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Nitish Rahul Meeting: ...तो क्या JDU के फार्मूले पर बनेगा गठबंधन, ड्राइविंग सीट पर होंगे नीतीश!

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Published : Apr 12, 2023, 7:16 PM IST

देश चुनावी मोड में आता दिख रहा है. भाजपा के खिलाफ लड़ाई के लिए विपक्ष ने कमर कस (JDU plan for Lok Sabha election) लिया है. बदली हुई परिस्थितियों में कांग्रेस भी अब समझौते के मूड में है. नीतीश कुमार तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की मुलाकात से देश की राजनीति में सुगबुगाहट शुरू हो गई है. जदयू नेताओं को नीतीश कुमार में संभावना दिखने लगा है.

JDU
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लोकसभा चुनाव के लिए जदयू का प्लान.

पटना: देश के राजनीतिक दल मिशन 2024 की तैयारियों में जुट गए हैं. भाजपा से मुकाबले के लिए गठबंधन के स्वरूप को लेकर मंथन शुरू हो गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष की एकता को धार देने के लिए तीसरी बार दिल्ली पहुंचे हैं. दिल्ली में नीतीश कुमार के मुलाकात मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी (Nitish meeting with Congress leaders) और लालू प्रसाद यादव से हुई. दिल्ली में तमाम नेताओं ने गठबंधन के स्वरूप को लेकर मंथन किया. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ेंः CM Nitish संयोजक के रूप में होंगे अधिकृत, बोले भाई वीरेंद्र- कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेताओं ने किया फोन

जदयू का एक्शन प्लानः बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड में भाजपा को 100 सीटों पर नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. इसके लिए बाकायदा जदयू का एक्शन प्लान भी तैयार है. दरअसल, जदयू चाहता है कि कांग्रेस पार्टी क्षेत्रीय दलों को तवज्जो दे. जदयू का प्लान यह है कि भाजपा के खिलाफ सभी सीटों पर विपक्ष का एक ही उम्मीदवार हो. कांग्रेस पार्टी को वैसे सीटों पर लड़ना चाहिए जहां वह या तो जीते हैं या फिर पिछले चुनाव में मजबूत स्थिति में रहे हों. बाकी सीटों को कांग्रेस पार्टी को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए.

ये बन सकता है समीकरणः कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में 421 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 52 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को जीत हासिल हुई थी. 209 सीटों पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी. जदयू और राजद चाहता है कि कांग्रेस को 261 सीटों पर ही लड़ना चाहिए, बाकी सीटें क्षेत्रीय दलों के खाते में डाल देना चाहिए. उनका यह भी मानना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 148 सीटों पर जमानत करवा दी थी.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: नीतीश कुमार की कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक को बीजेपी ने बताया जनता से मजाक

कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने पर मंथनः मिल रही जानकारी के मुताबिक विपक्ष को एकजुट करने के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने पर मंथन हुआ है. संभव है कि कोआर्डिनेशन कमेटी में नीतीश कुमार के लिए संयोजक की भूमिका तय की जाए. प्रधानमंत्री पद को लेकर राजनीतिक दल फिलहाल बहस में पड़ना नहीं चाहते. राजनीतिक दलों की राय है कि चुनाव के नतीजों के बाद आम सहमति के आधार पर प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार तय कर लिया जाएगा.

भाजपा को चुनौती दी जा सके: राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि बिहार से हम लोगों ने विपक्ष की एकजुटता का सूत्र दिया है. जिस तरीके से बिहार के अंदर महागठबंधन बना है और सीट शेयरिंग पर सहमति बनी है, उसी तर्ज पर देश में भी महागठबंधन बनना चाहिए ताकि भाजपा को चुनौती दी जा सके. वहीं वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन झा का मानना है कि ऐसे प्रयास पहले भी कई बार हुए लेकिन उसका नतीजा नहीं निकला. इस बार भी राहुल गांधी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव साथ बैठे हैं. राजनीतिक महत्वाकांक्षा को छोड़ कितने दल इस खेमे में आएंगे यह एक यक्ष प्रश्न है. विपक्ष को एकजुट करने का यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा.

"देश की जनता चाहती है कि मजबूत विपक्ष बने. लाल किले पर महागठबंधन की ओर से झंडा फहराया जाए. जदयू नेता ने कहा कि तमाम वैसे दलों को एक फोरम पर आना चाहिए जिनकी विचारधारा भाजपा से मेल नहीं खाती है"- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री

"महागठबंधन में अवसरवादी नेताओं का जमावड़ा है. प्रधानमंत्री पद के लिए वहां कई दावेदार हैं, वैसे भी मेंढक को तराजू पर तोला नहीं जा सकता है. महागठबंधन नेता एक फोरम पर नहीं आ सकते. 2024 में नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने वाला कोई नहीं है"- अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

लोकसभा चुनाव के लिए जदयू का प्लान.

पटना: देश के राजनीतिक दल मिशन 2024 की तैयारियों में जुट गए हैं. भाजपा से मुकाबले के लिए गठबंधन के स्वरूप को लेकर मंथन शुरू हो गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष की एकता को धार देने के लिए तीसरी बार दिल्ली पहुंचे हैं. दिल्ली में नीतीश कुमार के मुलाकात मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी (Nitish meeting with Congress leaders) और लालू प्रसाद यादव से हुई. दिल्ली में तमाम नेताओं ने गठबंधन के स्वरूप को लेकर मंथन किया. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहे.

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जदयू का एक्शन प्लानः बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड में भाजपा को 100 सीटों पर नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. इसके लिए बाकायदा जदयू का एक्शन प्लान भी तैयार है. दरअसल, जदयू चाहता है कि कांग्रेस पार्टी क्षेत्रीय दलों को तवज्जो दे. जदयू का प्लान यह है कि भाजपा के खिलाफ सभी सीटों पर विपक्ष का एक ही उम्मीदवार हो. कांग्रेस पार्टी को वैसे सीटों पर लड़ना चाहिए जहां वह या तो जीते हैं या फिर पिछले चुनाव में मजबूत स्थिति में रहे हों. बाकी सीटों को कांग्रेस पार्टी को क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देना चाहिए.

ये बन सकता है समीकरणः कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में 421 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 52 सीटों पर कांग्रेस पार्टी को जीत हासिल हुई थी. 209 सीटों पर कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी. जदयू और राजद चाहता है कि कांग्रेस को 261 सीटों पर ही लड़ना चाहिए, बाकी सीटें क्षेत्रीय दलों के खाते में डाल देना चाहिए. उनका यह भी मानना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 148 सीटों पर जमानत करवा दी थी.

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कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने पर मंथनः मिल रही जानकारी के मुताबिक विपक्ष को एकजुट करने के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने पर मंथन हुआ है. संभव है कि कोआर्डिनेशन कमेटी में नीतीश कुमार के लिए संयोजक की भूमिका तय की जाए. प्रधानमंत्री पद को लेकर राजनीतिक दल फिलहाल बहस में पड़ना नहीं चाहते. राजनीतिक दलों की राय है कि चुनाव के नतीजों के बाद आम सहमति के आधार पर प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार तय कर लिया जाएगा.

भाजपा को चुनौती दी जा सके: राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि बिहार से हम लोगों ने विपक्ष की एकजुटता का सूत्र दिया है. जिस तरीके से बिहार के अंदर महागठबंधन बना है और सीट शेयरिंग पर सहमति बनी है, उसी तर्ज पर देश में भी महागठबंधन बनना चाहिए ताकि भाजपा को चुनौती दी जा सके. वहीं वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन झा का मानना है कि ऐसे प्रयास पहले भी कई बार हुए लेकिन उसका नतीजा नहीं निकला. इस बार भी राहुल गांधी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव साथ बैठे हैं. राजनीतिक महत्वाकांक्षा को छोड़ कितने दल इस खेमे में आएंगे यह एक यक्ष प्रश्न है. विपक्ष को एकजुट करने का यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा.

"देश की जनता चाहती है कि मजबूत विपक्ष बने. लाल किले पर महागठबंधन की ओर से झंडा फहराया जाए. जदयू नेता ने कहा कि तमाम वैसे दलों को एक फोरम पर आना चाहिए जिनकी विचारधारा भाजपा से मेल नहीं खाती है"- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री

"महागठबंधन में अवसरवादी नेताओं का जमावड़ा है. प्रधानमंत्री पद के लिए वहां कई दावेदार हैं, वैसे भी मेंढक को तराजू पर तोला नहीं जा सकता है. महागठबंधन नेता एक फोरम पर नहीं आ सकते. 2024 में नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने वाला कोई नहीं है"- अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

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