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एक मर्डर से भोजपुर में गैंगवार की आशंका, पढ़ें... जिगरी दोस्त बूटन और रंजीत की जानी दुश्मन बनने की कहानी

आरा शहर में वर्चस्व की जंग गैंगवार का रूप ले चुकी है. आरा शहर के पकौड़ी चौक स्थित सर्किट हाउस के पास कुख्यात दीपू चौधरी की हत्या, ये सबूत है 2 'जिगरी' दुश्मनों के बीच अब खूनी जंग शुरू हो चुकी है.

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Published : Mar 26, 2021, 8:10 PM IST

भोजपुर: जिले में वर्चस्व को लेकर बुधवार को कुख्यात दीपू चौधरी की हत्या आरा शहर के पकड़ी चौक स्थित सर्किट हाउस के पास कर दी गई. हत्या के बारे में बताया गया कि जेल में बंद बूटन चौधरी को बुधवार को आरा कोर्ट में पेशी थी. इसी दौरान दीपू चौधरी और उसका साथी अजय चौधरी खर्चा पानी देने के लिए आरा कोर्ट आया था. तभी लौटते वक्त अपराधियों ने दीपू चौधरी और अजय चौधरी को दौड़ाकर बीच बाजार में गोली मारी. दीपू चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि अजय चौधरी जख्मी हो गया. आरोपी उसे नाली में फेंककर आराम से हथियार लहराते हुए निकल गए.

घटना के बाद मृतक का पंचनाम करती पुलिस
घटना के बाद मृतक का पंचनाम करती पुलिस

ये भी पढ़ेंः भोजपुर में गैंगवार, कुख्यात बूटन चौधरी के भतीजे की गोली मारकर हत्या

बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी में गैंगवार की कहानी
कभी बूटन और रंजीत जिगरी दोस्त हुआ करते थे. दोनों में दांत काटी रोटी थी. विश्वसनीय सूत्रों की माने तो बूटन चौधरी रणवीर सेना में एरिया कमांडर हुआ करता था. उस समय से रंजीत चौधरी और बूटन चौधरी एक साथ रहते थे. आरोप है कि उन्होंने कई बड़ी वारदातों को साथ में अंजाम भी दिया. लेकिन साल 2011-12 में दोनों के बीच मामूली जमीन के टुकड़े को लेकर विवाद शुरू हुआ और एक छोटा सा विवाद वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील हो गया.

घटना स्थल से बरामद खोखा
घटना स्थल से बरामद खोखा और कारतूस

अत्याधुनिक हथियारों का शौकीन है बूटन
कुख्यात बूटन चौधरी एके-47 राइफल समेत अत्याधुनिक हथियारों का काफी शौकीन भी माना जाता है. ठीक 5 साल पहले 5 मार्च 2016 को भोजपुर पुलिस ने उसे हथियारों के जखीरे के साथ अरेस्ट किया था. तब बूटन के पास से 1 एके-47, एक रेगुलर रायफल, 3 देशी कट्टे, एके-47 के 29 जिंदा कारतूस और राइफल की 31 गोलियां बरामद की गई थीं. तत्कालीन एसपी नवीन चंद्र झा के मुताबिक उस वक्त बूटन चौधरी उदवंतनगर के बेलाउर में एक शादी समारोह में अत्याधुनिक हथियारों के साथ पहुंचने वाला था. लेकिन जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को मिली, पुलिस ने फौरन जाल बिछाया और बूटन को हथियारों के साथ धर दबोचा.

मौके पर पहुंचकर कार्रवाई में जुटी पुलिस
मौके पर पहुंचकर कार्रवाई में जुटी पुलिस

गिरफ्तारी के 3 साल बाद 2019 में उसे अत्याधुनिक हथियार रखने का दोषी पाया गया. इस बात की चर्चा जोरों पर रही है कि 2016 में बूटन चौधरी को पकड़वाने के मामले में गांव के रंजीत चौधरी ने भूमिका निभाई थी. इसके अलावा ये भी चर्चा है कि रंजीत चौधरी का खेत बेईमानी से बूटन चौधरी ने अपने नाम करा लिया था इसके बाद से ही बूटन चौधरी, रंजीत के खून का प्यासा हो गया.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः बिहार बंद का दिखा व्यापक असर, देखें किस जिले में क्या रहा हाल

छोटी तकरार ने लिया गैंगवार का रूप
दिसंबर 2013 में मुखिया चंपा देवी की रस्सी से गला घोंटकर हत्या किए जाने के केस में रंजीत चौधरी समेत उसके भाई दोनों को आरोपी बनाया गया था. दरअसल, चंपा देवी के सिर पर बूटन चौधरी का हाथ था, इसीलिए उसने 2011 के पंचायत चुनाव में अपने नौकर की पत्नी चंपा देवी को मुखिया चुनाव लड़वा कर जीत भी दिला दी थी.

2016 में AK-47 के साथ गिरफ्तार हुआ था बूटन चौधरी
2016 में AK-47 के साथ गिरफ्तार हुआ था बूटन चौधरी

ऐसे शुरू हुआ खूनी खेल
3 मई 2016 को कुख्यात रंजीत चौधरी के बड़े भाई हेमंत चौधरी को चुनाव प्रचार के दौरान ही गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी. हेमंत चौधरी अपने छोटे भाई की पत्नी जो मुखिया पद की उम्मीदवार थी, उसी के वोट के सिलसिले में निकले थे. अहले सुबह ही गांव में ही हथियारबंद आरोपियों ने गोलियों से भूनकर मौत की नींद सुला दिया था. उस दौरान आरा जेल में बंद बूटन चौधरी के समर्थकों पर हत्या का आरोप लगा था.

बूटन चौधरी(फाइल फोटो)
बूटन चौधरी(फाइल फोटो)

गैंगवार से दहला भोजपुर
20 जुलाई 2016 को बूटन चौधरी के दो समर्थकों को खेत में गोलियों से भून डाला गया. दोनों ट्रैक्टर से खेत जोतने गए थे. 7 जुलाई 2017 को उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर बंगला के समीप बस से खींचकर वार्ड पार्षद के पति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. उस घटना में गड़हनी थाना क्षेत्र के पोसवां गांव निवासी सुदेश्वर का 30 वर्षीय पुत्र परमात्मा आरा से गांव जा रहा था. परमात्मा की पत्नी रजनी देवी पोसवां पंचायत की वार्ड सदस्य है. बूटन चौधरी के परिवार से उसके करीबी रिश्ते थे. 21 सितंबर 2017 को बेलाउर गांव से जीजा की बाइक लेकर जमुआंव गांव के लिए निकले जितेन्द्र चौधरी के इकलौते बेटे को गोलियों से भून डाला गया था.

रंजीत चौधरी(फाइल फोटो)
रंजीत चौधरी(फाइल फोटो)

ये भी पढ़ेंः देखें VIDEO: पुलिस वाले को भी RJD कार्यकर्ताओं ने पीछे हटाया, देखती रही QRT टीम

इन घटनाओं में किसी सुहागन का सुहाग उजड़ गया, तो किसी मां की गोद सूनी हो गई. स्थानीय लोगों को डर इस बात का है कि इस बार बूटन के भतीजे की सरेआम भरे बाजार दौड़ा कर हत्या की गई है. और अब वो इस हत्या के बाद वो चुप नहीं बैठेगा. फिलहाल कुख्यात बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी दोनों जेल में सजा काट रहे हैं.

भोजपुर: जिले में वर्चस्व को लेकर बुधवार को कुख्यात दीपू चौधरी की हत्या आरा शहर के पकड़ी चौक स्थित सर्किट हाउस के पास कर दी गई. हत्या के बारे में बताया गया कि जेल में बंद बूटन चौधरी को बुधवार को आरा कोर्ट में पेशी थी. इसी दौरान दीपू चौधरी और उसका साथी अजय चौधरी खर्चा पानी देने के लिए आरा कोर्ट आया था. तभी लौटते वक्त अपराधियों ने दीपू चौधरी और अजय चौधरी को दौड़ाकर बीच बाजार में गोली मारी. दीपू चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि अजय चौधरी जख्मी हो गया. आरोपी उसे नाली में फेंककर आराम से हथियार लहराते हुए निकल गए.

घटना के बाद मृतक का पंचनाम करती पुलिस
घटना के बाद मृतक का पंचनाम करती पुलिस

ये भी पढ़ेंः भोजपुर में गैंगवार, कुख्यात बूटन चौधरी के भतीजे की गोली मारकर हत्या

बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी में गैंगवार की कहानी
कभी बूटन और रंजीत जिगरी दोस्त हुआ करते थे. दोनों में दांत काटी रोटी थी. विश्वसनीय सूत्रों की माने तो बूटन चौधरी रणवीर सेना में एरिया कमांडर हुआ करता था. उस समय से रंजीत चौधरी और बूटन चौधरी एक साथ रहते थे. आरोप है कि उन्होंने कई बड़ी वारदातों को साथ में अंजाम भी दिया. लेकिन साल 2011-12 में दोनों के बीच मामूली जमीन के टुकड़े को लेकर विवाद शुरू हुआ और एक छोटा सा विवाद वर्चस्व की लड़ाई में तब्दील हो गया.

घटना स्थल से बरामद खोखा
घटना स्थल से बरामद खोखा और कारतूस

अत्याधुनिक हथियारों का शौकीन है बूटन
कुख्यात बूटन चौधरी एके-47 राइफल समेत अत्याधुनिक हथियारों का काफी शौकीन भी माना जाता है. ठीक 5 साल पहले 5 मार्च 2016 को भोजपुर पुलिस ने उसे हथियारों के जखीरे के साथ अरेस्ट किया था. तब बूटन के पास से 1 एके-47, एक रेगुलर रायफल, 3 देशी कट्टे, एके-47 के 29 जिंदा कारतूस और राइफल की 31 गोलियां बरामद की गई थीं. तत्कालीन एसपी नवीन चंद्र झा के मुताबिक उस वक्त बूटन चौधरी उदवंतनगर के बेलाउर में एक शादी समारोह में अत्याधुनिक हथियारों के साथ पहुंचने वाला था. लेकिन जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को मिली, पुलिस ने फौरन जाल बिछाया और बूटन को हथियारों के साथ धर दबोचा.

मौके पर पहुंचकर कार्रवाई में जुटी पुलिस
मौके पर पहुंचकर कार्रवाई में जुटी पुलिस

गिरफ्तारी के 3 साल बाद 2019 में उसे अत्याधुनिक हथियार रखने का दोषी पाया गया. इस बात की चर्चा जोरों पर रही है कि 2016 में बूटन चौधरी को पकड़वाने के मामले में गांव के रंजीत चौधरी ने भूमिका निभाई थी. इसके अलावा ये भी चर्चा है कि रंजीत चौधरी का खेत बेईमानी से बूटन चौधरी ने अपने नाम करा लिया था इसके बाद से ही बूटन चौधरी, रंजीत के खून का प्यासा हो गया.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः बिहार बंद का दिखा व्यापक असर, देखें किस जिले में क्या रहा हाल

छोटी तकरार ने लिया गैंगवार का रूप
दिसंबर 2013 में मुखिया चंपा देवी की रस्सी से गला घोंटकर हत्या किए जाने के केस में रंजीत चौधरी समेत उसके भाई दोनों को आरोपी बनाया गया था. दरअसल, चंपा देवी के सिर पर बूटन चौधरी का हाथ था, इसीलिए उसने 2011 के पंचायत चुनाव में अपने नौकर की पत्नी चंपा देवी को मुखिया चुनाव लड़वा कर जीत भी दिला दी थी.

2016 में AK-47 के साथ गिरफ्तार हुआ था बूटन चौधरी
2016 में AK-47 के साथ गिरफ्तार हुआ था बूटन चौधरी

ऐसे शुरू हुआ खूनी खेल
3 मई 2016 को कुख्यात रंजीत चौधरी के बड़े भाई हेमंत चौधरी को चुनाव प्रचार के दौरान ही गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी. हेमंत चौधरी अपने छोटे भाई की पत्नी जो मुखिया पद की उम्मीदवार थी, उसी के वोट के सिलसिले में निकले थे. अहले सुबह ही गांव में ही हथियारबंद आरोपियों ने गोलियों से भूनकर मौत की नींद सुला दिया था. उस दौरान आरा जेल में बंद बूटन चौधरी के समर्थकों पर हत्या का आरोप लगा था.

बूटन चौधरी(फाइल फोटो)
बूटन चौधरी(फाइल फोटो)

गैंगवार से दहला भोजपुर
20 जुलाई 2016 को बूटन चौधरी के दो समर्थकों को खेत में गोलियों से भून डाला गया. दोनों ट्रैक्टर से खेत जोतने गए थे. 7 जुलाई 2017 को उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर बंगला के समीप बस से खींचकर वार्ड पार्षद के पति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. उस घटना में गड़हनी थाना क्षेत्र के पोसवां गांव निवासी सुदेश्वर का 30 वर्षीय पुत्र परमात्मा आरा से गांव जा रहा था. परमात्मा की पत्नी रजनी देवी पोसवां पंचायत की वार्ड सदस्य है. बूटन चौधरी के परिवार से उसके करीबी रिश्ते थे. 21 सितंबर 2017 को बेलाउर गांव से जीजा की बाइक लेकर जमुआंव गांव के लिए निकले जितेन्द्र चौधरी के इकलौते बेटे को गोलियों से भून डाला गया था.

रंजीत चौधरी(फाइल फोटो)
रंजीत चौधरी(फाइल फोटो)

ये भी पढ़ेंः देखें VIDEO: पुलिस वाले को भी RJD कार्यकर्ताओं ने पीछे हटाया, देखती रही QRT टीम

इन घटनाओं में किसी सुहागन का सुहाग उजड़ गया, तो किसी मां की गोद सूनी हो गई. स्थानीय लोगों को डर इस बात का है कि इस बार बूटन के भतीजे की सरेआम भरे बाजार दौड़ा कर हत्या की गई है. और अब वो इस हत्या के बाद वो चुप नहीं बैठेगा. फिलहाल कुख्यात बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी दोनों जेल में सजा काट रहे हैं.

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