दरभंगा: जिले के हायाघाट से जदयू विधायक अमरनाथ गामी ने अपनी विधायकी से इस्तीफे की घोषणा की है. हालांकि उन्होंने जदयू में बने रहने की बात कही है. उन्होंने कहा कि चुनाव में पार्टी के लिए काम करने से रोके जाने की वजह से वे दुखी है. इसीलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है.
'चुनाव में पार्टी के लिए काम नहीं करने दिया गया'
गामी ने कहा कि हायाघाट विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर लोकसभा के अंतर्गत है. वहां से लोजपा के रामचंद्र पासवान चुनाव लड़ रहे हैं. क्षेत्र का विधायक होने और एनडीए में उनके दल जदयू के शामिल होने के बावजूद उन्हें न तो नॉमिनेशन और न ही चुनाव प्रचार के लिए कहा गया.
चुनाव प्रचार के लिए नहीं पूछा गया-गामी
दूसरी ओर दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के गोपालजी ठाकुर चुनाव लड़ रहे हैं. गामी शहर के निवासी हैं, लेकिन फिर भी उन्हें यहां भी अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए काम नहीं करने दिया गया. इससे वे आहत हुए और इसकी सूचना उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को भी दी
'मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की उपेक्षा'
अमरनाथ गामी ने कहा कि मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनकी अपील को अनसुना कर दिया. लगातार उनकी उपेक्षा जारी रही, इसी वजह से वे इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनकी कुर्बानी से गठबंधन सही से चलता है तो वे शहीद होने के लिए तैयार हैं. हालांकि इस बीच उन्होंने नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की.
उपचुनाव में उम्मीदवारी नहीं-गामी
अमरनाथ गामी ने घोषणा की है कि उनके इस्तीफे के बाद होने वाले उपचुनाव में वे उम्मीदवार नहीं होंगे.अगर सीएम नीतीश चाहेंगे तो वे 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनेंगे. उन्होंने राजद या भाजपा में जाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया.
इस्तीफे की असली वजह कुछ और
हालांकि जानकारों का मानना है कि गामी के इस्तीफे की असली वजह लोजपा की ओर से उनकी उपेक्षा और हायाघाट की सीट लोजपा के खाते में जाने का डर है. माना जा रहा है कि वे इस्तीफे की घोषणा कर अपनी नई जमीन तलाश रहे हैं. वे दरभंगा शहर से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं.