पटना: आज के दिन पूरे देश की नजर पटना पर टिकी है. जाहिर है पटना आज पॉलिटिकल हब बना है. वजह साफ है कि पटना में देश की विपक्षी दलों की बैठक की जा रही है और इस बैठक में देश के विपक्षी दलों के प्रमुख नेता मौजूद हैं.
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पार्टियों में मची है होड़: ऐसे में पूरे पटना में राजनीतिक चर्चाओं का दौर चल रहा है. बैठक का क्या नतीजा होगा या फिर यह बैठक बेनतीजा समाप्त हो जायेगी? उससे पहले लोगों में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हैं. कार्यकर्ताओं की अलग सोच है तो, वहीं पूरे देश से आई मीडिया भी अलग-अलग चर्चा कर रही है. पटना की सड़कों पर पोस्टर बैनर छाए पड़े हैं और इसमें अपने-अपने दल के नेताओं को प्रमुखता देने की होड़ मची है.
अंदर बैठक, बाहर चर्चाओं का दौर : विपक्षी एकता की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास में की जा रही है. मीडिया को बैठक से दूर रखा गया है. बैठक में क्या चर्चा हो रही है, किस बात पर सहमति बनाई जा रही है या फिर नेता एक दूसरे पर क्या टीका टिप्पणी कर रहे हैं, ये खबरें बाहर नहीं आ पा रही है.
हालांकि अलग-अलग समय पर इस बात की चर्चा हो जा रही है कि विपक्षी एकता के संयोजक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बनाया जा रहा है. इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच में तीखी बयानबाजी हुई है, लेकिन, इसकी पुष्टि वही कर सकता है जो उस बैठक में अंदर शामिल है. फिलहाल बैठक चल रही है और बैठक का नतीजा क्या कुछ निकल पाता है, यह कुछ देर के बाद पता चलेगा.
देश का पीएम कैसा हो मेरे नेता जैसा हो: देश के सभी विपक्षी दलों के नेता इस बैठक में पहुंचे हैं. उनके समर्थक भी इस बैठक पर पैनी निगाह रखे हैं. आरजेडी, जदयू, समाजवादी पार्टी, टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआई सीपीएम, सहित सभी पार्टियों के कार्यकर्ता इस बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं.
उनकी इच्छा यह है इस बैठक में उनके नेता को प्रमुख स्थान मिले और और उनकी पार्टी की स्थिति विपक्षी पार्टियों में मजबूत हो. कार्यकर्ताओं की इच्छा यह है कि देश का पीएम कैसा हो उनके नेता जैसा हो और इसी चाह में उत्तर प्रदेश, बंगाल, दिल्ली सहित कई राज्यों से अलग-अलग दलों के समर्थक पहुंचे हैं.
पटना बना पॉलिटिकल हब: बिहार की राजधानी पटना में ऐसी बैठक पहली बार हो रही है. पटना मे वीआईपी जोन को बिलकुल बंद कर दिया गया है. इस बैठक मे 15 दलों की अध्यक्ष और शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. जिसमें 6 राज्य बिहार, बंगाल, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं.
इस बैठक में मुख्य रूप से नीतीश कुमार, लालू यादव, तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, मलिकार्जुन खरगे, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, महबूबा मुफ्ती, दीपंकर भट्टाचार्य, सीताराम येचुरी, डी राजा, उमर अब्दुल्ला, स्टालिन, शरद पवार मौजूद हैं.
पोस्टर बाजी में आगे निकलने की होड़ : जब देश के इतने सारे नेता पटना में मौजूद हों तो पोस्टर बाजी कैसे नहीं होगी? पूरे पटना को पोस्टर बैनर से पाट दिया गया है. अलग-अलग दलों के अलग-अलग पोस्टर लगे हैं. किसी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा चेहरा बताया गया है तो किसी में राहुल गांधी को बड़े बड़े स्तर का नेता बताया गया है.
'मोहब्बत करने वाला नेता राहुल गांधी': कई जगहों पर स्लोगन भी लिखे गए हैं, जिसमें उन्होंने अपने नेता को देश का नेता बताया तो, किसी ने अपने नेता को देश का लाल बताया है. कहीं मोहब्बत की दुकान लगाई गई, जिसमें राहुल गांधी को मोहब्बत करने वाला नेता बताया गया है. इस तरह से पटना की सड़कें पोस्टर बैनर से पट गई हैं.
महागठबंधन दलों के कार्यालय में मेले जैसा माहौल: पटना में महागठबंधन के दलों के कार्यालयों में मेले जैसा माहौल है. सबको लग रहा है कि आज एक बड़ा फैसला होने वाला है और इसके बाद जश्न मनाया जाएगा. पटना में फिलहाल कांग्रेस, आरजेडी, जदयू, एनसीपी, सीपीआईएमएल, सीपीएम के कार्यालय हैं और वहां कार्यकर्ताओं की भीड़ है.
सभी अपने-अपने तरीके से इस बैठक की व्याख्या कर रहे हैं और उसके परिणाम की उम्मीद भी जता रहे हैं. बैठक के बाद जब सभी नेता अपनी तरफ से बयान देंगे, तब पता चलेगा कि इस बैठक में क्या कुछ चर्चा हुई और किस बात पर सहमति बनी.