पटना: बुधवार को बिहार कैबिनेट में दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए गए. इनमें से एक केंद्र से बिहार को विशेष राज्य के दर्जा के लिए अनुरोध प्रस्ताव और दूसरा 75 फीसदी आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डालने का प्रस्ताव पास हुआ. इसको लेकर नीतीश कुमार लगातार अपनी मांग रख रहे हैं. वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी नीतीश के समर्थन में उतर आए हैं और केंद्र से इस दिशा में जल्द फैसला लेने की मांग की है.
नीतीश के बाद तेजस्वी की विशेष राज्य के दर्जे की मांग: तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बातों को रखा. इस दौरान उनके साथ वित्त मंत्री विजय चौधरी और मंत्री विजेंद्र यादव भी मौजूद रहे. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार ने हमेशा देश को दशा-दिशा दिखाने का काम किया है. हमारी शुरुआत से मांग रही है कि देश भर में जातीय जनगणना होनी चाहिए. हम सभी दल के लोग पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिले लेकिन वहां से कुछ हुआ नहीं तो ये तय किया गया था कि राज्य सरकार अपने बलबूते पर जातीय जनगणना कराएगी. हम मुख्यमंत्री को इसके लिए धन्यवाद देते हैं. 2 अक्टूबर को जातीय आधारित जनगणना में जाति की क्या स्थिति है पेश किया गया है.
"पिछले विधानसभा सत्र के दौरान हमने पूरी रिपोर्ट आप सबके सामने रखी थी. केवल बिहार ही एक ऐसा राज्य है, जिसके पास अपनी आबादी की पूरी जानकारी है. आज के दिन में साइंटिफिक डाटा जरूरी है ताकि आखिरी पायदान में खड़े लोगों को चिन्हित किया जा सका. हम तो शुरू से कह रहे हैं कि महागठबंधन की सरकार गरीबों की सरकार है. देश में सबसे बड़ा कोई दुश्मन है तो गरीबी और बेरोजगारी है."- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
'केंद्र सरकार रखे अपनी राय': उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देती है तो यहां काम जल्दी होगा. जातीय गणना की रिपोर्ट के आधार पर गरीबों के लिए जो काम करना है उसमें ढाई लाख करोड़ की जरूरत पड़ेगी. यदि केंद्र सरकार विशेष मदद और विशेष दर्जा दे दे तो यह काम आसानी से हो जाएगा. हम सबका साथ और सबके विकास की बात करते हैं. केंद्र सरकार को स्पेशल स्टेटस पर अपनी राय रखनी चाहिए. हम तो यही कहेंगे कि देशभर में जातीय गणना की जाए. साथ ही आरक्षण को 9वीं अनुसूचि में शामिल करने का भी अनुरोध करेंगे.
विशेष राज्य का दर्जा देने से होगा फायदा: तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार कई बार विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर चुके हैं, लेकिन केंद्र की ओर से इसपर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है. केंद्र सरकार को साफ करना चाहिए कि विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा या नहीं. अगर हमें विशेष राज्य का दर्जा दे दिया जाता है तो कई फायदे होंगे. भूमिहीन और किसानों को भूमि देने में और बेरोजगारों को रोजगार देने समेत कई दूसरे काम आसान हो जाएंगे.
"जातीय गणना कराने में काफी दिक्कतें हुईं तो आरक्षण सीमा बढ़ाने का जो फैसला हुआ है उसमें आगे कोई पेंच न फंसे उसको संविधान संशोधन कर नवमी अनुसूची में केंद्र सरकार डाले. चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने भी कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया है. विशेष आज का दर्जा देंगे या नहीं इस पर अपना ओपिनियन भी तो जरूर रखें."- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
'कौन आरक्षण के पक्ष में है पता चल जाएगा'- विजय चौधरी: वहीं वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि इसके अलावा आरक्षण सीमा जो बढ़ाई गई है उसे हम लोगों ने केंद्र से नवमी अनुसूची में डालने का आग्रह किया है, जिससे इसे कोर्ट में नहीं ले जाया जा सके और कानूनी पेंच में नहीं फंसाया जा सके. विजय चौधरी ने कहा जातीय गणना का काम पूरे देश में कहीं नहीं हुआ लेकिन बिहार में किया गया. भाजपा और केंद्र सरकार भी कह रही है कि वह भी आरक्षण के पक्ष में तो इससे पता चल जाएगा कि कौन कितना पक्ष में है.
'40000 करोड़ की राशि की होगी बचत': विजय चौधरी ने आगे कहा कि बिहार सरकार के पास जो संसाधन है उसमें सभी को गरीबी से बाहर निकलना सरकार के बूते से बाहर है. केंद्र सरकार की योजनाओं में बिहार को भी बड़ा हिस्सा देना पड़ रहा है. इन्हीं सबके कारण बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो 40000 करोड़ की राशि जो केंद्र की योजनाओं में लगता है उसकी बचत होगी और इससे जो गरीबी सीमा में है उन्हें बाहर निकालने में सफल होंगे.
"हम लोगों के लिये सौभाग्य की बात है कि पहला संशोधन बिहार से ही गया था. श्री बाबू ने जमींदारी प्रथा उन्मूलन का प्रस्ताव यहां से भेजा था जिसे नवमी अनुसूची में केंद्र ने शामिल किया."- विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार
"कर्पूरी ठाकुर ने कहा था कि समाज में दो तरह की पीड़ा है एक मन की और दूसरा पेट की. पेट की पीड़ा उच्च वर्ग में भी है लेकिन मन की पीड़ा पिछड़ों और दलितों में है. पैसा भारत सरकार के पास है तो बिहार भारत का हिस्सा है या नहीं. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो बिहार भी अग्रणी राज्य की श्रेणी में आ जाएगा, अच्छे विकास दर के बावजूद बिहार सबसे पिछड़े राज्यों में है."-विजेंद्र यादव, योजना विकास मंत्री, बिहार