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फल-सब्जियों के भाव चढ़ाने-उतारने का खेल खत्म करेगी किसान रेल: पीएम मोदी - पीएम मोदी

मोदी ने कहा, "पहली किसान ट्रेन महाराष्ट्र और बिहार के बीच शुरू हो चुकी है. यह रेल महाराष्ट्र से संतरा और दूसरे फल तथा सब्जियां लेकर बिना समय गवाएं बिहार पहुंचेगी और वहां से लीची तथा दूसरे फल सब्जियां और मछली लेकर महाराष्ट्र लौटेगी."

फल-सब्जियों के भाव चढ़ाने-उतारने का खेल खत्म करेगी किसान रेल: पीएम मोदी
फल-सब्जियों के भाव चढ़ाने-उतारने का खेल खत्म करेगी किसान रेल: पीएम मोदी
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Published : Aug 9, 2020, 6:15 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में शुरू की गयी 'किसान रेल' को किसान और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभदायक बताते हुए रविवार को कहा कि इससे फल-सब्जी की कीमतें घटाने-बढ़ाने का 'खेल खेलने वालों' के लिए खेल करने के अवसर कम होंगे.

मोदी हलधर बलराम जयंती पर एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष सुविधा का वीडियो कांफ्रेस के ज​रिये उद्घाटन करने के अवसर पर किसानों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की एक और किस्त भी जारी की.

ये भी पढ़ें- प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से शेयर बाजार को मिलेगी दिशा, विदेशी संकेतों का रहेगा असर

मोदी ने कहा, "पहली किसान ट्रेन महाराष्ट्र और बिहार के बीच शुरू हो चुकी है. यह रेल महाराष्ट्र से संतरा और दूसरे फल तथा सब्जियां लेकर बिना समय गवाएं बिहार पहुंचेगी और वहां से लीची तथा दूसरे फल सब्जियां और मछली लेकर महाराष्ट्र लौटेगी."

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की सुविधाओं से खराब मौसम या दूसरे प्रकार के संकट के समय श्हरों में ताजा फल-सब्जी की कमी नहीं होगी और कीमत का खेल खेलने वालों के ​लिए खेल का मौका कम हो जाएगा.

उन्होंने पूर्णत: वातानुकूलित किसान रेल को रेल लाइन पर दौड़ता कोल्ड स्टोरेज बताते हुए कहा कि इससे जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों की सुरक्षित ढुलाई के साथ- साथ भाड़ा कई गुना कम होगा और इससे शहर के उपभोक्तओं को भी लाभ होगा.

उन्होंने कहा कि इस रेल का फायदा रास्ते में पड़ने वाले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के छोटे किसानों को भी होगा जो इसके माध्यम से बड़े शहर के बाजारों से जुड़ेंगे. इससे किसान दूध और फल-सब्जी का उत्पादन बढ़ाने को प्रोत्साहित होंगे.

गौरतलब है कि बजट घोषणा के अनुसार पिछले दिनों पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू पहली किसान ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर तक 30 अगस्त तक चलाई जा रही है. यह रेल हर शुक्रवार देवलाली से सुबह 11 बजे चलायी जारही है और लगभग 1,500 किलोमीटर की यात्रा करीब 32 घंटों में तय करके अगले दिन शाम 6.45 पर दानापुर पहुंचती है. रास्ते में यह ट्रेन मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भी हो कर गुजरती है. इसे कम से कम 14 स्टेशनों पर रोका जा रही है.

हर स्टेशन पर किसान अपना पार्सल चढ़ा उतार सकते है..पार्सल की बुकिंग स्टेशन पर ही होती है. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर और भी ऐसी गाड़िया चलाने की संभावना है.

इस ट्रेन की शुरुआत के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा था कि किसान रेल दूध, फल, सब्जी जैसी जल्दी खराब हो जाने वाली चीजों को बाजार तक पहुंचाने के साथ ही नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन को बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में शुरू की गयी 'किसान रेल' को किसान और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभदायक बताते हुए रविवार को कहा कि इससे फल-सब्जी की कीमतें घटाने-बढ़ाने का 'खेल खेलने वालों' के लिए खेल करने के अवसर कम होंगे.

मोदी हलधर बलराम जयंती पर एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष सुविधा का वीडियो कांफ्रेस के ज​रिये उद्घाटन करने के अवसर पर किसानों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की एक और किस्त भी जारी की.

ये भी पढ़ें- प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से शेयर बाजार को मिलेगी दिशा, विदेशी संकेतों का रहेगा असर

मोदी ने कहा, "पहली किसान ट्रेन महाराष्ट्र और बिहार के बीच शुरू हो चुकी है. यह रेल महाराष्ट्र से संतरा और दूसरे फल तथा सब्जियां लेकर बिना समय गवाएं बिहार पहुंचेगी और वहां से लीची तथा दूसरे फल सब्जियां और मछली लेकर महाराष्ट्र लौटेगी."

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की सुविधाओं से खराब मौसम या दूसरे प्रकार के संकट के समय श्हरों में ताजा फल-सब्जी की कमी नहीं होगी और कीमत का खेल खेलने वालों के ​लिए खेल का मौका कम हो जाएगा.

उन्होंने पूर्णत: वातानुकूलित किसान रेल को रेल लाइन पर दौड़ता कोल्ड स्टोरेज बताते हुए कहा कि इससे जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों की सुरक्षित ढुलाई के साथ- साथ भाड़ा कई गुना कम होगा और इससे शहर के उपभोक्तओं को भी लाभ होगा.

उन्होंने कहा कि इस रेल का फायदा रास्ते में पड़ने वाले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के छोटे किसानों को भी होगा जो इसके माध्यम से बड़े शहर के बाजारों से जुड़ेंगे. इससे किसान दूध और फल-सब्जी का उत्पादन बढ़ाने को प्रोत्साहित होंगे.

गौरतलब है कि बजट घोषणा के अनुसार पिछले दिनों पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू पहली किसान ट्रेन महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर तक 30 अगस्त तक चलाई जा रही है. यह रेल हर शुक्रवार देवलाली से सुबह 11 बजे चलायी जारही है और लगभग 1,500 किलोमीटर की यात्रा करीब 32 घंटों में तय करके अगले दिन शाम 6.45 पर दानापुर पहुंचती है. रास्ते में यह ट्रेन मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भी हो कर गुजरती है. इसे कम से कम 14 स्टेशनों पर रोका जा रही है.

हर स्टेशन पर किसान अपना पार्सल चढ़ा उतार सकते है..पार्सल की बुकिंग स्टेशन पर ही होती है. पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर और भी ऐसी गाड़िया चलाने की संभावना है.

इस ट्रेन की शुरुआत के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा था कि किसान रेल दूध, फल, सब्जी जैसी जल्दी खराब हो जाने वाली चीजों को बाजार तक पहुंचाने के साथ ही नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन को बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

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