74
जदयू44
हम4
वीआईपी4
निर्दलीय1

मजबूत है विपक्ष
लोजपा के एकमात्र विधायक लगातार एनडीए के संपर्क में हैं. ऐसे में यदि विपक्ष से लोजपा को हटा भी दें. तब भी विपक्षी संख्या बल से देखने में ही काफी मजबूत लग रहा है.

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जदयू नेता तनवीर अख्तर

"मजबूती से हम लोग सदन में अपना दमखम दिखाएंगे और अपराध से लेकर जन सरोकार के मुद्दे पर सरकार को मजबूर करेंगे, जवाब देने के लिए. बिहार अपराधियों के हवाले है और नीतीश कुमार बीजेपी के हवाले हैं. नीतीश कुमार ने अपने विभाग की जिम्मेवारी विजेंद्र यादव और विजय चौधरी को दी है. लेकिन उन्हें भी बोलने के लिए मजबूर करेंगे"- शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता

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बीजेपी मंत्री जनक राम

ये भी पढ़ें: ज्ञानू के नाराजगी पर बोले संजय जायसवाल- सभी को खुश रखना संभव नहीं

"संख्या बल से कुछ होने वाला नहीं है. विपक्ष कहीं नजर भी नहीं आता है. केवल शोर-शराबा करने से काम नहीं होने वाला है. पॉजिटिव ढंग से चीजों को रखना भी जरूरी है और उनकी संख्या बल का सरकार पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है"- तनवीर अख्तर, जदयू नेता

ये भी पढ़ें: पटना: फुलवारीशरीफ में RSS का प्रमुख कार्यक्रम, सेवा सदन का किया भूमि पूजन

"जनता ने सत्ता हम लोगों को दिया है तो, विपक्ष कैसे मजबूत हो सकता है"- जनक राम, बीजेपी मंत्री

राज्यपाल के संबोधन से होगी शुरुआत
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही विपक्ष के दमखम दिखने लगे थे और पहली बार नीतीश कुमार का गुस्सा भी दिखा था. छोटे से सत्र में विधानसभा अध्यक्ष के लिए भी सदन का संचालन चुनौती भरा था. लेकिन इस बार 1 महीने से अधिक सदन की कार्यवाही चलनी है. ऐसे में चुनौती और बड़ी है. विधानसभा का सत्र ऐसे तो 19 फरवरी से शुरू हो रहा है. राज्यपाल के संयुक्त संबोधन से शुरुआत होगी और उसी दिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी सदन में पेश किया जाएगा. फिर 22 फरवरी को बजट पेश होगा और सभी विभागों के बजट पर भी चर्चा होगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

कई विधेयक होंगे पेश
सरकार का राज्यपाल के अभिभाषण पर उत्तर भी होगा. 24 मार्च तक चलने वाले विधानसभा बजट सत्र में कई विधेयक भी पेश होंगे. ऐसे में सरकार के लिए विपक्ष ना केवल प्रश्नकाल और ध्यान कर्षण में चुनौती बढ़ाएगा. बल्कि कार्यवाही के हर मौके पर अपनी संख्या बल का ताकत दिखाने की कोशिश भी करेगा.

  • सरकार को घेरने के लिए सदन के अंदर और बाहर विपक्ष की रणनीति
  • अपराध के मुद्दे पर आंकड़ों के साथ सरकार को घेरने की होगी कोशिश
  • शिक्षक नियोजन के मुद्दे पर भी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश
  • छात्र और बेरोजगार के मुद्दे पर सरकार से जवाब
  • सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में भ्रष्टाचार को लेकर प्रश्न पूछने की तैयारी
  • विपक्ष अपनी बात मनवाने के लिए बेल में पहुंचकर सदन की कार्यवाही भी करेगा बाधित

पटना: बिहार विधानसभा के चुनाव में इस बार एनडीए को तो बहुमत मिल गयी है. लेकिन विपक्ष भी संख्या बल के हिसाब से बहुत ताकतवर है. आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 विधायक नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ाएंगे. अपराध, शिक्षक और किसान जैसे बड़े मुद्दे होंगे. खासकर विपक्ष अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर न केवल सदन के अंदर बल्कि सदन के बाहर भी अपनी दमखम दिखाने की कोशिश करेगा.

सबसे बड़ी पार्टी है आरजेडी
विधानसभा चुनाव में 75 सीट लेकर आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. तो वहीं कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 सीट सरकार की चुनौती बढ़ाने वाले हैं. ऐसे तो 2015 में भी आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. लेकिन उस समय महागठबंधन की सरकार बनी थी. बाद में नीतीश कुमार बीजेपी में आ गए. इसलिए वह सरकार गिर गई और इस बार आरजेडी सत्ता से बाहर है.

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जानकारी देते राजद प्रवक्ता

इस बार सत्ता में एनडीए पहुंच तो गई. लेकिन संख्या बल की बात करें तो बीजेपी 74 सीट लेकर दूसरी पार्टी बनी है. तो वहीं जदयू 43 सीट लेकर तीसरी पार्टी है. हालांकि अब बसपा विधायक भी शामिल हो चुके हैं, यानी 44 सीट हो चुकी है.


बिहार में विपक्ष की स्थिति

पार्टी सीट
राजद75
कांग्रेस19
माले12
सीपीआई2
सीपीएम2
एआईएमआईएम 5
लोजपा 1

बिहार में सत्ता पक्ष की स्थिति

पार्टी सीट
बीजेपी74
जदयू44
हम4
वीआईपी4
निर्दलीय1

मजबूत है विपक्ष
लोजपा के एकमात्र विधायक लगातार एनडीए के संपर्क में हैं. ऐसे में यदि विपक्ष से लोजपा को हटा भी दें. तब भी विपक्षी संख्या बल से देखने में ही काफी मजबूत लग रहा है.

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जदयू नेता तनवीर अख्तर

"मजबूती से हम लोग सदन में अपना दमखम दिखाएंगे और अपराध से लेकर जन सरोकार के मुद्दे पर सरकार को मजबूर करेंगे, जवाब देने के लिए. बिहार अपराधियों के हवाले है और नीतीश कुमार बीजेपी के हवाले हैं. नीतीश कुमार ने अपने विभाग की जिम्मेवारी विजेंद्र यादव और विजय चौधरी को दी है. लेकिन उन्हें भी बोलने के लिए मजबूर करेंगे"- शक्ति यादव, राजद प्रवक्ता

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बीजेपी मंत्री जनक राम

ये भी पढ़ें: ज्ञानू के नाराजगी पर बोले संजय जायसवाल- सभी को खुश रखना संभव नहीं

"संख्या बल से कुछ होने वाला नहीं है. विपक्ष कहीं नजर भी नहीं आता है. केवल शोर-शराबा करने से काम नहीं होने वाला है. पॉजिटिव ढंग से चीजों को रखना भी जरूरी है और उनकी संख्या बल का सरकार पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है"- तनवीर अख्तर, जदयू नेता

ये भी पढ़ें: पटना: फुलवारीशरीफ में RSS का प्रमुख कार्यक्रम, सेवा सदन का किया भूमि पूजन

"जनता ने सत्ता हम लोगों को दिया है तो, विपक्ष कैसे मजबूत हो सकता है"- जनक राम, बीजेपी मंत्री

राज्यपाल के संबोधन से होगी शुरुआत
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही विपक्ष के दमखम दिखने लगे थे और पहली बार नीतीश कुमार का गुस्सा भी दिखा था. छोटे से सत्र में विधानसभा अध्यक्ष के लिए भी सदन का संचालन चुनौती भरा था. लेकिन इस बार 1 महीने से अधिक सदन की कार्यवाही चलनी है. ऐसे में चुनौती और बड़ी है. विधानसभा का सत्र ऐसे तो 19 फरवरी से शुरू हो रहा है. राज्यपाल के संयुक्त संबोधन से शुरुआत होगी और उसी दिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी सदन में पेश किया जाएगा. फिर 22 फरवरी को बजट पेश होगा और सभी विभागों के बजट पर भी चर्चा होगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

कई विधेयक होंगे पेश
सरकार का राज्यपाल के अभिभाषण पर उत्तर भी होगा. 24 मार्च तक चलने वाले विधानसभा बजट सत्र में कई विधेयक भी पेश होंगे. ऐसे में सरकार के लिए विपक्ष ना केवल प्रश्नकाल और ध्यान कर्षण में चुनौती बढ़ाएगा. बल्कि कार्यवाही के हर मौके पर अपनी संख्या बल का ताकत दिखाने की कोशिश भी करेगा.

  • सरकार को घेरने के लिए सदन के अंदर और बाहर विपक्ष की रणनीति
  • अपराध के मुद्दे पर आंकड़ों के साथ सरकार को घेरने की होगी कोशिश
  • शिक्षक नियोजन के मुद्दे पर भी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश
  • छात्र और बेरोजगार के मुद्दे पर सरकार से जवाब
  • सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में भ्रष्टाचार को लेकर प्रश्न पूछने की तैयारी
  • विपक्ष अपनी बात मनवाने के लिए बेल में पहुंचकर सदन की कार्यवाही भी करेगा बाधित
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