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बढ़ती जनसंख्या पर सीएम योगी ने दिया बड़ा बयान...पढ़िए क्या कहा - जनसंख्या स्थिरीकरण जागरूकता रैली

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि अगर बढ़ती जनसंख्या को कंट्रोल नहीं किया गया तो यह एक बड़ी चुनौती होगी. इसी उद्देश्य को लेकर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाता है.

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Published : Jul 11, 2022, 6:13 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ कालिदास मार्ग स्थित सीएम आवास से किया. उन्होंने कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाला राज्य कुछ ही वर्षों के बाद ही 25 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, लोगों का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा और जनसंख्या बढ़ती जा रही है तो उस समय यह एक बड़ी चुनौती है. इस चुनौती का सामना हमारे प्रदेश को न करना पड़े इसलिए जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस का अर्थ ही है जनसंख्या नियंत्रण, ताकि आम जनता को इसके प्रति जागरूक किया जा सके.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जागरूकता का यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण होता है. अगर हमें अपने लक्ष्य पर पहुंचना है तो जनसंख्या वृद्धि को हमें सिर्फ स्वास्थ्य से ही नहीं जोड़ना चाहिए, बल्कि इससे संबंधित सभी विभागों को जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर तबके के लोगों को इससे जोड़ना चाहिए. इसमें ग्राम विकास, पंचायतीराज और नगर विकास इसमें शामिल हो. इससे शिक्षा विभाग दूर क्यों है? उन्होंने कहा कि आप परिवार नियोजन और स्तरीकरण की बात करते हैं तो यह बात ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण का यह अभियान सफल होना चाहिए. लेकिन, जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न आने पाए.

उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्‍या का हमारी बढ़ती जरूरतों से सीधा संबंध है. जरूरी है कि उपलब्‍ध प्राकृतिक संसाधनों के मुताबिक ही जनसंख्‍या को नियंत्र‍ित किया जाए. साल 2021 में यूपी के सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर 2021-2030 के लिए नई जनसंख्या नीति जारी की थी. नई जनसंख्या नीति में जन्म दर को 2026 तक प्रति हजार जनसंख्या पर 2.1 और 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में यूपी की कुल प्रजनन दर वर्तमान में 2.7 प्रतिशत है.

यूपी में 17 वर्षों में प्रजनन दर घटी है. 1999 में उत्तर प्रदेश में प्रजनन दर 4.06 फीसदी थी जो 2016 में घटकर 2.7 फीसदी हो गई. जबकि, इसी अवधि के दौरान भारत में केवल 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति के अनुसार, प्रस्तावित जन्म दर को प्रदेश में 2026 तक 2.1 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार यूपी की जन्म दर अभी 2.7 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से 2.2 प्रतिशत से अधिक है. इसे 2030 तक 1.9 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार परिवार नियोजन के प्रति लोगों के बीच जागरूकता बढ़ी है. इसके चलते दंपति के बीच परिवार नियोजन के साधनों की उपयोगिता 45.5 प्रतिशत से बढ़कर 62.4 फीसदी हो गई है.

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म बोर्ड का गठन करना उचित होगा : सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रदेश की सहकारी गन्ना विकास समिति एवं सहकारी चीनी मिल समितियों के 50 लाख 10 हजार अंशधारक किसानों को अंश प्रमाण पत्र का वितरण करेंगे. लोकभवन सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में शासन के कई बड़े अधिकारी और किसान उपस्थित रहेंगे. शाम को सीएम योगी एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. इसमें 15 अगस्त 2023 तक आयोजित होने वाले 'आजादी का अमृत महोत्सव' की रूपरेखा एवं आयोजन में व्यापक जन-सहभागिता एवं कार्यक्रम के निर्धारण के लिए कार्यसमिति की बैठक में चर्चा होगी. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री सुरेश खन्ना (वित्तमंत्री), संस्कृति मुख्य सचिव जयवीर सिंह सहित अन्य प्रमुख सचिव उपस्थित रहेंगे.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ कालिदास मार्ग स्थित सीएम आवास से किया. उन्होंने कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाला राज्य कुछ ही वर्षों के बाद ही 25 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, लोगों का भरण-पोषण नहीं हो पा रहा और जनसंख्या बढ़ती जा रही है तो उस समय यह एक बड़ी चुनौती है. इस चुनौती का सामना हमारे प्रदेश को न करना पड़े इसलिए जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस का अर्थ ही है जनसंख्या नियंत्रण, ताकि आम जनता को इसके प्रति जागरूक किया जा सके.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जागरूकता का यह कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण होता है. अगर हमें अपने लक्ष्य पर पहुंचना है तो जनसंख्या वृद्धि को हमें सिर्फ स्वास्थ्य से ही नहीं जोड़ना चाहिए, बल्कि इससे संबंधित सभी विभागों को जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर तबके के लोगों को इससे जोड़ना चाहिए. इसमें ग्राम विकास, पंचायतीराज और नगर विकास इसमें शामिल हो. इससे शिक्षा विभाग दूर क्यों है? उन्होंने कहा कि आप परिवार नियोजन और स्तरीकरण की बात करते हैं तो यह बात ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण का यह अभियान सफल होना चाहिए. लेकिन, जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न आने पाए.

उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्‍या का हमारी बढ़ती जरूरतों से सीधा संबंध है. जरूरी है कि उपलब्‍ध प्राकृतिक संसाधनों के मुताबिक ही जनसंख्‍या को नियंत्र‍ित किया जाए. साल 2021 में यूपी के सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर 2021-2030 के लिए नई जनसंख्या नीति जारी की थी. नई जनसंख्या नीति में जन्म दर को 2026 तक प्रति हजार जनसंख्या पर 2.1 और 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में यूपी की कुल प्रजनन दर वर्तमान में 2.7 प्रतिशत है.

यूपी में 17 वर्षों में प्रजनन दर घटी है. 1999 में उत्तर प्रदेश में प्रजनन दर 4.06 फीसदी थी जो 2016 में घटकर 2.7 फीसदी हो गई. जबकि, इसी अवधि के दौरान भारत में केवल 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है. उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति के अनुसार, प्रस्तावित जन्म दर को प्रदेश में 2026 तक 2.1 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार यूपी की जन्म दर अभी 2.7 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से 2.2 प्रतिशत से अधिक है. इसे 2030 तक 1.9 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार परिवार नियोजन के प्रति लोगों के बीच जागरूकता बढ़ी है. इसके चलते दंपति के बीच परिवार नियोजन के साधनों की उपयोगिता 45.5 प्रतिशत से बढ़कर 62.4 फीसदी हो गई है.

यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म बोर्ड का गठन करना उचित होगा : सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रदेश की सहकारी गन्ना विकास समिति एवं सहकारी चीनी मिल समितियों के 50 लाख 10 हजार अंशधारक किसानों को अंश प्रमाण पत्र का वितरण करेंगे. लोकभवन सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में शासन के कई बड़े अधिकारी और किसान उपस्थित रहेंगे. शाम को सीएम योगी एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. इसमें 15 अगस्त 2023 तक आयोजित होने वाले 'आजादी का अमृत महोत्सव' की रूपरेखा एवं आयोजन में व्यापक जन-सहभागिता एवं कार्यक्रम के निर्धारण के लिए कार्यसमिति की बैठक में चर्चा होगी. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री सुरेश खन्ना (वित्तमंत्री), संस्कृति मुख्य सचिव जयवीर सिंह सहित अन्य प्रमुख सचिव उपस्थित रहेंगे.

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