हॉन्गकॉन्ग: वैश्विक मंदी का असर पूरी दुनिया में दिखना शुरू हो गया है. कंप्यूटर हार्डवेयर बनाने वाली कंपनी एचपी द्वारा 10,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा के बाद अब बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी ने भी 10 हजार कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया है. बैंक का कहना है कि लागत घटाने के लिए उसे ऐसा करना पड़ रहा है.
फाइनैंशल टाइम्स ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया. इससे पहले, कंपनी के सीईओ ने अपना पद छोड़ दिया था. साथ ही बैंक ने वैश्विक परिदृश्य का हवाला देते हुए 4,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी.
दैनिक अखबार 'फाइनैंशल टाइम्स' की खबर के अनुसार, हालिया छंटनी ज्यादातर उच्च-वेतन वाले पदों पर होगी. यह कंपनी के नए प्रमुख नोएल क्विन के लागत कम करने के अभियान का हिस्सा है. कंपनी गिरती ब्याज दरों, ब्रेग्जिट और व्यापार युद्ध के प्रभाव को समायोजित करने की प्रक्रिया में हैं.
ये भी पढ़ें: त्यौहारी सेल में स्नैपडील की बिक्री 52 प्रतिशत बढ़ी, छोटे शहरों का बड़ा योगदान
अखबार ने अज्ञात स्त्रोतों के हवाले से कहा, "हम सालों से जानते हैं कि हमें लागत के मोर्चे पर कुछ करने की जरूरत है. कर्मचारी, लागत का एक बड़ा हिस्सा हैं. अब हम इसे समझ रहे हैं."
पिछले महीने बैंक ने अचानक समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जॉन फ्लिन्ट के अपने पद से हटने की घोषणा की थी. वे इस पद पर सिर्फ 18 महीने रहे. हालांकि, बैंक ने इसकी वजह नहीं बताई थी.
इसी समय बैंक ने यह भी खुलासा किया था कि वह वैश्विक स्तर पर अपने कर्मचारियों की संख्या में 2 प्रतिशत की कटौती करेगी अर्थात करीब 4,000 नौकरियां कम करेगी.