कैमूर: जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने खाते से 11 लाख रुपये की लूट करने वाले 4 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, 2 अपराधी फरार हो गया. पुलिस ने झारखंड के धनबाद और जामताड़ा जिले में कार्रवाई कर इन अपारधियों को गिरफ्तार किया है.
बता दें कि जिले के मोहनियां अनुमंडल स्तिथ सिंचाई यांत्रिक प्रमण्डल के वरीय लिपिक रविश कुमार पांडेय के एसबीआई खाते से इन अपराधियों ने रुपये लूट लिए थे. इस मामले का खुलासा करते हुए एसपी दिलनवाज अहम ने बताया कि वरीय लिपिक की ओर से खाते से पैसे निकासी को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी. इसी पर कार्रवाई कर इन अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि ये सभी अपराधी इससे पहले भी खाते से पैसे निकासी के मामले में जेल जा चुके हैं. वहीं इस बार फिर से गिरफ्तारी हुई है.
54 जनधन खातों में पैसा ट्रांसफर
इसके अलावा एसपी ने कहा कि इन अपराधियों ने लिपिक के खाते से पेटीएम के जरिए 54 अलग-अलग जनधन खातों में पैसा भेजा था. जिसे फ्रिज कर दिया गया है. उन खातों के बारे में एसपी ने कहा कि ये सभी अपराधी खाताधारियों को 5 हजार रुपये का लालच देकर उसके खाते का उपयोग ट्रांजैक्शन के लिए करते थे.
क्या था मामला
बताया जाता है कि वरीय लिपिक रविश कुमार पंडेय अपने एसपीआई खाते से एटीएम के जरिए पैसा निकालने गए थे. लेकिन किसी कारणवश पैसा नहीं निकाला तो वो गूगल पर सर्च कर हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया. जिसके बाद उन्हें किसी अन्य नंबर पर कॉल कर जानकारी लेने को कहा गया. इसके बाद उस दूसरे नंबर से लिपिक को एनी डेस्क एप्लीकेशन डॉउनलोड करने की सलाह दी गई. उसी एनी डेस्क के जरिए साइबर अपराधियों ने लिपिक के खाते से पैसे की निकासी कर ली.
कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मी होंगे पुरुष्कृत
उस संपर्क नंबर को लेकर एसपी ने बताया कि नंबर की जांच की गई तो वो बंगाल के किसी आदमी के नाम पर दर्ज थी. जिसे इन लोगों ने 8 हजार रुपये में खरीदा था. वहीं, अपराध करने के बाद वो नंबर बंद आ रहा था. साथ ही एसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों में धनबाद के वासिर अंसारी, मोसिन अंसारी, मो. अतोउल अंसारी और जामताड़ा का नंदलाल तोरी शामिल हैं. जबकि धनबाद का मिन्हाज अंसारी और अजमल अंसारी उर्फ छोटू अंसारी फरार है. पुलिस ने छापेमारी कर मौके से मोबाइल, बाईक, कंप्यूटर, लैपटॉप और सीपीयू सहित कई फर्जी डॉक्यूमेंट भी बरामद की है. इस मामले में डीआईयू टीम के प्रभारी संतोष कुमार वर्मा के नेतृत्व में पुलिस को यह सफलता हाथ लगी है. टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों को पुरुष्कृत किया जाएगा.