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नीति आयोग की रिपोर्ट पर NDA में घमासान, HAM-JDU ने उठाए सवाल तो BJP ने अपनाया बीच का रास्ता

नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report) में बिहार एक बार फिर पिछड़ गया है. बहुआयामी गरीबी सूचकांक में बिहार (Bihar in Multidimensional Poverty Index) सबसे निचले पायदान पर है. बिहार में लगभग 52% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. अब इस रिपोर्ट को लेकर सवाल उठने लगे हैं. नीति आयोग की रिपोर्ट पर एनडीए में विवाद (Controversy in NDA over NITI Aayog report) छिड़ गया है. पढ़ें रिपोर्ट..

नीति आयोग की रिपोर्ट
नीति आयोग की रिपोर्ट
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Published : Nov 28, 2021, 5:22 PM IST

पटना: नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report) में बिहार एक बार फिर निचले पायदान पर है. आयोग ने देश के गरीब राज्यों की जो सूची जारी की है, उसके मुताबिक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index) में बिहार निचले स्थान पर है. बिहार में लगभग 52% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. इस रिपोर्ट पर एनडीए में संग्राम छिड़ा है. हम (HAM) पार्टी ने सीधे-सीधे रिपोर्ट को खारिज किया है, तो जेडीयू (JDU) भी रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर रही है. वहीं, बीजेपी (BJP) ने बीच का रास्ता अपनाया है.

ये भी पढ़ें- नीति आयोग की रिपोर्ट पर विपक्ष ने सरकार को दिखाया आइना, अर्थशास्त्रियों का सुझाव- नीति में बदलाव की जरूरत

हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट को हम एक सिरे से खारिज करते हैं. यह झूठ का पुलिंदा है, रिपोर्ट विकसित और विकासशील राज्यों के लिए अलग-अलग होना चाहिए और उसके लिए स्केल भी अलग टाइप किया जाना चाहिए.

देखें रिपोर्ट

''नीति आयोग की रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है, कचरे का ढेर है. जो लोग इस रिपोर्ट को बनाते हैं उनसे अनुरोध है कि आप बिहार आइए. राज्यों का पैमाना दो स्तर का होता है. एक विकसित राज्य और एक विकासशील राज्य. बिहार सदियों से विकासशील राज्य रहा है, हम विकसित राज्य नहीं है और उस पैमाने पर हम सबसे अच्छा काम कर रहे हैं.''- दानिश रिजवान, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम पार्टी

ये भी पढ़ें- 'नीति आयोग की रिपोर्ट कचरे का ढेर, नीतीश सरकार को बदनाम करने की कोशिश'

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट की प्रासंगिकता पर सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं, रिपोर्ट तो सही है, लेकिन कई इंडेक्स में बिहार पहले ऊपर रहा है, इस बार जरूर चिंताजनक स्थिति है लेकिन भविष्य में हम सुधार कर लेंगे.

नीति आयोग भारत सरकार की एक संस्था है जो हमेशा अपना प्रतिवेदन राज्यों को देते रहती है, उसे खारिज नहीं किया जा सकता है. कहीं ना कहीं कोरोनाकाल के कारण बिहार पर प्रभाव पड़ा है. बाहर से जो प्रवासी आए हैं उनकी संख्या बढ़ी है, जिसके कारण बेरोजगारी की समस्या ज्यादा हो गई है, जिसे नीति आयोग ने देखा है. लेकिन, बिहार ने विकास भी किया है. बिहार में रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं, उन्हें ये भी ध्यान में रखना चाहिए.''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

ये भी पढ़ें- नीति आयोग की रिपोर्ट पर JDU की सफाई- दूसरे राज्यों से नहीं 'जंगलराज' से करें नीतीश सरकार के विकास की तुलना

बता दें कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 51.91% लोग गरीबी रेखा से नीचे है. बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या में सबसे ज्यादा है. स्कूली शिक्षा समेत दूसरे कई इंडेक्स में भी बिहार फिसड्डी साबित हुआ है. हालांकि बिहार विकास दर के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल है. 2020-21 में स्थिर मूल्य पर राज्य की आर्थिक विकास दर 10.5 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. वर्तमान मूल्य पर यह दर 15.4% है.

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पटना: नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report) में बिहार एक बार फिर निचले पायदान पर है. आयोग ने देश के गरीब राज्यों की जो सूची जारी की है, उसके मुताबिक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index) में बिहार निचले स्थान पर है. बिहार में लगभग 52% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. इस रिपोर्ट पर एनडीए में संग्राम छिड़ा है. हम (HAM) पार्टी ने सीधे-सीधे रिपोर्ट को खारिज किया है, तो जेडीयू (JDU) भी रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर रही है. वहीं, बीजेपी (BJP) ने बीच का रास्ता अपनाया है.

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हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट को हम एक सिरे से खारिज करते हैं. यह झूठ का पुलिंदा है, रिपोर्ट विकसित और विकासशील राज्यों के लिए अलग-अलग होना चाहिए और उसके लिए स्केल भी अलग टाइप किया जाना चाहिए.

देखें रिपोर्ट

''नीति आयोग की रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है, कचरे का ढेर है. जो लोग इस रिपोर्ट को बनाते हैं उनसे अनुरोध है कि आप बिहार आइए. राज्यों का पैमाना दो स्तर का होता है. एक विकसित राज्य और एक विकासशील राज्य. बिहार सदियों से विकासशील राज्य रहा है, हम विकसित राज्य नहीं है और उस पैमाने पर हम सबसे अच्छा काम कर रहे हैं.''- दानिश रिजवान, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम पार्टी

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वहीं, बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट की प्रासंगिकता पर सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं, रिपोर्ट तो सही है, लेकिन कई इंडेक्स में बिहार पहले ऊपर रहा है, इस बार जरूर चिंताजनक स्थिति है लेकिन भविष्य में हम सुधार कर लेंगे.

नीति आयोग भारत सरकार की एक संस्था है जो हमेशा अपना प्रतिवेदन राज्यों को देते रहती है, उसे खारिज नहीं किया जा सकता है. कहीं ना कहीं कोरोनाकाल के कारण बिहार पर प्रभाव पड़ा है. बाहर से जो प्रवासी आए हैं उनकी संख्या बढ़ी है, जिसके कारण बेरोजगारी की समस्या ज्यादा हो गई है, जिसे नीति आयोग ने देखा है. लेकिन, बिहार ने विकास भी किया है. बिहार में रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं, उन्हें ये भी ध्यान में रखना चाहिए.''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

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बता दें कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 51.91% लोग गरीबी रेखा से नीचे है. बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या में सबसे ज्यादा है. स्कूली शिक्षा समेत दूसरे कई इंडेक्स में भी बिहार फिसड्डी साबित हुआ है. हालांकि बिहार विकास दर के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल है. 2020-21 में स्थिर मूल्य पर राज्य की आर्थिक विकास दर 10.5 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. वर्तमान मूल्य पर यह दर 15.4% है.

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