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सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय को 'सुप्रीम' राहत, SC ने गिरफ्तारी वारंट पर लगाई रोक - सहारा इंडिया केस लाइव अपडेट

निवेशकों का रुपया नहीं लौटाने के मामले में सहारा प्रमुख सुब्रत राय (Sahara Group Chairman Subrata Roy) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. पटना ‌हाईकोर्ट‌ की गिरफ्तारी आदेश को उच्चतम न्यायालय में चैलेंज किया गया. जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को बड़ी राहत दी है. पढ़ें पूरी खबर

subrta Roy
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Published : May 13, 2022, 10:01 AM IST

Updated : May 13, 2022, 4:57 PM IST

नई दिल्ली/पटना: सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पटना हाईकोर्ट द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सुब्रत राय को गिरफ्तार करने के लिए बिहार, यूपी डीजीपी और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को पटना हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाए जाने के बाद सुब्रत राय को बड़ी राहत मिली है.

इससे पहले पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में शुक्रवार को सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय पेश नहीं हुए. जिसके बाद कोर्ट की तरफ से सुब्रत राय के खिलाफ गिरफ्तारी गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया. साथ ही, पटना हाईकोर्ट ने बिहार और उत्तरप्रदेश के डीजीपी व दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को सुब्रत राय को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. अदालत ने शुक्रवार की सुबह 10:30 बजे तक सुब्रत राय सहारा को सशरीर सुनवाई में शामिल होने के लिए कहा था. कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर वह नहीं आए तो फिर उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जाएगा. अब इस मामले में 16 मई को फिर से सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट का आदेश, 11 मई को हाजिर हों सुब्रत रॉय सहारा

कोर्ट के आदेश के बावजूद सहारा के संस्थापक सुब्रत राय के हाजिर नहीं होने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए बिहार और उत्तर प्रदेश के डीजीपी समेत दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को हर हाल में सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को 16 मई को साढ़े दस सुबह में कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. जस्टिस संदीप कुमार ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में ग्राहकों द्वारा जमा कराये गए पैसों के भुगतान को लेकर दायर चार हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

कोर्ट के आदेश का सम्मान नहीं करते सुब्रत राय: कोर्ट ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बावजूद सुब्रत राय का कोर्ट में उपस्थित नहीं होना यह प्रमाणित करता है कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान नहीं करते हैं. कोर्ट ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. 12 मई 2022 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सुब्रत राय को हर हाल में 13 मई को 10:30 बजे कोर्ट में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो निवेशकों द्वारा सहारा के विभिन्न कंपनियों में जमा किये गए हैं, उसका भुगतान इन कंपनियों द्वारा कैसे और कब तक किया जाएगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 16 मई, 2022 को की जाएगी.

सुब्रत राय को पेश होने का दिया था निर्देश : सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक सुब्रत राय ने पटना हाईकोर्ट के 27 अप्रैल 2022 के उनके कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चैलेंज किया गया था. जिसके बाद अदालत ने उन्हें 13 मई को साढ़े दस बजे सुबह हाजिर होने का निर्देश दिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सहारा कंपनी से पूछा था कि बिहार की गरीब जनता ने गाढ़ी कमाई का जो पैसा उसके विभिन्न स्कीमों में निवेशकों ने जमा किया है, उसे उन्हें किस तरह से जल्द से जल्द लौटाया जाएगा. सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने रखा था.

ये भी पढ़ें: ये भी पढ़ें: सहारा इंडिया के दफ्तर में उपभोक्ताओं ने किया जमकर हंगामा, कुर्सी और पंखे तोड़े, सभी ब्रांच बंद कराये

पहले 11 मई को होना था पेश: इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा था यदि 27 अप्रैल तक सहारा कंपनी द्वारा स्पष्ट रूप से कोर्ट को इस बात की जानकारी नही दीं जाती है, तो हाईकोर्ट इस मामले में उचित आदेश पारित करेगा, ताकि निवेशकों का पैसा उन्हें लौटाया जा सके. मालूम हो कि 27 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट ने सहारा इंडिया (Sahara India) के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये पैसे के भुगतान को लेकर सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक सुब्रत राय को 11 मई को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिया था.

सुब्रत राय बुधवार को ही पटना पहुंच गए थे लेकिन किसी वजह से पटना हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई नहीं हो सकी थी. 27 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष रखने वाले वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने कोर्ट के यह बताया था कि कंपनी के ग्राहकों का पैसा वापस करने के लिए कई विकल्प तैयार किए हैं. लेकिन कोर्ट ने दलील को नामंजूर कर दिया था और सुब्रत राय को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था.

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नई दिल्ली/पटना: सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पटना हाईकोर्ट द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. सुब्रत राय को गिरफ्तार करने के लिए बिहार, यूपी डीजीपी और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को पटना हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाए जाने के बाद सुब्रत राय को बड़ी राहत मिली है.

इससे पहले पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में शुक्रवार को सहारा इंडिया के मालिक सुब्रत राय पेश नहीं हुए. जिसके बाद कोर्ट की तरफ से सुब्रत राय के खिलाफ गिरफ्तारी गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया. साथ ही, पटना हाईकोर्ट ने बिहार और उत्तरप्रदेश के डीजीपी व दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को सुब्रत राय को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. अदालत ने शुक्रवार की सुबह 10:30 बजे तक सुब्रत राय सहारा को सशरीर सुनवाई में शामिल होने के लिए कहा था. कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर वह नहीं आए तो फिर उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जाएगा. अब इस मामले में 16 मई को फिर से सुनवाई होगी.

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कोर्ट के आदेश के बावजूद सहारा के संस्थापक सुब्रत राय के हाजिर नहीं होने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए बिहार और उत्तर प्रदेश के डीजीपी समेत दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को हर हाल में सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को 16 मई को साढ़े दस सुबह में कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. जस्टिस संदीप कुमार ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में ग्राहकों द्वारा जमा कराये गए पैसों के भुगतान को लेकर दायर चार हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

कोर्ट के आदेश का सम्मान नहीं करते सुब्रत राय: कोर्ट ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बावजूद सुब्रत राय का कोर्ट में उपस्थित नहीं होना यह प्रमाणित करता है कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान नहीं करते हैं. कोर्ट ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. 12 मई 2022 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सुब्रत राय को हर हाल में 13 मई को 10:30 बजे कोर्ट में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो निवेशकों द्वारा सहारा के विभिन्न कंपनियों में जमा किये गए हैं, उसका भुगतान इन कंपनियों द्वारा कैसे और कब तक किया जाएगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 16 मई, 2022 को की जाएगी.

सुब्रत राय को पेश होने का दिया था निर्देश : सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक सुब्रत राय ने पटना हाईकोर्ट के 27 अप्रैल 2022 के उनके कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चैलेंज किया गया था. जिसके बाद अदालत ने उन्हें 13 मई को साढ़े दस बजे सुबह हाजिर होने का निर्देश दिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सहारा कंपनी से पूछा था कि बिहार की गरीब जनता ने गाढ़ी कमाई का जो पैसा उसके विभिन्न स्कीमों में निवेशकों ने जमा किया है, उसे उन्हें किस तरह से जल्द से जल्द लौटाया जाएगा. सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने रखा था.

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पहले 11 मई को होना था पेश: इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा था यदि 27 अप्रैल तक सहारा कंपनी द्वारा स्पष्ट रूप से कोर्ट को इस बात की जानकारी नही दीं जाती है, तो हाईकोर्ट इस मामले में उचित आदेश पारित करेगा, ताकि निवेशकों का पैसा उन्हें लौटाया जा सके. मालूम हो कि 27 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट ने सहारा इंडिया (Sahara India) के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये पैसे के भुगतान को लेकर सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक सुब्रत राय को 11 मई को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिया था.

सुब्रत राय बुधवार को ही पटना पहुंच गए थे लेकिन किसी वजह से पटना हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई नहीं हो सकी थी. 27 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष रखने वाले वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने कोर्ट के यह बताया था कि कंपनी के ग्राहकों का पैसा वापस करने के लिए कई विकल्प तैयार किए हैं. लेकिन कोर्ट ने दलील को नामंजूर कर दिया था और सुब्रत राय को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था.

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Last Updated : May 13, 2022, 4:57 PM IST
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