कांगड़ा: विश्व में शांति और अमन का माहौल बना रहे, इस संदेश के साथ एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु बिहार के बोधगया से पैदल चलकर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला पहुंचा. बोधगया से शुरू हुआ बौद्ध भिक्षु का यह सफर धर्मशाला के मैक्लोडगंज में पहुंचकर समाप्त हुआ. बौद्ध भिक्षु ने बोधगया से धर्मशाला तक का सफर करीब 8 महीने में पूरा किया है. वहीं, बौद्ध भिक्षु ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने की इच्छा जाहिर की है.
बौद्ध भिक्षु ने दिया विश्व शांति का संदेश: 8 महीने पहले तिब्बती बौद्ध भिक्षु ने बिहार के बोधगया से यह सफर शुरू किया है. इस दौरान 2100 किमी का सफर पैदल तय करते हुए बौद्ध भिक्षु हिमाचल के धर्मशाला पहुंचा. धर्मशाला के मैक्लोडगंज में पहुंचकर उसकी यह यात्रा खत्म हो गई. बौद्ध भिक्षु ने कहा कि पूरे विश्व में शांति और अमन का माहौल बना रहे, इसके लिए उन्होंने यह पैदल यात्रा शुरू की थी.
'2100 KM तय किया पैदल सफर': धर्मशाला के मैक्लोडगंज पहुंचे बौद्ध भिक्षु कर्मा छेरिंग ने बताया कि इस पैदल सफर के दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. खासकर इन दिनों पड़ रही गर्मी ने उन्हें काफी परेशान किया. दिन के समय तपती गर्मी में सफर तय करना काफी कठिन था, लेकिन उनके हौसले और जज्बे को गर्मी भी नहीं तोड़ सकी और आखिरकार उन्होंने अपना यह पैदल सफर तय कर लिया. बोधगया से लेकर धर्मशाला के मैक्लोडगंज तक उन्होंने तकरीबन 2100 किलोमीटर का पैदल सफर 8 महीने में पूरा किया.
दलाई लामा से मिलने की इच्छा: इस दौरान बौद्ध भिक्षु ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मिलने की इच्छा जताई. उन्होंने कहा अगर तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के साथ उनकी मुलाकात हो जाती है तो, उनका यह पैदल सफर सार्थक सिद्ध हो जाएगा. उन्होंने कहा इस सफर की शुरुआत करने की प्रेरणा भी उन्हें तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से ही मिली. उन्होंने सोचा कि जिस तरह से तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा पूरे विश्व में शांति का संदेश देते हैं तो, क्यों न वह पैदल सफर कर लोगों को विश्व शांति और अमन का संदेश दे.
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