पटना: जेडीयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का सीएम नीतीश पर हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक बड़े और गंभीर आरोप कुशवाहा सीएम नीतीश पर लगा रहे हैं. एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा हमला करते हुए जेडीयू को शरद यादव की पार्टी करार दिया और नीतीश पर इसे हथियाने का आरोप लगाया है.
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'नीतीश की नहीं शरद यादव की पार्टी है जेडीयू': उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि जदयू किसी एक की पार्टी नहीं है, करोड़ो की पार्टी है. नीतीश कुमार जी की पार्टी नहीं है बल्कि शरद यादव की पार्टी है. शरद यादव जी ने इस पार्टी को बनाने का काम किया था. समता पार्टी बनी थी जो नीतीश जी की पार्टी बनी थी. शरद यादव को भगाकर जेडीयू पर कब्जा किया गया है.
'डील पर चर्चा से कार्यकर्ता चिंतित': उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू की आरजेडी से अलग डील की चर्चा हो रही है. उस डील में अगर सच्चाई है तो बिहार के लोग उसे स्वीकार नहीं करेंगे. हमारी पार्टी से जुड़े करोड़ों लोग उसको स्वीकार करने वाले नहीं है. इस बात को लेकर लोगों के मन में चिंता है कि आखिर क्या होगा. यही स्थिति बनी रही तो पार्टी तो बर्बाद हो जाएगी. पार्टी को बर्बादी से बचाने वाले, चिंता रखने वाले लोगों को हमने बुलाया है. 19 और 20 फरवरी को कार्यकर्ताओं की बैठक होगी. मकसद बड़ा है इसलिए कौन क्या बोलता है उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
'हमें सिर्फ कागजों पर मिली जिम्मेदारी': उपेंद्र कुशवाहा ने ललन सिंह पर हमला किया है. ललन सिंह ने कहा था कि कुशवाहा अब संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं है. इसपर उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष दोबारा से ललन सिंह बने. उनके अध्यक्ष बनने के बाद राज्य कार्यालय से जो रिलीज जारी हुए हैं उसमें लिखा हुआ है पार्लियामेंट्री बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा. लिखित रूप से उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष है लेकिन मौखिक रूप से नहीं है. यही बात तो कह रहे थे कि कागज में बना दिया लेकिन झुनझुना थमा दिया. जो झुनझुना कि बात हम कह रहे थे उसे ललन सिंह ने बोलकर साबित कर दिया है.