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कटिहारः जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन के किनारे रह रहे हैं बाढ़ पीड़ित, सरकार को नहीं है सुध

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Published : Oct 3, 2019, 10:47 PM IST

बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री सह प्रभारी मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि यह आपदा इतनी बड़ी है कि इसमें सरकार और प्रशासन के साथ-साथ सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है.

कटिहार

कटिहारः बाढ़ से कटिहार में लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं. बाढ़ पीड़ित परिवार के साथ जहां-तहां शरण लेने को मजबूर हैं. कई विस्थापित तो रेलवे लाइन के किनारे रह रहे हैं. जहां उनके जान पर खतरा बना हुआ है. रेलवे लाइन पर आती-जाती ट्रेन की चपेट में आकर कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है. सबसे ज्यादा खतरा वहां रह रहे बच्चों को है.

कटिहार
रेलवे लाइन के किनारे ऐसे रह रहे हैं बाढ़ पीड़ित

सरकार नहीं ले रही है सुध
रेलवे लाइन के किनारे रह रहे लोगों ने बताया कि हमारे घर में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसके बाद से हम यहां रह रहे हैं. सरकार-प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है. हमारे पास खाने-पीने का सामान नहीं है. सरकार के एक पॉलीथिन मिला है जिसे टांग कर यहां रह रहे हैं. लेकिन बारिश होती है तो यह पॉलीथिन भी काम नहीं आता, हमलोग भीग जाते हैं.

पेश है रिपोर्ट

सरकार-प्रशासन को साथ मिलकर काम करने की जरूरत
कटिहार दौरे पर आए बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री सह प्रभारी मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि मीडिया के माध्यम से हमें यह जानकारी मिली है. प्रशासन हर संभव मदद करेगी. प्रभारी मंत्री ने कहा कि यह आपदा इतनी बड़ी है कि इसमें सरकार और प्रशासन के साथ-साथ सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है. रेलवे लाइन जैसे खतरनाक जगहों पर रह रहे लोगों को जागरूक करने के लिए समाज के हर वर्ग तो आगे आना चाहिए.

कटिहारः बाढ़ से कटिहार में लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं. बाढ़ पीड़ित परिवार के साथ जहां-तहां शरण लेने को मजबूर हैं. कई विस्थापित तो रेलवे लाइन के किनारे रह रहे हैं. जहां उनके जान पर खतरा बना हुआ है. रेलवे लाइन पर आती-जाती ट्रेन की चपेट में आकर कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है. सबसे ज्यादा खतरा वहां रह रहे बच्चों को है.

कटिहार
रेलवे लाइन के किनारे ऐसे रह रहे हैं बाढ़ पीड़ित

सरकार नहीं ले रही है सुध
रेलवे लाइन के किनारे रह रहे लोगों ने बताया कि हमारे घर में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसके बाद से हम यहां रह रहे हैं. सरकार-प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है. हमारे पास खाने-पीने का सामान नहीं है. सरकार के एक पॉलीथिन मिला है जिसे टांग कर यहां रह रहे हैं. लेकिन बारिश होती है तो यह पॉलीथिन भी काम नहीं आता, हमलोग भीग जाते हैं.

पेश है रिपोर्ट

सरकार-प्रशासन को साथ मिलकर काम करने की जरूरत
कटिहार दौरे पर आए बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री सह प्रभारी मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि मीडिया के माध्यम से हमें यह जानकारी मिली है. प्रशासन हर संभव मदद करेगी. प्रभारी मंत्री ने कहा कि यह आपदा इतनी बड़ी है कि इसमें सरकार और प्रशासन के साथ-साथ सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है. रेलवे लाइन जैसे खतरनाक जगहों पर रह रहे लोगों को जागरूक करने के लिए समाज के हर वर्ग तो आगे आना चाहिए.

Intro:कटिहार

बाढ़ से कटिहार में लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं और जहां तहां ऊंचे स्थानों पर लोग शरण लिए हुए हैं। कुछ लोग बांध पर, सरकारी विद्यालय में, सड़कों के किनारे तो कुछ लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन के किनारे शरण लिए हुए हैं। लेकिन जिले के प्रभारी मंत्री ने इन विस्थापित लोगों के लिए उचित जगह मुहैया कराने की बात ना कहकर बल्कि यह कहते हैं कि यह हम सबकी जिम्मेवारी है कि रेलवे लाइन के किनारे बसे लोगों को हटाकर किसी सरकारी भवन में शिफ्ट कराया जाए।Body:बता दें कि कटिहार के मनिहारी स्थित सिंगल टोला गांव बाढ़ के कारण गंगा में समा चुकी है और वहां के हजारों परिवार रेलवे लाइन के किनारे जान जोखिम में डालकर शरण लिए हुए हैं लेकिन जिला प्रशासन की ओर से विस्थापित परिवारों को उचित जगह मुहैया नहीं कराया गया है और प्रशासन भी लापरवाह हो कर किसी बड़ी घटना के होने का इंतजार कर रही है। लोगों को बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ 10 मीटर का प्लास्टिक दे दिया है बाकी बात उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।

पिछले दो दिनों से जिले के प्रभारी मंत्री सह बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे में हैं और बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनका हाल समाचार भी ले रहे हैं तथा प्रशासन को दिशा निर्देश भी दे रखा है कि कोई भी बाढ़ पीड़ित सुविधा से वंचित न रहे बावजूद सिंगल टोला गांव के लोग जगह के अभाव में रेलवे लाइन के किनारे बसे हुए हैं।Conclusion:रेलवे लाइन के किनारे बसे बाढ़ पीड़ितों के सवाल पर मंत्री जी कहते हैं आपने ध्यान आकृष्ट कराया है अच्छी बात है लेकिन प्रशासन के साथ साथ हम सबों की जिम्मेवारी बनती है कि जन जागरण के लिए उनको यह बताना होगा कि रेलवे लाइन के किनारे ना रहे। उन लोगों को यह बताना होगा कि किसी सरकारी या स्कूल या सरकारी संस्थानों में चले जाए जिससे किसी तरह की अप्रिय घटना ना घटे।

मंत्री जी रेलवे लाइन के किनारे सड़क के किनारे बसे लोगों को उचित जगह मुहैया कराने की बात ना कहकर बल्कि अपना कोरम पूरा करने के लिए कहते हैं हम सबकी जिम्मेदारी है उन्हें किसी दूसरे जगहों पर शिफ्ट कराया जाए। बता दें कि जिले में लगभग 3 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। लोग तो अपनी सुरक्षा को लेकर सरकारी भवनों में चले जाएंगे लेकिन उनके जानवर कहां जाएंगे, उनके घर के सामान कहां जाएंगे क्योंकि विद्यालय में जगह कम है 3 लाख लोग सरकारी स्कूलों में कैसे गुजारा कर सकेंगे। लिहाजा लोग सड़क किनारे और रेलवे लाइन के किनारे बसे हैं लेकिन सरकार उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया है और जगह भी मुहैया नहीं कराया है, आखिर बाढ़ पीड़ित जाए तो कहां जाए।
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