पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भले ही भाजपा और जदयू वर्चुअल रैली कर रहे हों. लेकिन विपक्षी दल वर्चुअल रैली के पक्ष में नहीं दिख रहा है. चुनाव में वर्चुअल रैली पर रोक की मांग को लेकर हम पार्टी का एक शिष्टमंडल गुरुवार को चुनाव आयोग से मुलाकात करेगा.
कोरोना संक्रमण काल में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए भले ही वर्चुअल रैली के पक्ष में दिख रहा हो. ताकि किसी तरह का कोई खतरा न हो. लेकिन विपक्षी दल इस रैली का लगातार विरोध कर रहा है. विपक्षी दल जनता के बीच में जाकर चुनाव प्रचार करने के पक्ष में है. वर्चुअल रैली पर रोक लगाने के लिए हम पार्टी का शिष्टमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात करने का फैसला किया है.
'सबको मिले बराबरी का हक'
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि वर्चुअल रैली उन पार्टी के लिए है जिनके पास अपार धन है. जो उद्योग जगत से चंदे के नाम पर मोटी रकम लेते हैं. लेकिन जो छोटे दल हैं, उनके पास पैसे का अभाव होता है. हमारे पास संसाधनों की कमी हमेशा रहती है. इसलिए चुनाव आयोग का दायित्व बनता है कि चुनाव में सबको बराबरी का हक दे. ताकी छोटे दल भी चुनाव लड़ सकें.
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वर्चुअल रैली पर रोक की मांग
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू और भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए लगातार वर्चुअल रैली के माध्यम से संबोधित कर रहे हैं. जबकि छोटे दाल संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं. इन पार्टियों ने चुनाव आयोग से लगातार मांग भी की है कि चुनाव आयोग वर्चुअल रैली पर रोक लगाए. उन्हें जनता के बीच में ही जाकर रैली करने की इजाजत दी जाए.