ETV Bharat / business

दो करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाली कंपनियां 2017-18 के लिए भर सकती जीएसटी आडिट रिपोर्ट - जीएसटी

वित्त वर्ष 2017-18 माल एवं सेवा कर का क्रियान्वयन का पहला साल था. इसके लिये आडिट रिपोर्ट 30 जून तक भरी जानी है.

दो करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाली कंपनियां 2017-18 के लिए भर सकती जीएसटी आडिट रिपोर्ट
author img

By

Published : Apr 16, 2019, 9:33 AM IST

नई दिल्ली: दो करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली कंपनियां वित्त वर्ष 2017-18 के लिये अब जीएसटी आडिट रिपोर्ट भरना शुरू कर सकती हैं. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने अपने पोर्टल पर इसके लिए प्रारूप उपलब्ध करा दिया है.

वित्त वर्ष 2017-18 माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन का पहला साल था. इसके लिये आडिट रिपोर्ट 30 जून तक भरी जानी है. मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2018 को सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर-9सी अधिसूचित किया था.

ये भी पढ़ें- देश का निर्यात मार्च में 11 प्रतिशत बढ़ा, व्यापार घाटा कम हुआ

जीएसटी परिषद ने दिसंबर में इन फार्म को भरने की अंतिम तारीख तीन महीने बढ़ाकर 30 जून कर दी थी. जीएसटीएन जीएसटीआर-9सी आफलाइन भी उपलब्ध कराया है. इसे करदाता भर सकते हैं और पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. जीएसटीआर-9 जीएसटी के तहत पंजीकृत सभी करदाताओं के लिये सालाना रिटर्न फार्म है.

जीएसटीआर-9ए एक मुश्त कर योजना अपनाने वाले करदाताओं के लिये है. जीएसटी-9सी एक मिलान ब्योरा है. जिसका सत्यापन चार्टर्ड एकाउंटेंट या कास्ट एकाउंटेंट करते हैं. वैसे करदाताओं को सालाना रिटर्न के साथ इसे जमा करना होता है जिनका कारोबार वित्त वर्ष में 2 करोड़ रुपये से अधिक रहा है.

ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि उद्योग लंबे समय से आफलाइन सुविधा तथा जीएसटीआर-9सी आनलाइन भरने की प्रक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा था. उन्होंने कहा, "आडिटर के डिजिटल हस्ताक्षर की जरूरत, बही-,खातों तथा लाभ/नुकसान खातों को भेजने आदि के बारे में स्पष्टकरण से कंपनियों को इसके अनुपालन में मदद मिलनी चाहिए."

नई दिल्ली: दो करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली कंपनियां वित्त वर्ष 2017-18 के लिये अब जीएसटी आडिट रिपोर्ट भरना शुरू कर सकती हैं. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने अपने पोर्टल पर इसके लिए प्रारूप उपलब्ध करा दिया है.

वित्त वर्ष 2017-18 माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन का पहला साल था. इसके लिये आडिट रिपोर्ट 30 जून तक भरी जानी है. मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2018 को सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर-9सी अधिसूचित किया था.

ये भी पढ़ें- देश का निर्यात मार्च में 11 प्रतिशत बढ़ा, व्यापार घाटा कम हुआ

जीएसटी परिषद ने दिसंबर में इन फार्म को भरने की अंतिम तारीख तीन महीने बढ़ाकर 30 जून कर दी थी. जीएसटीएन जीएसटीआर-9सी आफलाइन भी उपलब्ध कराया है. इसे करदाता भर सकते हैं और पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. जीएसटीआर-9 जीएसटी के तहत पंजीकृत सभी करदाताओं के लिये सालाना रिटर्न फार्म है.

जीएसटीआर-9ए एक मुश्त कर योजना अपनाने वाले करदाताओं के लिये है. जीएसटी-9सी एक मिलान ब्योरा है. जिसका सत्यापन चार्टर्ड एकाउंटेंट या कास्ट एकाउंटेंट करते हैं. वैसे करदाताओं को सालाना रिटर्न के साथ इसे जमा करना होता है जिनका कारोबार वित्त वर्ष में 2 करोड़ रुपये से अधिक रहा है.

ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि उद्योग लंबे समय से आफलाइन सुविधा तथा जीएसटीआर-9सी आनलाइन भरने की प्रक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा था. उन्होंने कहा, "आडिटर के डिजिटल हस्ताक्षर की जरूरत, बही-,खातों तथा लाभ/नुकसान खातों को भेजने आदि के बारे में स्पष्टकरण से कंपनियों को इसके अनुपालन में मदद मिलनी चाहिए."

Intro:Body:

दो करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाली कंपनियां 2017-18 के लिए भर सकती जीएसटी आडिट रिपोर्ट 

नई दिल्ली: दो करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली कंपनियां वित्त वर्ष 2017-18 के लिये अब जीएसटी आडिट रिपोर्ट भरना शुरू कर सकती हैं. जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने अपने पोर्टल पर इसके लिए प्रारूप उपलब्ध करा दिया है. 

वित्त वर्ष 2017-18 माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन का पहला साल था. इसके लिये आडिट रिपोर्ट 30 जून तक भरी जानी है. मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2018 को सालाना रिटर्न फार्म जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर-9सी अधिसूचित किया था. 

ये भी पढ़ें- 

जीएसटी परिषद ने दिसंबर में इन फार्म को भरने की अंतिम तारीख तीन महीने बढ़ाकर 30 जून कर दी थी. जीएसटीएन जीएसटीआर-9सी आफलाइन भी उपलब्ध कराया है. इसे करदाता भर सकते हैं और पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं. जीएसटीआर-9 जीएसटी के तहत पंजीकृत सभी करदाताओं के लिये सालाना रिटर्न फार्म है. 

जीएसटीआर-9ए एक मुश्त कर योजना अपनाने वाले करदाताओं के लिये है. जीएसटी-9सी एक मिलान ब्योरा है. जिसका सत्यापन चार्टर्ड एकाउंटेंट या कास्ट एकाउंटेंट करते हैं. वैसे करदाताओं को सालाना रिटर्न के साथ इसे जमा करना होता है जिनका कारोबार वित्त वर्ष में 2 करोड़ रुपये से अधिक रहा है. 

ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि उद्योग लंबे समय से आफलाइन सुविधा तथा जीएसटीआर-9सी आनलाइन भरने की प्रक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा था. उन्होंने कहा, "आडिटर के डिजिटल हस्ताक्षर की जरूरत, बही-,खातों तथा लाभ/नुकसान खातों को भेजने आदि के बारे में स्पष्टकरण से कंपनियों को इसके अनुपालन में मदद मिलनी चाहिए."


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.