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कैमूर में नाराज ग्रामीणों ने वोट का किया बहिष्कार, 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के लगाए नारे

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Published : Sep 20, 2020, 4:19 PM IST

बिहार में इस साल के अंत में बिधानसभा चुनाव होने की संभावना जतायी जा रही है. जिसको लेकर सभी राजनितिक पार्टियां अपने-अपने स्तर से जनता को लुभाने के लिए मैदान में उतर गई हैं.

Boycott of vote
वोट का वहिष्कार

कैमूर(भभुआ): बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है. वहीं, सभी पार्टियां अपने-अपने क्षेत्र का दौरान कर जनता की समस्याओं को सुनकर उन्हे सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी बीच जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आयी है. जिसमें चैनपुर विधायक और बिहार सरकार के खनन मंत्री बृज किशोर बिंद ने जनता से कहा कि तीन बार से जीत रहे हैं. लेकिन यहां पर कभी सुखाड नहीं आया और इस बार अगर चुनाव हार गए तो अकाल पड जाएगा.

सड़क न बनने से बढ़ी परेशानी
वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि आजादी के बाद से भी गांव में सड़क नहीं बनायी गई है. जिससे नाराज ग्रामीणों ने नेताओं को गांव में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही रोड नहीं तो वोट नहीं देने की चेतावनी दी है. ग्रामीण बताते है कि कई बार जनप्रतिनिधी से लेकर अधिकारी तक गुहार लगाया गया. लेकिन आज तक गांव में सडक नहीं बनाई गई. जिसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल जाने वाले मरीजों को होती है. मरीजों को खाट के सहारे ले जाया जाता है.

सड़क निर्माण की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से विकास की बात की जाती है. ककहा जाता है कि हर गांव को सडक से जोड दिया गया है तो वहीं, बिहार सरकार में मंत्री के क्षेत्र में विकास नहीं होना और वोट का बहिष्कार करना नेताओं के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि जब तक सड़क का निर्माण नहीं कराया जाएगा तब तक वोट नहीं देंगे.

कैमूर(भभुआ): बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है. वहीं, सभी पार्टियां अपने-अपने क्षेत्र का दौरान कर जनता की समस्याओं को सुनकर उन्हे सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी बीच जिले के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आयी है. जिसमें चैनपुर विधायक और बिहार सरकार के खनन मंत्री बृज किशोर बिंद ने जनता से कहा कि तीन बार से जीत रहे हैं. लेकिन यहां पर कभी सुखाड नहीं आया और इस बार अगर चुनाव हार गए तो अकाल पड जाएगा.

सड़क न बनने से बढ़ी परेशानी
वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि आजादी के बाद से भी गांव में सड़क नहीं बनायी गई है. जिससे नाराज ग्रामीणों ने नेताओं को गांव में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही रोड नहीं तो वोट नहीं देने की चेतावनी दी है. ग्रामीण बताते है कि कई बार जनप्रतिनिधी से लेकर अधिकारी तक गुहार लगाया गया. लेकिन आज तक गांव में सडक नहीं बनाई गई. जिसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल जाने वाले मरीजों को होती है. मरीजों को खाट के सहारे ले जाया जाता है.

सड़क निर्माण की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से विकास की बात की जाती है. ककहा जाता है कि हर गांव को सडक से जोड दिया गया है तो वहीं, बिहार सरकार में मंत्री के क्षेत्र में विकास नहीं होना और वोट का बहिष्कार करना नेताओं के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि जब तक सड़क का निर्माण नहीं कराया जाएगा तब तक वोट नहीं देंगे.

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