पटना: बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार अबूझ पहेली बन चुकी है. भाजपा और जदयू दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने की वजह से राज्य केंद्र विकास की गति भी अवरुद्ध है. अभी तक भाजपा और जदयू किसी नेता ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पायी है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चिंतित हैं. राज्य में विकास कार्य भी ठप पड़े हैं.
मंत्रिमंडल के विस्तार का दबाव
मंत्रियों के पास दो या दो से ज्यादा विभाग हैं. मंत्री विभाग में समय नहीं दे सकते. ऐसे में नीतीश कुमार पर शीघ्र मंत्रिमंडल के विस्तार का दबाव है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि भाजपा की तरफ से सूची नहीं आई है, जिसके चलते विस्तार अभी तक नहीं हो पाया है.
"मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का स्वविवेक है. वह जब चाहे कर सकते हैं. भाजपा नेता ने उम्मीद जताई कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा"- संजय टाइगर, भाजपा प्रवक्ता
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भाजपा और जदयू में नहीं बनी सहमति
मिल रही जानकारी के मुताबिक भाजपा और जदयू के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. जदयू जहां आधी हिस्सेदारी चाहती है, वहीं भाजपा विधायकों की संख्या के हिसाब से मंत्रिमंडल का बंटवारा चाहती है. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नीतीश कुमार जहां गेंद भाजपा के पाले में डाल रहे हैं. वहीं भाजपा नेता भी अब नीतीश कुमार को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं.