औरंगाबादः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) अब नक्सलियों से भी संवाद संबंध स्थापित करने में जुट गई है. अघोषित तौर पर यह काम भी शुरू हो गया है. इसकी जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य संजय पासवान (Sanjay Paswan) को मिली है. इसी जिम्मेवारी का निर्वहन करते हुए उन्होने माओवादियों (Maoist) को भारत के संविधान में विश्वास और आस्था रखते हुए सरकार से संवाद कायम करने की बात की है.
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डॉ. पासवान बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड के कासमा में शीर्षस्थ माओवादी नेता और भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो और मिलिट्री कमीशन के सदस्य रहे बहुचर्चित नक्सली नेता जगदीश मास्टर से मुलाकात की. लगभग 2 घंटे तक बातचीत की. दोनों के बीच कई गम्भीर मामलों पर बातचीत हुई.
'हम अपनी संस्था 'कबीर के लोग' की ओर से पटना से नक्सल नेता से एक टीम के साथ संवाद स्थापित करने आए थे. माओवादी भी इसी देश के लोग हैं, उनसे विवाद नहीं संवाद होना चाहिए. चाहता हूं कि माओवादी मुख्यधारा में आएं. यही हमेशा प्रयास रहेगा.' - डॉ. संजय पासवान, पूर्व केंद्रीय मंत्री
उन्होंने कहा कि सरकार और माओवादियों के बीच संवाद स्थापित हो, इसके लिए वे प्रयास करेंगे. जगदीश मास्टर ने सशर्त वार्ता की पेशकश की. कहा कि सरकार हथियार छोड़ कर नक्सलियों से बातचीत करे। इसके पूर्व जेलों में बंद नक्सली रिहा किए जाए और दमन चक्र बंद हो. शीर्ष नक्सल नेता और भाजपा नेता के बीच हुई वार्ता क्या रंग लाती है, यह भविष्य के गर्त में है.
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