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इमरान के सिर से फिसलता ताज, सहयोगी दल भी हुआ नाराज - imran khan PMLQ

इमरान की पार्टी को समर्थन देने वाले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) का कहना है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी अविश्वास प्रस्ताव के कारण शत प्रतिशत खतरे में है. पीएमएल-क्यू के नेता एवं पंजाब एसेंबली के स्पीकर चौधरी परवेज इलाही ने इमरान की बदले की नीति की कटु आलोचना करते हुये कहा है कि यह देश को चलाने का तरीका नहीं है.

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पाक पीएम इमरान खान
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Published : Mar 16, 2022, 6:20 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिये विपक्षी दलों के साथ अब सहयोगी दल भी शामिल होते दिख रहे हैं, जिससे इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर 172 सदस्यों की मुहर चाहिये, तभी यह प्रस्ताव पारित हो सकता है.

इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के पास 156 सीटें थीं, लेकिन एक सांसद की मौत के बाद से वह सीट खाली है. इमरान की पार्टी को मुत्ताहिद कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (सात सीट), बलूचिस्तान आवामी पार्टी (पांच सीट), पाकिस्तान मुस्लिम लीग (कायद) (पांच सीट), ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (तीन सीट),आवामी मुस्लिम लीग-पाकिस्तान (एक सीट), जम्हूरी वतन पार्टी (एक सीट) और एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है. इन सबको मिलाकर इमरान खान को 178 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है.

लेकिन इमरान की पार्टी को समर्थन देने वाले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) का कहना है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी अविश्वास प्रस्ताव के कारण शत प्रतिशत खतरे में हैं. पीएमएल-क्यू के नेता एवं पंजाब एसेंबली के स्पीकर चौधरी परवेज इलाही ने इमरान की बदले की नीति की कटु आलोचना करते हुये कहा है कि यह देश को चलाने का तरीका नहीं है.

उन्होंने कहा कि इमरान पूरी तरह मुसीबत में हैं क्योंकि उनकी सहयोगी पार्टियां अब विपक्ष के साथ खड़ी हैं. इमरान की सरकार में बुद्धिमता और समझदारी की कमी है. प्रधानमंत्री में बदले की खूब इच्छा है और इस बात का सबूत यह है कि वह सबको नेशनल अकांउटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) की धमकी देते हैं. यह शासन करने का तरीका नहीं है.

उन्होंने अपने बेटे मूनीस इलाही का उदाहरण देते हुये कहा, जब मूनीस ने अपना भाषण दिया, हमें नैब की धमकी मिलने लगी. शासन में बहुत की अनुभवहीन लोग हैं. उन्हें पहले सीखना चाहिये. वे जब कुर्सी से उतरेंगे, तो सीखेंगे. इस सरकार को अपने ही लोगों से खतरा है. इलाही का कहना है कि विपक्ष बहुत ही मजबूत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और जमात उलेमा ए इस्लाम फज्ल जैसी विपक्षी पार्टियां इमरान सरकार के दबाव की राजनीति के खिलाफ एकजुट हुई हैं.

उन्होंने कहा कि जब विपक्षी एक व्यक्ति के खिलाफ एकजुट होते हैं, तो आपसी कड़वाहट भूल जाते हैं. इमरान खान की सरकार बहुत ही कम सीटों के अंतर से सत्ता में बनी हुई है और अगर उनके सहयोगी दलों के कुछ सदस्य तथा निर्दलीय सदस्य मजबूत हो रहे विपक्ष में शामिल हो जाते हैं, तो उनकी कुर्सी छिन जायेगी. इलाही इसीलिये कहते हैं कि इमरान खान के पास अब समय नहीं है और गठबंधन सरकार की दरारें अब गहरी हो गयी हैं.

दूसरी तरफ पीटीआई के सांसदों का कहना है कि विपक्ष की यह साजिश नाकाम होगी और इमरान सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि कोई भी सहयोगी दल या पीटीआई का सदस्य विपक्ष को समर्थन नहीं देगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि बाहरी ताकतों के इशारे पर विपक्ष ने यह हंगामा किया है.

ये भी पढ़ें : पाकिस्तानी संसद हमला मामला : राष्ट्रपति अल्वी, विदेश मंत्री कुरैशी व अन्य बरी

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिये विपक्षी दलों के साथ अब सहयोगी दल भी शामिल होते दिख रहे हैं, जिससे इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर 172 सदस्यों की मुहर चाहिये, तभी यह प्रस्ताव पारित हो सकता है.

इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के पास 156 सीटें थीं, लेकिन एक सांसद की मौत के बाद से वह सीट खाली है. इमरान की पार्टी को मुत्ताहिद कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (सात सीट), बलूचिस्तान आवामी पार्टी (पांच सीट), पाकिस्तान मुस्लिम लीग (कायद) (पांच सीट), ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (तीन सीट),आवामी मुस्लिम लीग-पाकिस्तान (एक सीट), जम्हूरी वतन पार्टी (एक सीट) और एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है. इन सबको मिलाकर इमरान खान को 178 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है.

लेकिन इमरान की पार्टी को समर्थन देने वाले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) का कहना है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी अविश्वास प्रस्ताव के कारण शत प्रतिशत खतरे में हैं. पीएमएल-क्यू के नेता एवं पंजाब एसेंबली के स्पीकर चौधरी परवेज इलाही ने इमरान की बदले की नीति की कटु आलोचना करते हुये कहा है कि यह देश को चलाने का तरीका नहीं है.

उन्होंने कहा कि इमरान पूरी तरह मुसीबत में हैं क्योंकि उनकी सहयोगी पार्टियां अब विपक्ष के साथ खड़ी हैं. इमरान की सरकार में बुद्धिमता और समझदारी की कमी है. प्रधानमंत्री में बदले की खूब इच्छा है और इस बात का सबूत यह है कि वह सबको नेशनल अकांउटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) की धमकी देते हैं. यह शासन करने का तरीका नहीं है.

उन्होंने अपने बेटे मूनीस इलाही का उदाहरण देते हुये कहा, जब मूनीस ने अपना भाषण दिया, हमें नैब की धमकी मिलने लगी. शासन में बहुत की अनुभवहीन लोग हैं. उन्हें पहले सीखना चाहिये. वे जब कुर्सी से उतरेंगे, तो सीखेंगे. इस सरकार को अपने ही लोगों से खतरा है. इलाही का कहना है कि विपक्ष बहुत ही मजबूत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और जमात उलेमा ए इस्लाम फज्ल जैसी विपक्षी पार्टियां इमरान सरकार के दबाव की राजनीति के खिलाफ एकजुट हुई हैं.

उन्होंने कहा कि जब विपक्षी एक व्यक्ति के खिलाफ एकजुट होते हैं, तो आपसी कड़वाहट भूल जाते हैं. इमरान खान की सरकार बहुत ही कम सीटों के अंतर से सत्ता में बनी हुई है और अगर उनके सहयोगी दलों के कुछ सदस्य तथा निर्दलीय सदस्य मजबूत हो रहे विपक्ष में शामिल हो जाते हैं, तो उनकी कुर्सी छिन जायेगी. इलाही इसीलिये कहते हैं कि इमरान खान के पास अब समय नहीं है और गठबंधन सरकार की दरारें अब गहरी हो गयी हैं.

दूसरी तरफ पीटीआई के सांसदों का कहना है कि विपक्ष की यह साजिश नाकाम होगी और इमरान सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि कोई भी सहयोगी दल या पीटीआई का सदस्य विपक्ष को समर्थन नहीं देगा. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि बाहरी ताकतों के इशारे पर विपक्ष ने यह हंगामा किया है.

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