लंदन : कोरोना वायरस संकट के कारण ब्रिटेन के बंदरगाह पर खड़े क्रूज जहाजों में फंसे भारतीय चालक दल के सैकड़ों सदस्यों ने अपनी भारत वापसी की अपील की है. ऑल इंडिया सीफेरर और जनरल वर्कर्स यूनियन का दावा है कि ब्रिटेन के बंदरगाहों पर खड़े जहाजों में करीब 1500 भारतीय चालक दल के सदस्य फंसे हुए हैं.
बंदरगाह पर खड़े जहाजों में से एक का संदर्भ देते हुए यूनियन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखा है, उन्होंने कहा है, 'यह ब्रिटेन के टिलबरी बंदरगाह पर खड़े जहाज एमवी एस्टोरिया में फंसे चालक दल के 264 भारतीय सदस्यों के संदर्भ में है.'
16 जून को लिखे इस पत्र में कहा गया है, 'इस कोरोना वायरस महामारी के दौरान हमारे भारतीय नागरिक पिछले 90 दिन से विदेशी जल सीमा में फंसे हुए हैं और उन्हें मदद की जरुरत है. तय उड़ान भी दस्तावेजों की कमी के कारण रद्द हो गई. कई लोगों ने जहाज पर ही भूख-हड़ताल शुरू कर दी है.'
ब्रिटिश समुद्री एवं तटरक्षक एजेंसी (एमसीए) ने उक्त जहाज को टिलबरी बंदरगाह पर रोक कर रखा है, जब तक जांच नहीं हो जाती. जहाज का निरीक्षण करने के बाद एमसीए ने एस्टोरिया और उस ऑपरेटर के चार अन्य जहाजों एस्टर, कोलंबस, वास्को डि गामा और मार्को पोलो को भी रोके रखने का आदेश जारी कर दिया.
पढ़ें - विश्व शरणार्थी दिवस : 70 साल बाद भी भोपाल का रायचंदानी परिवार बेहाल
एमसीए ने एक बयान में कहा है कि जहाजों को बंदरगाह पर रोका जाना ब्रिटिश नियमों के तहत एहतियाती कदम है, ताकि उन्हें भेजने से पहले श्रम कानूनों के तहत उनकी पूरी जांच की जा सके. एमसीए का कहना है कि जांच पूरी होने तक जहाज बंदरगाह से नहीं जा सकते.