पटना: जेडीयू के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह और रेणू कुशवाहा और पूर्व सांसद अरुण कुमार सिंह ने मिलकर बिहार में तीसरे मोर्चे के गठन के तहत बिहार नवनिर्माण मोर्चा बनाया है. इस मोर्चे के बैनर तले राजधानी पटना के विद्यापति मार्ग स्थित गेट टूगेदर हॉल में तीनों नेताओं ने मोर्चा के अन्य नेताओं के साथ मिलकर नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला.
'किसानों का हाल बेहाल'
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार में किसानों का हाल बेहाल है और शिक्षा की स्थिति भी बदतर है. उन्होंने सरकार से किसानों के उत्पादों का लाभकारी मूल्य स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार देने की मांग की. पूर्व मंत्री ने कहा कि किसानों के अनाज की खरीदारी सुनिश्चित हो और सिंचाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए.
'राज्य में योग्य शिक्षकों की कमी'
नरेंद्र सिंह ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों से लेकर महाविद्यालयों तक मानकों के मुताबिक योग्य शिक्षकों की कमी है. बिहार के विद्यालय सिर्फ खिचड़ी का केंद्र बनकर सीमित ना रह जाए. शिक्षक समाज का पूज्य व्यक्ति होता है और जो शिक्षक के योग्य हो उसे ही शिक्षक बनाया जाए.
'राज्य में अराजकता का माहौल'
इस दौरान पूर्व सांसद अरुण कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में आज अराजकता की स्थिति आ गई है. सुशासन का इकबाल खत्म हो गया है और अपराधियों का राज कायम है. प्रदेश में अपराधिक की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और प्रशासन उन्हें रोकने में विफल साबित हो रहा है. पूर्व सांसद ने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार आज पर्यावरण के हितैषी बन रहे हैं जबकि लखीसराय में उन्होंने ही 15 हजार पेड़ कटवा दिए थे. अपने शासन में वर्षों पुराने पेड़ सबसे ज्यादा नीतीश कुमार ने ही कटवाए हैं.
'1994 का दौर फिर से वापस लौटा'
पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा ने कहा कि आज बिहार में 1994 का दौर फिर से वापस आ गया है, जिसके खिलाफ हमने लड़ाई की थी. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश में उद्योग की हालत बहुत खराब है. अपना कार्यकाल याद करते हुए रेणु कुशवाहा ने कहा कि उद्योग मंत्री रहने के दौरान उन्होंने पेपर उद्योग जैसे कुछ उद्योगों की शुरुआत की थी. लेकिन उनके मंत्री पद से हटने के बाद उसे भी बंद करा दिया गया.