पटना: मनोज झा के ठाकुर को लेकर दिए गए वक्तव्य के बाद बिहार में लगातार सियासत जारी है. आनंद मोहन ने कहा था कि मैं अगर राज्यसभा में होता तो उनकी जीभ खींच लेता. एक बार फिर से पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैं राज्यसभा में जीभ खींच लेने वाले बयान पर आज भी अडिग हूं. साथ ही उन्होंने मनोज झा को फिटकरी झा कहा, उन्होंने फिटकरी झा कहने के पीछे का कारण भी बताया.
'मनोज झा "फिटकरी झा" हैं'- आनंद मोहन: आनंद मोहन ने मनोज झा पर निशाना साधते हुए कहा कि फिटकरी कीटाणुओं को मारने का काम करता है. फिटकरी को दूध में डालिए तो दूध फट जाता है वह दही जमने ही नहीं देगा. एक फिटकरी झा हैं वो नहीं चाहते हैं कि इस देश-प्रदेश में मार्शल कौमे है, वो इकट्ठा हों. वो नहीं चाहते हैं कि देश प्रदेश के लोग एकजुट हों. आनंद मोहन ने मनोज झा को केंद्र का एजेंट करार दिया है.
"मनोज झा के पूरे परिवार को जानता हूं. उनके पिता खुद को सोशलिस्ट कहते थे. कांग्रेस की सरकार बनते ही उनके साथ चले गए. राजद के कमजोर होते ही बीजेपी चले जाएंगे. मैं अपने बयान पर अडिग हूं. महिला आरक्षण बिल में ठाकुर को लाने का कोई मतलब नहीं था."- आनंद मोहन, पूर्व सांसद
आरजेडी से नाराज दिखे आनंद मोहन: मनोज झा द्वारा राज्यसभा में ठाकुरों को लेकर दिए गए बयान के बाद आरजेडी ने ट्वीट कर इसकी तारीफ की थी. आनंद मोहन ने इस बात पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि उन्हें मुबारक हो. इस पूरे मामले पर लगातार बयानबाजी हो रही है. हालांकि आरजेडी की ओर से तेज प्रताप का बयान सामने आया है. इस बयान से भी आनंद खेमे में नाराजगी देखने को मिल रही है.
आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने भी चेताया: इससे पहले आनंद मोहन के बेटे व आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने भी मनोज झा को चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि इस तरह का बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा था कि मनोज झा अपने अंदर के ब्राह्मण को क्यों नहीं मार देते हैं. हम ठाकुर साहब सबको साथ लेकर चलते हैं. समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं है.
मनोज झा का ठाकुरों पर बयान : दरअसल संसद में राजद के सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए ठाकुर का कुआं कविता का पाठ किया था. ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा रचित कविता को पढ़ने के बाद मनोज झा पर चौतरफा हमला जारी है. आरजेडी के अंदर घमासान मचा है. आनंद मोहन और उनके पूरे परिवार ने मोर्चा संभाल लिया है. इधर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मनोज झा के समर्थन में उतर आए हैं. ललन सिंह ने बीजेपी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया.
"आरजेडी सांसद ने किसी जाति को लेकर कुछ नहीं कहा है. उनके कुछ समर्थन हमारी पार्टी में थे, उसमे से एक रणवीर नंदन भी थे. रणवीर नंदन को हमने बाहर कर दिया है. रणवीर ने बयान दिया था कि मोदी जी और नीतीश जी विकास के प्रतीक थे. दोनों को मिल जाना चाहिए."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
बीजेपी का मनोज झा और RJD पर हमला: भाजपा नेता लगातार मनोज झा से इस बयान को लेकर माफी मांगने की मांग कर रहे हैं. साथ ही तेजस्वी यादव से भी माफी मांगने की मांग की जा रही है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि एक तरफ जहां नरेंद्र मोदी देश में पिछड़ा अति पिछड़ा समाज को लेकर कई काम कर रही है तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल के लोग समाज को जाति में बांटकर राजनीति करना चाहते हैं, जो कहीं से भी उचित नहीं है.
"शुरू से यह लोग ऐसे ही करते आए हैं. समाज को जाति को बांटते आए हैं. उसी के नाम पर वोट लेने की राजनीति अब चलने वाली नहीं है. अब हमारा समाज काफी जागरूक हो गया है और जिस तरह का वक्तव्य मनोज झा ने सदन के अंदर दिया है हम शुरू से ही यह जानते थे कि इस वक्तव्य को लेकर एक खास समाज के लोग आहत जरूर होंगे."- अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री