पटना: बिहार में अत्यंत पिछड़ा वोट बैंक राजनीतिक दलों के लिए मायने रखता है. अत्यंत पिछड़ों का वोट जिधर जाता है, सरकार उसी की बनती है. भारतीय जनता पार्टी इस वोट बैंक को अपने पक्ष में लाने के लिए जुट गई है.
मिशन 2020 को फतह करने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अत्यंत पिछड़ों को लुभाने के लिए सम्मेलन कर रही है. इसी क्रम में बीजेपी ने प्रदेश कार्यालय की अटल बिहारी सभागार में अत्यंत पिछड़ा सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
'मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग को दिया संवैधानिक दर्जा'
भाजपा नेताओं ने दावा किया कि पिछड़ों और अत्यंत पिछड़ों को एनडीए सरकार ने सबसे ज्यादा सम्मान दिया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया और पार्टी में सबसे ज्यादा पिछड़ों और अति पिछड़ों को हिस्सेदारी दी.
- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जिस तरीके का समाज है और जिसकी जितनी हिस्सेदारी है .उसी तरह का हम समाज बनाना चाहते हैं. पार्टी में भी हिस्सेदारी उसी हिसाब से दी जाती है.
- कार्यक्रम में शामिल हुए पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि कांग्रेस और राजद में पिछड़ों और अत्यंत पिछड़ों को ठगने का काम किया है. वोट बैंक की राजनीति का उन्हें साधन बनाया है.
- प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पार्टी और संगठन में सबसे अहम भूमिका पिछड़ा वर्ग के लोग निभा रहे हैं. सरकार में भी प्रेम कुमार और नंद किशोर यादव सरीखे नेता मंत्री हैं. भाजपा की सरकार ने पिछड़ों और अति पिछड़ों को सबसे ज्यादा चिंता की है.