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Bank Strike: निजीकरण के विरोध में पटना में सड़कों पर उतरे बैंककर्मी

दो दिवसीय हड़ताल के चलते पूरे देश में 16 और 17 दिसंबर को बैंकों की हड़ताल ( Bank closed for two days ) रहेगी. इसके अलावा 18 दिसंबर और 19 दिसंबर को शनिवार और रविवार की छुट्टी के चलते बैंक बंद रहेंगे. इस तरह पूरे देश में इस सप्ताह बैंक चार दिन बंद रहने वाले हैं. बता दें कि बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारी आज से हड़ताल (Bank Strike In Patna) पर हैं. पढ़ें पूरी खबर

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Published : Dec 16, 2021, 2:28 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 3:52 PM IST

पटनाः यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर देशभर में आज और कल बैंककर्मी हड़ताल पर हैं. आज सुबह से ही बैंकों में ताले लटके रहे. बिहार की राजधानी पटना में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ( All India Bank Officers Confederation ) के बैनर तले बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी एकत्रित हुए और प्रस्तावित निजीकरण का विरोध ( Bank Strike Against Privatization ) करते हुए नारेबाजी की.

ये भी पढ़ेंः कल से लगातार 4 दिन बंद रहेंगे बैंक, अगले सोलह दिनों में 10 दिन रहेगी छुट्टी

राजधानी के वीरचंद पटेल पथ पर पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों ने निजीकरण का विरोध किया और नारेबाजी की. बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार निजीकरण बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसका हम विरोध करते हैं. सरकार जब तक ये फैसला वापस नहीं लेगी, हमलोग हड़ताल करते रहेंगे.

देखें वीडियो

'''इससे आम जनता को भी काफी परेशानी होगी. बैंक अगर निजी होगा तो जनधन खाते की राशि जो गरीबो की है, पूंजीपतियों के हाथ में जाएगी, जो ठीक नहीं है. हमलोग निजीकरण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. जनता के हित को लेकर मोदी सरकार ने सोचना बंद कर दिया है. बैंकों के निजीकरण से जनता को काफी नुकसान हो रहा है. इसलिए, आज हमलोग अपनी दो दिन की सैलरी कटवाकर प्रदर्शन कर रहे हैं' - सुनील कुमार, सचिव, बैंक कमर्चारी संघ

यह भी पढ़ें- कुशेश्वरस्थान और तारापुर उपचुनाव में JDU की जीत पर CM नीतीश ने जनता को दी बधाई

वहीं, यूनाइटेड बैंक फोरम के महासचिव विजय कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार की नीति ठीक नहीं है, सरकार बैंकों को लेकर जो नीति बनाने की बात कर रही है, निजीकरण को लेकर बिल ला रही है, वो गलत है. इसका हमलोग विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी दो दिन बैंक हड़ताल का प्रस्ताव है और अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हमलोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

बता दें कि बैंकों के निजीकरण (Privatization of Banks) को लेकर बैंक के कर्मचारी और अधिकारी नाराज चल रहे हैं. इस कड़ी में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बताया है कि 16 और 17 दिसंबर को बैंकों में हड़ताल होगी. उसके बाद शनिवार और रविवार है. इस प्रकार से चार दिन बैंकिंग सेवा का लाभ लोग नहीं पायेंगे. इसलिए नकदी संभलकर खर्च करें.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार हैं. बैंकों के निजीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आम नागरिकों के आर्थिक जीवन पर भयंकर दुष्प्रभाव पड़ने वाला है. निजीकरण से बैंकों के पीछे की संप्रभु गारंटी खत्म हो जाएगी और जमा राशि अकाउंट सुरक्षित और संरक्षित हो जाएगी.



नोट: ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटनाः यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर देशभर में आज और कल बैंककर्मी हड़ताल पर हैं. आज सुबह से ही बैंकों में ताले लटके रहे. बिहार की राजधानी पटना में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ( All India Bank Officers Confederation ) के बैनर तले बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी एकत्रित हुए और प्रस्तावित निजीकरण का विरोध ( Bank Strike Against Privatization ) करते हुए नारेबाजी की.

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राजधानी के वीरचंद पटेल पथ पर पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों ने निजीकरण का विरोध किया और नारेबाजी की. बैंक कर्मचारियों का कहना है कि सरकार निजीकरण बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसका हम विरोध करते हैं. सरकार जब तक ये फैसला वापस नहीं लेगी, हमलोग हड़ताल करते रहेंगे.

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'''इससे आम जनता को भी काफी परेशानी होगी. बैंक अगर निजी होगा तो जनधन खाते की राशि जो गरीबो की है, पूंजीपतियों के हाथ में जाएगी, जो ठीक नहीं है. हमलोग निजीकरण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. जनता के हित को लेकर मोदी सरकार ने सोचना बंद कर दिया है. बैंकों के निजीकरण से जनता को काफी नुकसान हो रहा है. इसलिए, आज हमलोग अपनी दो दिन की सैलरी कटवाकर प्रदर्शन कर रहे हैं' - सुनील कुमार, सचिव, बैंक कमर्चारी संघ

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वहीं, यूनाइटेड बैंक फोरम के महासचिव विजय कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार की नीति ठीक नहीं है, सरकार बैंकों को लेकर जो नीति बनाने की बात कर रही है, निजीकरण को लेकर बिल ला रही है, वो गलत है. इसका हमलोग विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी दो दिन बैंक हड़ताल का प्रस्ताव है और अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हमलोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

बता दें कि बैंकों के निजीकरण (Privatization of Banks) को लेकर बैंक के कर्मचारी और अधिकारी नाराज चल रहे हैं. इस कड़ी में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बताया है कि 16 और 17 दिसंबर को बैंकों में हड़ताल होगी. उसके बाद शनिवार और रविवार है. इस प्रकार से चार दिन बैंकिंग सेवा का लाभ लोग नहीं पायेंगे. इसलिए नकदी संभलकर खर्च करें.

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार हैं. बैंकों के निजीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आम नागरिकों के आर्थिक जीवन पर भयंकर दुष्प्रभाव पड़ने वाला है. निजीकरण से बैंकों के पीछे की संप्रभु गारंटी खत्म हो जाएगी और जमा राशि अकाउंट सुरक्षित और संरक्षित हो जाएगी.



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Last Updated : Dec 16, 2021, 3:52 PM IST
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