पटना : बिहार में गर्मी बढ़ते ही शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति में कमी हो रही है. जबकि बिजली की खपत बढ़ गई है. साथ ही साथ गर्मी में शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली की कटौती शुरू हो गई है. 1 दिन पहले 31 मई को राजधानी में बिजली की खपत 718 मेगा वाट हुई है. बता दें कि प्रदेश में 6000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. उमस भरी गर्मी से लोग निजात पाने के लिए पंखा कूलर एसी चला रहे हैं. लेकिन बिजली की आंख मिचौली भी शुरू हो गई है. जिस कारण से लोगों को करवट बदल कर रात भी गुजारना पड़ रहा है.
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गर्मी में बिजली की खपत और समस्या बढ़ी: इन तमाम सवालों को लेकर हमने पटना पेसू के महाप्रबंधक मुर्तजा हेलाल से बात की. उन्होंने कहा कि गर्मी की शुरू होने के साथ ही बिजली की खपत बढ़ जाती है. लोगों को निर्बाध रूप से बिजली मिल सके इसकी तैयारी पहले से की जाती है. लेकिन लोड बढ़ने से समस्या उत्पन्न हो रही है. 31 मई को पटना में 718 मेगावाट बिजली की खपत हुई है. इस साल सबसे ज्यादा डिमांड है.
पावर कट से परेशानी: प्रचंड गर्मी के कारण कुछ एरिया में बिजली कटने की समस्या उत्पन्न हो रही है. दानापुर खगौल कंकड़बाग के साथ-साथ कई इलाके शामिल है. जहां से फ्यूज कॉल की शिकायत ज्यादा आ रही है. फेज उड़ने के भी शिकायत बढ़ गई हैं. पेसू महाप्रबंधक ने कहा कि गर्मी को ध्यान में रखते हुए अप्रैल माह से ही तैयारी किया जा रहा है और 45 जगह पर एडिशनल लोकेशन वेरिफाई किया गया था. जिसमें 20 जगह पर ट्रांसफार्मर लगा दिया गया है. 25 जगह पर और एडिशनल ट्रांसफार्मर बैठाया जाएगा. उस इलाके में लगाए जाएंगे जहां पर आबादी ज्यादा है.
रात 9 बजे से बढ़ता है लोड : पटना पेसू अंतर्गत 55 जगह फ्यूज कॉल सेंटर है. उन्होंने कहा कि रात में फ्यूज की समस्या ज्यादा उत्पन्न होती है. खास करके रात्रि 9 बजे से शिकायत आना शुरू हो जाता है, क्योंकि लोग अपनी ड्यूटी के बाद घर में पहुंचने के साथ एसी, फ्रिज, कूलर का उपयोग करने लगते हैं. जिस कारण से बिजली लोड बढ़ जाता है. इसलिए आदेश दिया गया है कि कनीय अभियंता सहायक अभियंता फ्यूज कॉल पर नजर बनाए रखें. जिससे कि उपभोक्ता की जो शिकायत है, उसका जल्द से जल्द समाधान किया जा सके.
''उमस भरी गर्मी से निजात पाने के लिए लोग पंखा कूलर एसी फ्रिज का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीद है कि 800 मेगावाट बिजली की खपत पहुंच सकती है. और अगर पूरे प्रदेश की बात करें तो 6500 से लेकर 7000 मेगा वाट बिजली की खपत पहुंच सकती है.''- मुर्तजा हेलाल, पेसू महाप्रबंधक
बिजली चोरी पर लगा अंकुश : वहीं, अधिकारी का यह भी मानना है कि गर्मी के समय में जिन घरों में ऐसी चलाया जा रहा है वहां पर 16 से 18 डिग्री पर ऐसी चलाया जा रहा है. जिससे कि बिजली का लोड बढ़ रहा है. अगर 24, 25 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ऐसी चलाया जाए तो बिजली की खपत भी कम होगी और ट्रांसफार्मर पर लोड भी नहीं बढ़ेगा. राजधानी में 6लाख 48हजार उपभोक्ता हैं, जिसमें 4 लाख 50 हजार उपभोक्ता के घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिया गया है. स्मार्ट मीटर भी घर के दरवाजे के बाहर लगाया जा रहा है. जिससे की बिजली चोरी पर भी अंकुश लगाया जा सके.
ग्रामीण इलाकों में भी बुरा हाल: बता दें कि गर्मी के मौसम में हर साल पावर कट की समस्या उत्पन्न होती है. शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली की समस्या होती है. जिस कारण से लोगों को परेशानी होती है. ग्रामीण क्षेत्रों में 2 घंटे से 4 घंटे तक बिजली गुल रही है, जिस कारण से लोगों को गर्मी के मौसम में घर में भी रहना मुश्किल हो रहा है. वहीं शहरी क्षेत्र में भी रात्रि के समय में लोगों को बिजली कट की समस्या से बिछावन पर करवट बदल कर रात गुजारना पड़ रहा है. उपभोक्ताओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बिजली विभाग की तरफ से ओवरलोड के कारण हो रही समस्याओं के निदान के लिए उन इलाकों में ट्रांसफार्मर भी लगाकर बिजली लोड को कम किया जा रहा है.