पटना: बिहार में हड़ताली शिक्षकों का प्रदर्शन का आज 18वां दिन है. शिक्षक लगातार बिहार सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं. बुधवार को शिक्षकों ने इस हड़ताल को दमनकारी दिवस के रुप में मनाया. इसके बाद हड़ताली शिक्षक पटना के डाकबंगला चौराहा पर दमनकारी नीति का पुतला दहन भी किया.
शिक्षकों का आरोप है कि एक महीना पहले ही शिक्षक संघ ने सरकार को लिखित दिया था कि वे हड़ताल पर जा रहे हैं और कोई शैक्षणिक या गैर शैक्षणिक काम नहीं कर पाएंगे. फिर भी सरकार जानबूझकर हमें मूल्यांकन कार्य में लगा रही है और नहीं आने पर हमें निष्कासित कर रही है और प्राथमिकी दर्ज कर रही है, जो अत्यंत दुखद और सरकार की हताशा का परिचायक है. शिक्षकों ने साफ कहा कि चाहे सरकार हमें जेल में क्यों ना डाल दे, हम पीछे नहीं हटेंगे. सरकार को अविलंब वार्ता कर हमारी मांगों पर विचार करना चाहिए.
समान काम समान वेतन की मांग
दरअसल, हड़ताली शिक्षक समान काम समान वेतन की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि सरकार और शिक्षा विभाग हमारी बात नहीं मान रही है. इसलिए आज हम दमन विरोधी दिवस मना रहे हैं. कई शिक्षकों ने कहा कि हमारी मांग है कि समान काम के बदले समान वेतन मिलनी चाहिए. लेकिन सरकार हमारी मांग को अनसुना कर रही है.
हड़ताल का असर बच्चों पर
बता दें कि पटना समेत तमाम जिलों में हड़ताली शिक्षकों का हड़ताल जारी है. कई जिलों में स्कूलों में ताले लटके हैं. जिससे बच्चों पर भारी असर पड़ रहा है. आलम ये हो गया कि शिक्षकों ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षा को त्याग दिया. जिससे सरकार को अन्य विभाग को लगाकर एक्जाम को जारी रखना पड़ा.