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Yes Bank-DHFL scam case : एबीआईएल समूह के अध्यक्ष अविनाश भोसले गिरफ्तार

सीबीआई ने यस बैंक-डीएचएफएल घोटाला मामले में एबीआईएल ग्रुप के चेयरमैन अविनाश भोंसले को गिरफ्तार किया.

CBI arrests Avinash Bhosale arrested
CBI arrests Avinash Bhosale arrested
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Published : May 26, 2022, 10:11 PM IST

Updated : May 27, 2022, 11:14 AM IST

मुंबई : सीबीआई ने यस बैंक-डीएचएफएल घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुणे स्थित रियल एस्टेट समूह एबीआईएल ग्रुप के चेयरमैन अविनाश भोंसले को गिरफ्तार किया है. सीबीआई को संदेह है कि अवैध धन महाराष्ट्र में स्थित कई रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से भेजा गया था. इसमें एक एबीआईएल समूह भी है.

बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने 30 अप्रैल को राज्य के जाने-माने बिल्डरों के परिसरों की तलाशी ली थी. ऑपरेशन के दौरान एबीआईएल और भोसले के परिसरों की भी तलाशी ली गई. इस मामले में सीबीआई ने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और कपिल वधावन पर भी कार्रवाई की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसी मामले में रेडियस डेवलपर्स के संजय छाबड़िया को भी गिरफ्तार किया था.

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, यह घोटाला 2018 में अप्रैल से जून के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पावधि ऋणपत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके बदले में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिजनों को 600 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. यह राशि डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्रा.लि. को कर्ज के रूप में दी गई. इसमें कहा गया है कि कपूर की बेटियां रोशनी, राधा और राखी की डीओआईटी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है.

मुंबई : सीबीआई ने यस बैंक-डीएचएफएल घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुणे स्थित रियल एस्टेट समूह एबीआईएल ग्रुप के चेयरमैन अविनाश भोंसले को गिरफ्तार किया है. सीबीआई को संदेह है कि अवैध धन महाराष्ट्र में स्थित कई रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से भेजा गया था. इसमें एक एबीआईएल समूह भी है.

बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने 30 अप्रैल को राज्य के जाने-माने बिल्डरों के परिसरों की तलाशी ली थी. ऑपरेशन के दौरान एबीआईएल और भोसले के परिसरों की भी तलाशी ली गई. इस मामले में सीबीआई ने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और कपिल वधावन पर भी कार्रवाई की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसी मामले में रेडियस डेवलपर्स के संजय छाबड़िया को भी गिरफ्तार किया था.

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, यह घोटाला 2018 में अप्रैल से जून के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पावधि ऋणपत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके बदले में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिजनों को 600 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. यह राशि डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्रा.लि. को कर्ज के रूप में दी गई. इसमें कहा गया है कि कपूर की बेटियां रोशनी, राधा और राखी की डीओआईटी में 100 फीसदी हिस्सेदारी है.

Last Updated : May 27, 2022, 11:14 AM IST
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