पटना: अपने विवादित बयान 'दस फीसदी आरक्षण वाले अंग्रेजों के दलाल' थे, कहने वाले राजस्व एवं भूमि सुधार और गन्ना उद्योग मंत्री आलोक कुमार मेहता की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. बयान को लेकर पहले से ही वह विरोधियों के निशाने पर थे. वहीं अब उनको जान से मारने की धमकी (Alok Kumar Mehta Received Death Threats) भी मिलने लगी है. पटना के सचिवालय थाना प्रभारी को दिए गए आवेदन में मंत्री ने शिकायत की है कि उनको फोन कर धमकाया जा रहा है. मंत्री ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है.
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आलोक कुमार मेहता को जान से मारने की धमकी : सचिवालय थाना प्रभारी को दिए गए आवेदन में मंत्री आलोक कुमार मेहता ने स्पष्ट किया है कि सोमवार की दोपहर 3:14 बजे उनके सरकारी मोबाइल पर 91402 45089 नंबर से फोन आया. जब उन्होंने फोन उठाया तो उस व्यक्ति ने जातिसूचक शब्दों के साथ भद्दी-भद्दी गालियां दी और जान से मारने की धमकी भी दी. जब उन्होंने फोन काट दिया तो भी उसी नंबर से लगातार उनके पास फोन आता रहा.
इन दो नाम से मंत्री को आए फोन : आलोक मेहता ने आगे बताया कि लगातार फोन आने के बाद उन्होंने उस फोन की इनकमिंग ब्लॉक कर दी. जिसके बाद एक दूसरे नंबर 96480 76657 से लगातार फोन आने लगे. इन दोनों ही मोबाइल नंबर पर जब ट्रू कॉलर के माध्यम से जब जांच की गई तो पहले मोबाइल नंबर पर दीपक पांडेय और दूसरे मोबाइल नंबर पर पप्पू त्रिपाठी का नाम डिस्प्ले हो रहा था. अपने आवेदन में मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कॉल और कॉल करने वाले के खिलाफ शीघ्र कानूनी कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही उन्होंने आवश्यक आवश्यक सुरक्षात्मक सतर्कता करने का भी निवेदन किया है. वहीं, पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि शिकायत के आधार पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
"सूचना मिली है कि मंत्री आलोक मेहता को फोन पर धमकी दी गई है. मामला दर्ज होते ही आरोपियों पर पुलिस कार्रवाई करेगी. हालांकि अभी तक सचिवालय थाना को मंत्री की ओर से औपचापिक शिकायत नहीं दी गई है. लिखित आवेदन मिलते ही कार्रवाई की जाएगी. वैसे पुलिस छानबीन में जुट गई है"- मानवजीत सिंह ढिल्लो, पटना एसएसपी
आरजेडी ने मंत्री की सुरक्षा की मांग की: उधर, आरजेडी ने मंत्री को धमकी मिलने पर चिंता जाहिर की है. पार्टी प्रवक्ता एजाज अहमद ने इस तरह की धमकी देने वालों पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस घटना में लिप्त व्यक्ति पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही मंत्री की जान पर खतरा को देखते हुए पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए कारगर उपाय किए जाएं.
क्या कहा था मंत्री आलोक मेहता ने?: दरअसल पिछले दिनों भागलपुर में मंत्री आलोक कुमार मेहता ने विवादित बयान दिया था. उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, "जो दस प्रतिशत वाले लोग हैं, वह कभी अंग्रजों के दलाल हुआ करते थे. उनका काम सिर्फ घण्टी बजाना था. जो 10% लोग हैं, उनके सामने जो आवाज उठाता था, उनकी जुबान बंद कर दी जाती थी. जो लोग दस प्रतिशत हैं, उन्हें ईडब्ल्यूएस कहा जाता है वह दलित शोषित के लिए उचित नहीं है. आने वाले समय में आरक्षण पर खतरा है." उनके इस बयान पर न केवल एनडीए गरम है, बल्कि सहयोगी जेडीयू ने भी आपत्ति जताई थी.