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धोखाधड़ी की रिपोर्ट न देने पर RBI ने SBI पर लगाया 1 करोड़ रूपये का जुर्माना - भारतीय स्टेट बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 18 अक्टूबर 2021 के एक आदेश द्वारा भारतीय स्टेट बैंक पर 1 करोड़ रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है.

Krishnanand
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Published : Oct 18, 2021, 9:25 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक पर एक करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है. भारतीय रिजर्व बैंक (धोखाधड़ी वर्गीकरण और वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं द्वारा रिपोर्टिंग) निर्देश 2016 में निहित निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए यह अर्थ दंड लगाया है.

यह अर्थ दंड बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 47ए (1) (सी) के साथ धारा 46(4)(i) और 51(1) के प्रावधानों के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है. यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियां और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर रिपोर्ट नहीं करने के इरादे की वजह से लगाया गया है.

क्या है मामला

बैंक के पास रखे गए ग्राहक खाते में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक जांच की गई और जांच रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी संबंधित पत्राचार की जांच, अन्य बातों के साथ, धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग में देरी की सीमा तक पूर्वोक्त निर्देशों का अनुपालन न करने का खुलासा किया गया.

यह भी पढ़ें-NCLT ने फ्यूचर ग्रुप को दी बड़ी राहत, रिलायंस रिटेल को सौदे के लिए बैठक की दी मंजूरी

उसी के आगे बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उसे यह बताने की सलाह दी गई थी कि उक्त निर्देशों का पालन न करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए. व्यक्तिगत सुनवाई में बैंक द्वारा दिए गए नोटिस और मौखिक प्रस्तुतियों पर बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरबीआई के उपरोक्त निर्देशों के गैर-अनुपालन के आरोप की पुष्टि की गई.

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक पर एक करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है. भारतीय रिजर्व बैंक (धोखाधड़ी वर्गीकरण और वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थाओं द्वारा रिपोर्टिंग) निर्देश 2016 में निहित निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए यह अर्थ दंड लगाया है.

यह अर्थ दंड बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 47ए (1) (सी) के साथ धारा 46(4)(i) और 51(1) के प्रावधानों के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है. यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियां और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर रिपोर्ट नहीं करने के इरादे की वजह से लगाया गया है.

क्या है मामला

बैंक के पास रखे गए ग्राहक खाते में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक जांच की गई और जांच रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी संबंधित पत्राचार की जांच, अन्य बातों के साथ, धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग में देरी की सीमा तक पूर्वोक्त निर्देशों का अनुपालन न करने का खुलासा किया गया.

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उसी के आगे बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उसे यह बताने की सलाह दी गई थी कि उक्त निर्देशों का पालन न करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए. व्यक्तिगत सुनवाई में बैंक द्वारा दिए गए नोटिस और मौखिक प्रस्तुतियों पर बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरबीआई के उपरोक्त निर्देशों के गैर-अनुपालन के आरोप की पुष्टि की गई.

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