नई दिल्ली : विवादों में घिरे रहे बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए), उसके पंजीकृत प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए खिलाड़ियों को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रतिबंधों को झेलना पड़ सकता है क्योंकि उन्होंने शीर्ष संस्था के निर्देशों के बावजूद अनधिकृत बिहार क्रिकेट लीग (बीसीएल) का आयोजन नहीं रोका.
बीसीएल का आयोजन 20 से 26 मार्च के बीच पटना में किया गया. टूर्नामेंट में पांच टीमों ने हिस्सा लिया था जिसमें दरभंगा डायमंड्स विजेता रहा था. इसका प्रसारण यूरोस्पोर्ट चैनल पर किया गया था.
बीसीसीआई ने 23 मार्च को पत्र भेजकर बीसीए से कहा था कि उसकी टी20 लीग को मंजूरी नहीं मिली है और उसे तुरंत रोकना चाहिए. बीसीए के अधिकारियों ने हालांकि इस पर गौर नहीं किया और टूर्नामेंट का आयोजन जारी रखा.
बीसीसीआई ने अपने पत्र में लिखा था कि अगर बीसीए टूर्नामेंट को रद्द नहीं करता है तो उसे बोर्ड के संविधान के अनुसार प्रतिबंध झेलने के लिये तैयार रहना चाहिए.
इसमें कहा गया है, "हम बिहार राज्य में क्रिकेट संस्कृति तैयार करने के बीसीए के निरंतर प्रयासों की सराहना करते हैं और आपको आश्वस्त करते हैं कि बीसीसीआई नियमों के तहत बीसीए का सहयोग करेगा. इसलिए बीसीसीआई आपको टी20 घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट (बीसीएल) रद्द करने का निर्देश देता है."
पत्र के अनुसार, "अगर बीसीए इस टी20 टूर्नामेंट को रद्द नहीं करता तो इसे बीसीसीआई के नियम और दिशानिर्देशों के अनुसार गैरमान्यता प्राप्त टूर्नामेंट माना जाएगा और बीसीसीआई के नियमों के अनुसार प्रतिबंधों के लिये बीसीए उत्तरदायी होगा."
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बीसीसीआई ने इसके साथ ही कहा कि बोर्ड की चुप्पी को बीसीए अधिकारियों ने मंजूरी मानकर टूर्नामेंट को आगे बढ़ाया.