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VIP सीट : क्या जीत का सत्ता लगा पाएंगे श्रवण कुमार, जनता किसे चुनेगी अपना सिरमौर?

दूसरे चरण के मतदान के तहत कई वीआईपी सीटों पर सभी की निगाहें रहेंगी. इन सीटों में एक नालंदा विधानसभा सीट है. सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला होने के साथ-साथ उनकी पार्टी यहां पिछले 6 बार से लगातार चुनाव जीत रही है. पढ़ें पूरी खबर

नालंदा
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Published : Nov 2, 2020, 4:54 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2020: 1977 में अस्तित्व में आई बिहार की नालंदा विधानसभा सीट जेडीयू गढ़ कही जा सकती है. सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला होने के साथ-साथ नालंदा सीट से निर्वतमान विधायक श्रवण कुमार बिहार सरकार में मंत्री हैं. यही कारण है कि इस सीट को वीआईपी सीट कहा जाता है. यहां जेडीयू लगातार 6 बार से जीत दर्ज कर रही है. पिछले सभी 6 चुनाव श्रवण कुमार ने जीते हैं.

जेडीयू ने इस बार फिर श्रवण कुमार को जीत का सत्ता लगाने चुनावी मैदान में उतारा है. 2015 चुनाव की बात करें तो श्रवण कुमार ने BJP के कौशलेंद्र कुमार को 2 हजार 996 वोटों से हराया था. इस बार बीजेपी और जेडीयू दोनों एक साथ चुनावी मैदान में हैं. लेकिन अलग हुई एलजेपी ने यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है. मानें अब यहां महागठबंधन- एनडीए और एलजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है.

  • नालंदा सीट की जनसंख्य़ा की बात करें तो 2011 जनगणना के मुताबिक, यहां की आबादी 4 लाख 22 हजार 135 है.
  • इस आबादी में SC 24.32% और ST 0.03% के अनुपात में हैं.
  • यह क्षेत्र कुर्मी बहुल क्षेत्र माना जाता है.
  • इसके अलावा यहां SC-ST और OBC के साथ-साथ मुस्लिम वोटर्स भी अहम भूमिका निभाते हैं.
  • वोटरों की बात करें तो यहां 2019 मतदाता सूची के मुताबिक, 3 लाख से ज्यादा मतदाता हैं.
  • जिनमें पुरुष मतदाता और महिला वोटर्स-1.40 लाख हैं.

इस बार के चुनाव में हाई प्रोफाइल सीट नालंदा से कुल 20 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां से कांग्रेस के गुंजन पटेल, एलजेपी के राम केश्वर प्रसाद और जेडीयू के श्रवण कुमार प्रत्याशी हैं. 10 नवंबर को आने वाले नतीजे, ये तय करेंगे कि जनता ने किसे अपने सिरमौर चुना है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2020: 1977 में अस्तित्व में आई बिहार की नालंदा विधानसभा सीट जेडीयू गढ़ कही जा सकती है. सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला होने के साथ-साथ नालंदा सीट से निर्वतमान विधायक श्रवण कुमार बिहार सरकार में मंत्री हैं. यही कारण है कि इस सीट को वीआईपी सीट कहा जाता है. यहां जेडीयू लगातार 6 बार से जीत दर्ज कर रही है. पिछले सभी 6 चुनाव श्रवण कुमार ने जीते हैं.

जेडीयू ने इस बार फिर श्रवण कुमार को जीत का सत्ता लगाने चुनावी मैदान में उतारा है. 2015 चुनाव की बात करें तो श्रवण कुमार ने BJP के कौशलेंद्र कुमार को 2 हजार 996 वोटों से हराया था. इस बार बीजेपी और जेडीयू दोनों एक साथ चुनावी मैदान में हैं. लेकिन अलग हुई एलजेपी ने यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है. मानें अब यहां महागठबंधन- एनडीए और एलजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है.

  • नालंदा सीट की जनसंख्य़ा की बात करें तो 2011 जनगणना के मुताबिक, यहां की आबादी 4 लाख 22 हजार 135 है.
  • इस आबादी में SC 24.32% और ST 0.03% के अनुपात में हैं.
  • यह क्षेत्र कुर्मी बहुल क्षेत्र माना जाता है.
  • इसके अलावा यहां SC-ST और OBC के साथ-साथ मुस्लिम वोटर्स भी अहम भूमिका निभाते हैं.
  • वोटरों की बात करें तो यहां 2019 मतदाता सूची के मुताबिक, 3 लाख से ज्यादा मतदाता हैं.
  • जिनमें पुरुष मतदाता और महिला वोटर्स-1.40 लाख हैं.

इस बार के चुनाव में हाई प्रोफाइल सीट नालंदा से कुल 20 उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां से कांग्रेस के गुंजन पटेल, एलजेपी के राम केश्वर प्रसाद और जेडीयू के श्रवण कुमार प्रत्याशी हैं. 10 नवंबर को आने वाले नतीजे, ये तय करेंगे कि जनता ने किसे अपने सिरमौर चुना है.

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