खगड़िया: जिले के चौथम प्रखंड में बागमती नदी के तट पर नवादा घाट है. घाट किनारे स्थित तीन पंचायत की लगभग पचास हजार की आबादी सिर्फ एक नाव के सहारे आवाजाही करने को मजबूर है.
सिर्फ वोट के लिए नेता
ग्रामीणों का आरोप है कि नेता और विधायक सिर्फ चुनाव के लिए वोट मांगने आते है. स्थानीय जनता की तकलीफों से उन्हें कोई सरोकार नहीं है. 50 हजार की आबादी के लिए एक पुल तक मयस्सर नहीं. आर-पार करने के दौरान दूसरी छोर के यात्री नाव के इंतजार में काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है.
चुनाव के बाद काम शुरू होने की उम्मीद
सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि यहां घाट के लिए 1 साल का कॉन्ट्रैक्ट होता है. विभाग को मोटी रकम देने वाला 1 साल के लिए घाट के किनारे नाव परिचालन के लिए मनमर्जी किराया लागू करता है. वहीं इस मामले में जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि घाट पर पूल के लिए डीपीआर तैयार हो चुका है और चुनाव के बाद काम शुरू होने की उम्मीद है.