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शराब ढूंढने का टास्क मिलने से मुंगेर में भड़के शिक्षक, कहा- 'अब शिक्षा हो जाएगी मटियामेट'

बिहार सरकार का शिक्षकों को शराब ढूंढने का टास्क (Teachers Will Search Liquor in Bihar) पर मुंगेर में शिक्षक आक्रोशित हो गए. शिक्षकों का कहना है कि शराब को शिक्षा से जोड़ते ही शिक्षा मटियामेट हो जाएगी. शिक्षकों को अब जान का भी डर सता रहा है. गुस्साए शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दी. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

मुंगेर में शिक्षक आक्रोशित
मुंगेर में शिक्षक आक्रोशित
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Published : Jan 29, 2022, 6:18 PM IST

मुंगेर: बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए अब सरकार शिक्षकों से भी काम लेगी. इस संबंध में शिक्षा विभाग का शिक्षकों को निर्देश (Education Department Gave Instructions to Teachers) है कि शिक्षक अब पठन-पाठन कार्य के अलावा इलाके में शराब बेचने वाले, शराब पीने वाले और शराब का उत्पादन करने वाले लोगों की सूचना मद्य निषेध विभाग को देंगे. जैसे ही इस आदेश की प्रति शिक्षकों के हाथ लगी, मुंगेर में शिक्षक आक्रोशित (Munger Teachers Angry) हो गए.

ये भी पढ़ें- बिहार में अब गुरुजी ढूंढेंगे शराब.. स्कूल कैंपस से लेकर गांव-कस्बों में भी एक्टिव रहेंगे मास्टर साहब

शिक्षक सुभाष चंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह सरकार का तुगलकी फरमान है. शिक्षक पहले ही जनगणना, पशु गणना, निर्वाचन कार्य, खुले में शौचालय करने करने वाले लोगों को चिन्हित करने का काम करते आ रहे हैं. पठन-पाठन के अलावा इतने सारे कार्य कराने के बावजूद सरकार शिक्षक को निरीह प्राणी समझ रही है. तभी तो यह तुगलकी फरमान हम लोगों पर लागू कर दिया है. अगर कोई शराबी इलाके से शराब पीकर जेल जाता है और उन्हें जरा शंका हो जाए कि अमुक शिक्षक ने ही मुझे पकड़वाया है, तो शिक्षक की सुरक्षा कौन करेगा.

''यह सरकार अब शिक्षक को पिटवाने का काम करेगी. हम शिक्षक अब गांव में मार खाते नजर आएंगे. शराबी हम लोगों के परिवार को गालियां देंगे. हम लोग असुरक्षित हो गए हैं. यह निर्णय अव्यवहारिक है. अब हमेशा असुरक्षा की भावना रहेगी.''- सुभाष चंद्र कुशवाहा, शिक्षक

वहीं, शिक्षक अभिषेक राज की माने तो सरकार के ऐसे आदेश निकालना शिक्षक को आंदोलन के लिए बाध्य करने वाला है. उन्होंने कहा कि यह तुगलकी फरमान है. शिक्षक इससे असुरक्षित महसूस करेंगे. हम लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल हो जाएगी. हम लोगों के घर पर शराबी आकर गाली-गलौज करेंगे. जब पुलिसकर्मी शराबी को पकड़ने जाते हैं तो वह पीट जाते हैं, तो हम लोग किस खेत की मूली हैं. सरकार कि यह सोच गलत है. शिक्षकों से इस तरह के कार्य नहीं लेना चाहिए. हम लोग गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कैसे दें. इस पर चर्चा हो, यह बेहतर है. इस निर्णय को वापस लेना चाहिए.


बता दें कि शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अपर सचिव के द्वारा जारी एक पत्र को लेकर जिले के शिक्षकों में खासी नाराजगी देखी जा रही है. शिक्षक इसे शिक्षा के साथ सरकार का अन्याय बता रहे हैं. दरअसल, शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने एक पत्र जारी किया है. जो राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजा गया है. इस पत्र के अनुसार सरकारी विद्यालय के शिक्षक नशामुक्ति अभियान की जागरूकता के साथ-साथ शराब बेचने और पीने वालों की रिपोर्ट उत्पाद विभाग को करेंगे. जिसके बाद शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की है.

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मुंगेर: बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए अब सरकार शिक्षकों से भी काम लेगी. इस संबंध में शिक्षा विभाग का शिक्षकों को निर्देश (Education Department Gave Instructions to Teachers) है कि शिक्षक अब पठन-पाठन कार्य के अलावा इलाके में शराब बेचने वाले, शराब पीने वाले और शराब का उत्पादन करने वाले लोगों की सूचना मद्य निषेध विभाग को देंगे. जैसे ही इस आदेश की प्रति शिक्षकों के हाथ लगी, मुंगेर में शिक्षक आक्रोशित (Munger Teachers Angry) हो गए.

ये भी पढ़ें- बिहार में अब गुरुजी ढूंढेंगे शराब.. स्कूल कैंपस से लेकर गांव-कस्बों में भी एक्टिव रहेंगे मास्टर साहब

शिक्षक सुभाष चंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह सरकार का तुगलकी फरमान है. शिक्षक पहले ही जनगणना, पशु गणना, निर्वाचन कार्य, खुले में शौचालय करने करने वाले लोगों को चिन्हित करने का काम करते आ रहे हैं. पठन-पाठन के अलावा इतने सारे कार्य कराने के बावजूद सरकार शिक्षक को निरीह प्राणी समझ रही है. तभी तो यह तुगलकी फरमान हम लोगों पर लागू कर दिया है. अगर कोई शराबी इलाके से शराब पीकर जेल जाता है और उन्हें जरा शंका हो जाए कि अमुक शिक्षक ने ही मुझे पकड़वाया है, तो शिक्षक की सुरक्षा कौन करेगा.

''यह सरकार अब शिक्षक को पिटवाने का काम करेगी. हम शिक्षक अब गांव में मार खाते नजर आएंगे. शराबी हम लोगों के परिवार को गालियां देंगे. हम लोग असुरक्षित हो गए हैं. यह निर्णय अव्यवहारिक है. अब हमेशा असुरक्षा की भावना रहेगी.''- सुभाष चंद्र कुशवाहा, शिक्षक

वहीं, शिक्षक अभिषेक राज की माने तो सरकार के ऐसे आदेश निकालना शिक्षक को आंदोलन के लिए बाध्य करने वाला है. उन्होंने कहा कि यह तुगलकी फरमान है. शिक्षक इससे असुरक्षित महसूस करेंगे. हम लोगों की प्रतिष्ठा धूमिल हो जाएगी. हम लोगों के घर पर शराबी आकर गाली-गलौज करेंगे. जब पुलिसकर्मी शराबी को पकड़ने जाते हैं तो वह पीट जाते हैं, तो हम लोग किस खेत की मूली हैं. सरकार कि यह सोच गलत है. शिक्षकों से इस तरह के कार्य नहीं लेना चाहिए. हम लोग गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कैसे दें. इस पर चर्चा हो, यह बेहतर है. इस निर्णय को वापस लेना चाहिए.


बता दें कि शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अपर सचिव के द्वारा जारी एक पत्र को लेकर जिले के शिक्षकों में खासी नाराजगी देखी जा रही है. शिक्षक इसे शिक्षा के साथ सरकार का अन्याय बता रहे हैं. दरअसल, शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने एक पत्र जारी किया है. जो राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजा गया है. इस पत्र के अनुसार सरकारी विद्यालय के शिक्षक नशामुक्ति अभियान की जागरूकता के साथ-साथ शराब बेचने और पीने वालों की रिपोर्ट उत्पाद विभाग को करेंगे. जिसके बाद शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की है.

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