बेगूसराय: पटना के कसहा दियारा की सैकड़ों एकड़ जमीन पर एनटीपीसी की ओर से राख भंडारण बनाए जाने का मामला दिनों-दिन गहराता जा रहा है. उपजाऊ जमीन को किसान जहां अपनी जमीन बता रहे हैं. वहीं एनटीपीसी ने इसे सरकार की अधिग्रहित भूमि मानकर यहां पर निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी है. जिसका विरोध करने पर पिछले दिनों पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठियां बरसाईं थी. इससे नाराज किसानों ने अब आंदोलन का रुख अख्तियार करते हुए शनिवार को धरना-प्रदर्शन किया. वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला भी फूंका गया.
रसीद मौजूद होने का दावा
बता दें सैकड़ों सालों से बेगूसराय के रामदेव जी गांव के किसान बेगूसराय से सटे पटना जिला के मोकामा अंचल की जमीन पर साल में तीन बार फसल उपजाने का काम करते आ रहे हैं. इस मामले में किसानों के पास उस जमीन की रसीद मौजूद होने का दावा पेश किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि उक्त जमीन पर उनके पूर्वज फसल उपजाने का काम करते थे. लेकिन 2011 के बाद किसानों की इस जमीन पर सरकार ने रसीद काटना बंद कर दिया. जिसके बाद एनटीपीसी ने इस जमीन पर निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी. जिसका लोग काफी समय से विरोध करते आ रहे हैं.
अधर में एनटीपीसी का काम
किसानों का मानना है कि यह उनकी जमीन है, जिस पर जबरन एनटीपीसी कब्जा करना चाहता है. किसानों के लगातार विरोध के बीच एनटीपीसी का काम अधर में लटका हुआ है. वहीं किसानों का कहना है कि वह अपनी जान दे देंगे. लेकिन अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे. वहीं स्थानीय लोग सरकार की ओर से अपना पक्ष नहीं रखने से नाराज हैं.
नीतीश कुमार का फूंका पुतला
इस मामले में किसानों ने उपजाऊ भूमि अधिग्रहण मुक्ति मोर्चा के तहत शनिवार को धरना और प्रदर्शन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला भी फूंका. किसानों ने कहा कि जब मल्हीपुर के पास सैकड़ों एकड़ बंजर भूमि बेकार पड़ी हुई है. अब देखना है कि किसानों के इस विरोध के बाद सरकार क्या रुख करती है.