पटनाः विपक्षी दलों की बैठक पटना में 23 जून को होने जा रही है. पटना में जगह जगह पोस्टर दिखने लगा है. पोस्टर में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खड़गे, नीतीश कुमार, लालू यादव और विपक्षी दलों के बड़े नेताओं की तस्वीर दिख रही है. अरविंद केजरीवाल की पार्टी के नेताओं ने भी कई पोस्टर लगाए हैं. विपक्षी एकजुटता की मुहिम में नीतीश कुमार की भूमिका अहम है, लेकिन लालू प्रसाद यादव भी अहम रोल निभाते रहे हैं.
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लंबे अरसे बाद मैदान में उतरेंगे लालूः इस बार बिहार में लंबे अरसे बाद लालू यादव सक्रिय दिखेंगे. दूसरी तरफ नीतीश कुमार की अभी घोषणा भले ही न हुई हो लेकिन कन्वीनर की भूमिका में दिखते रहे हैं. चर्चा है इस बैठक में सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो उनके नाम पर मुहर भी लग सकती है. इस बैठक में कांग्रेस के साथ विपक्ष के अधिकांश दल शामिल हो रहे हैं, लेकिन बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की भी अहम भूमिका होगी.
लालू-नीतीश अहमः पहले 12 जून को बैठक होने वाली थी, लेकिन राहुल गांधी और विपक्ष के कई नेताओं ने आने में असमर्थता जाहिर की थी. उसके बाद विपक्षी दलों की बैठक पर ग्रहण लगने लगा था, लेकिन लालू प्रसाद यादव की पहल के बाद अब 23 जून को बड़ी बैठक होने जा रही है. उससे पहले भी लालू प्रसाद यादव ने विपक्ष के प्रमुख नेताओं से मिलने में नीतीश कुमार की काफी मदद की थी.
लालू प्रसाद यादव करेंगे मेजबान?: इस बैठक में लालू प्रसाद यादव भी शामिल होंगे. लंबे अरसे बाद अपनी राजनीतिक सक्रियता दिखाएंगे. लालू प्रसाद यादव के पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ बहुत ही बेहतर संबंध हैं. जदयू के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी का भी कहना है कि लालू प्रसाद यादव तो मेजबान हैं. लालू प्रसाद यादव बैठक में शामिल होंगे क्योंकि जेडीयू और आरजेडी तो आयोजक पार्टियों में से है.
"लालू जी को तो आना ही है. वे आयोजक मंडली के सदस्य हैं. JDU के सीएम और RJD के डिप्टी सीएम के नेतृत्व में यह बैठक होने जा रही है. लालू जी इसके अंग है तो उन्हें आना ही है." -विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार सरकार
एकजुटता को नया आयाम दिए लालूः आरजेडी नेताओं का कहना है कि लालू प्रसाद यादव तो विपक्षी एकजुटता को नया आयाम देने में लगे हैं. देश के सभी विपक्षी नेता लालू यादव पर विश्वास करते हैं कि सांप्रदायिक तत्वों को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. नीतीश कुमार भी अहम भूमिका निभा रहे हैं. नीतीश कुमार कन्वीनर बन सकते हैं, इस सवाल पर फिलहाल न आरजेडी के नेता कुछ बोल रहे हैं न ही जदयू के क्योंकि पार्टी नेतृत्व की तरफ से कुछ भी बोलने से मना किया गया है.
"लालू यादव राजनीति दे दो आयाम देने का काम किए हैं. बिहार की राजनिति प्ररिवर्तन में उनका जो योगदान रहा, उस योगदान को देश के स्तर पर स्वीकारता मिली है. जो विपक्षी दल के नेता हैं, वे भी मानते हैं कि लालू प्रसाद ने सामप्रदायिक शक्ति को रोकने का काम किया है. नीतीश जी की भूमिका देश भी देख लिया है." -एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता