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श्रमिक संगठन ने दी एयर इंडिया को बेचने के खिलाफ संयुक्त संघर्ष की चेतावनी - श्रमिक संगठन

हैदराबाद में पिछले सप्ताह बैठक के बाद यूनियन ने एक बयान में कहा कि एयर कॉरपोरेशन इम्पलॉयज यूनियन (एसीईयू) ने निजीकरण के प्रयास के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष शुरू करने का भी फैसला किया. पूर्व में विमानन कंपनी के निजीकरण का प्रयास दो बार विफल हो चुका है.

श्रमिक संगठन ने दी एयर इंडिया को बेचने के खिलाफ संयुक्त संघर्ष की चेतावनी
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Published : Oct 9, 2019, 9:38 PM IST

मुंबई: एयर इंडिया का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन एसीईयू ने कहा है कि एयरलाइन को निजीकरण करने का राजनीतिक निर्णय का 'विनाशकारी परिणाम' होगा और यह न तो क्षेत्र के और न ही देश के हित में है.

हैदराबाद में पिछले सप्ताह बैठक के बाद यूनियन ने एक बयान में कहा कि एयर कॉरपोरेशन इम्पलॉयज यूनियन (एसीईयू) ने निजीकरण के प्रयास के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष शुरू करने का भी फैसला किया. पूर्व में विमानन कंपनी के निजीकरण का प्रयास दो बार विफल हो चुका है.

एयर इंडिया तथा उसकी अनुषंगी इकाइयों के निजीकरण के खिलाफ उसके तार्किक और युक्तिसंगत दलीलों की उपेक्षा करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए श्रमिक संगठन ने कहा कि सरकार एयरलाइन को बेचने की कोशिश कर चुकी है लेकिन खरीदार तलाशने में विफल रही.

ये भी पढ़ें: विस्तारा एयरलाइन की घरेलू नेटवर्क पर 48 घंटे की सेल की पेशकश

यूनियन के अनुसार, "राजनीतिक स्तर पर लिये गये निर्णय का नागर विमानन के साथ-साथ देश हित के नजरिये 'विनाशकारी प्रभाव' पड़ेगा.

श्रमिक संगठन ने सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयों के साथ मिलकर देशव्यापी अभियान में शामिल होने का निर्णय किया है.

मुंबई: एयर इंडिया का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन एसीईयू ने कहा है कि एयरलाइन को निजीकरण करने का राजनीतिक निर्णय का 'विनाशकारी परिणाम' होगा और यह न तो क्षेत्र के और न ही देश के हित में है.

हैदराबाद में पिछले सप्ताह बैठक के बाद यूनियन ने एक बयान में कहा कि एयर कॉरपोरेशन इम्पलॉयज यूनियन (एसीईयू) ने निजीकरण के प्रयास के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष शुरू करने का भी फैसला किया. पूर्व में विमानन कंपनी के निजीकरण का प्रयास दो बार विफल हो चुका है.

एयर इंडिया तथा उसकी अनुषंगी इकाइयों के निजीकरण के खिलाफ उसके तार्किक और युक्तिसंगत दलीलों की उपेक्षा करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए श्रमिक संगठन ने कहा कि सरकार एयरलाइन को बेचने की कोशिश कर चुकी है लेकिन खरीदार तलाशने में विफल रही.

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यूनियन के अनुसार, "राजनीतिक स्तर पर लिये गये निर्णय का नागर विमानन के साथ-साथ देश हित के नजरिये 'विनाशकारी प्रभाव' पड़ेगा.

श्रमिक संगठन ने सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयों के साथ मिलकर देशव्यापी अभियान में शामिल होने का निर्णय किया है.

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मुंबई: एयर इंडिया का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन एसीईयू ने कहा है कि एयरलाइन को निजीकरण करने का राजनीतिक निर्णय का 'विनाशकारी परिणाम' होगा और यह न तो क्षेत्र के और न ही देश के हित में है.

हैदराबाद में पिछले सप्ताह बैठक के बाद यूनियन ने एक बयान में कहा कि एयर कॉरपोरेशन इम्पलॉयज यूनियन (एसीईयू) ने निजीकरण के प्रयास के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष शुरू करने का भी फैसला किया. पूर्व में विमानन कंपनी के निजीकरण का प्रयास दो बार विफल हो चुका है.

एयर इंडिया तथा उसकी अनुषंगी इकाइयों के निजीकरण के खिलाफ उसके तार्किक और युक्तिसंगत दलीलों की उपेक्षा करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए श्रमिक संगठन ने कहा कि सरकार एयरलाइन को बेचने की कोशिश कर चुकी है लेकिन खरीदार तलाशने में विफल रही.

यूनियन के अनुसार, "राजनीतिक स्तर पर लिये गये निर्णय का नागर विमानन के साथ-साथ देश हित के नजरिये 'विनाशकारी प्रभाव' पड़ेगा.

श्रमिक संगठन ने सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य इकाइयों के साथ मिलकर देशव्यापी अभियान में शामिल होने का निर्णय किया है.

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